बार – बार हो रहे सर्दी-जुकाम को जड़ से ठीक करने का उपाय है नेति क्रिया 

सर्दी-जुकाम की समस्या बार-बार हो रही है। दर्द और तनाव के कारण सिर भारी लगता है, तो नेति क्रिया करें। यह क्रिया तनाव और क्रोध को दूर करने में भी मदद करती है।
neti kriya ke fayde
नेति क्रिया से सांस संबंधी समस्याएं, तनाव और क्रोध से भी छुटकारा मिल सकता है। चित्र: शटरस्टॉक
Published On: 5 Sep 2022, 10:00 pm IST
  • 126

वायुमंडल में मौजूद परागकण, धूल कण या किसी खास केमिकल के कारण हमें एलर्जी हो जाती है। इससे हमें बार-बार सर्दी-जुकाम होने लगता है। इसके कारण कान, आंख तथा गले में भी प्रॉब्लम होने लगती है। कभी-कभी मूड स्विंग के कारण भी शरीर एवं मस्तिष्क में भारीपन-सा लगता है। सुस्ती-सी छायी रहती है। हम सोचते हैं कि ऐसा क्या किया जाए कि चुस्ती और ताजगी का एहसास हो। सर्दी-जुकाम जड़ से खत्म हो जाए और मूड भी फ्रेश हो जाए। हमारी ज्यादातर मुश्किलें लाइफस्टाइल के कारण होती हैं और उसका उपचार योगासन में मौजूद है।

नेति क्रिया है  समाधान

‘योगासन करें और स्वस्थ रहें’ पुस्तक के लेखक और योगाचार्य सुरेश सिन्हा के अनुसार, शरीर को टॉक्सिंस एवं अशुद्धियों से मुक्त करने के लिए षटकर्म यानी छह क्रियाएं की जाती हैं। ये छह क्रियाएं मिलकर हठयोग कहलाती हैं। इसमें से एक क्रिया है नेति। नेति क्रिया नासिका प्रदेश के शुद्धिकरण की विधि है। इससे सांस संबंधी कई समस्याओं का समाधान हो जाता है। इस क्रिया को सही तरीके से करनो पर बहुत अधिक लाभ मिलते हैं। आइए जानते हैं नेति क्रिया कैसे (How to do Neti kriya) की जाती है?

कैसे करें नेति क्रिया

इसके लिए सबसे पहले नेति पॉट या नेति लोटा लें। यह सुपर मार्केट में आसानी से मिल जाता है।

1 बायें नथुने में पानी

पॉट में गुनगुना पानी भरें। पानी इतना ही गर्म हो कि नाक की अंदरूनी नली सह सके।

आधी लीटर पानी में 1 टीस्पून नमक मिलाएं।

नमक के घुल जाने के बाद लोट के टोंटी को बायीं नाक के अंदर डालें। सिर धीरे-धीरे दायीं ओर झुकाएं।

पोल

स्ट्रेस से उबरने का आपका अपना क्विक फॉर्मूला क्या है?

लोटे को इस प्रकार ऊपर उठाएं कि जल का प्रवाह बायें नथुने में ही हो।

मुंह खुला रखें ताकि सांस ले सकें।

पानी बायें नथुने से अंदर जाएगा और दायें नथुने से बाहर आ जाएगा।

लोटे को सही तरीके से उठाने एवं सिर को सही तरह से झुकाने पर यह क्रिया आराम से हो जाती है।

बीस सेकेंड तक जल का प्रवाह होने के बाद लोटा हटा लें।

तेज सांस लेकर और छोड़कर नाक को साफ कर लें।

2 दाहिनी तरफ के नाक पर प्रयोग

यही क्रिया दाहिनी तरफ के नाक से करें।

यह क्रिया दोनों नथुने की तरफ से तीन-तीन बार करें।

अब दोनों पैरों को एक दूसरे के नजदीक रख कर दोनों हाथों को पीछे बांध लें।

कमर से सामने की ओर झुकें, सिर ऊपर उठाए रखें। तीस सेकंड तक इसी स्थिति में रहें।

इससे नाक के अंदर का पानी बाहर आ जाएगा।

3 तेज गति से सांस लें

झुके हुए नाक से पांच बार खूब तेज गति के साथ सांस लें और छोड़ें।

अब सीधे खड़े हो जाएं।

एक नथुना बंद कर लें और दूसरे से तेज गति से तीस बार सांस लें और छोड़ें। सांस छोड़ने पर बल डाले जिससे नाक से नमी बाहर आ जाए।

दूसरा नथुना बंद करके पहले नथुने सेे यही क्रिया करें।

अगर पूरा पानी बाहर नहीं आ पाया है, तो पूरा पानी बाहर आने तक यह क्रिया करें।

4 नेति क्रिया के फायदे 

सुरेश सिन्हा के अनुसार, इसे रोज सुबह किया जा सकता है। सर्दी-जुकाम होने पर तो जरूर करना चाहिए। जल नेति नाक की समस्या के साथ-साथ जुकाम और कफ को दूर करने में भी सहायक है।

sardi jukam se rahat
जल नेति नाक की समस्या के साथ-साथ जुकाम और कफ को दूर करने में भी सहायक है।चित्र: शटरस्टॉक

कान, आंख, गले की बीमारी को दूर करने में भी यह मददगार है। बहुत अधिक सिर दर्द, तनाव, बहुत अधिक क्रोध जैसी समस्याओं पर भी यह अच्छा प्रभाव डालता है। सुस्ती दूर होगी और शरीर और मस्तिष्क में हल्कापन महसूस होगा।

यदि आपको नाक से खून आने की बीमारी है, तो यह क्रिया न करें।

यह भी पढ़ें:-आपकी वेट लॉस जर्नी की रफ्तार बढ़ा सकती हैं ये दो सलाद रेसिपी, जानिए और भी फायदे 

लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

अगला लेख