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दांतों में जमा प्लाक बढ़ा सकता है डायबिटीज़ का जोखिम, एक्सपर्ट बता रहे हैं इसे हटाने के इफेक्टिव तरीके

प्लाक दांतों के मध्य नज़र आने वाला सफेद रंग का सॉफ्ट डिपोज़िट होता है, जो बैक्टीरिया के कारण परत दर परत बढ़ने लगता है। समय पर प्लाक को न हटाए जाने से वो दांतों पर सख्ती से जमा होने लगता है और कैलकुलस में बदल सकता है, जिसे टार्टर के नाम से भी जाना जाता है।
Published On: 7 Apr 2025, 07:00 pm IST
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dental plaque diabetes ka jokhim badha deta hai
दांतों पर जमने वाला पीले रंग का यह जिद्दी प्लाक डायबिटीज का जोखिम भी बढ़ा सकता है। चित्र : अडोबीस्टॉक

दांतों का पीलापन और उनके पीछे जमा प्लाक आपके लुक को भद्दा बनाता है। अकसर पीले और गंदे दातों वाले लोग खुलकर मुस्कुराने में भी संकोच करते हैं। मगर समय पर दांतों पर जमने वाले प्लाक को क्लीन न करने से ओरल हेल्थ को नुकसान का सामना करना पड़ता है। दरअसल, अनहेल्दी खानपान के बाद सही प्रकार से माउथ क्लीजिंग न करने से मुंह में बैक्टीरिया का निर्माण होने लगता है, जो ओवरऑल हेल्थ को नुकसान पहुंचाता है। अगर आपके दांतों में प्लाक (Dental plaque) जम रहा है, तो कुछ आसान उपायों की मदद से इस समस्या को हल किया जा सकता है।

क्यों बढ़ने लगता है डेंटल प्लाक (Causes of Dental plaque)

मौखिक स्वास्थ्य और स्वच्छता बनाए रखने के लिए लोग ब्रशिंग और फ़्लॉसिंग की मदद लेते है। दरअसल, डेंटल प्लाक (Dental plaque) एक ऐसी चीज है जो दांतों पर जमने वाली नरम और चिपचिपी परत (Dental plaque) होती है। ये स्लाइवा और फूड्स के साथ मुंह में बिल्डअप होने वाले बैक्टीरिया से दांतों पर बनती है। अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन के अनुसार प्लाक में बैक्टीरिया की 500 से ज़्यादा प्रजातियां होती हैं, जिनमें से कुछ आपके मुंह के लिए अच्छे और कुछ हानिकारक होते हैं।

हानिकारक बैक्टीरिया खाने या पीने के बाद मुंह में एसिड का प्रभाव बढ़ने लगता हैं। वे लोग जो ज्यादा मीठा खाते या पीते हैं, उनमें इस समस्या का जोखिम बढ़ने लगता हैं। ऑफिस ऑफ डिज़ीज़ प्रिवेंशन एंड हेल्थ प्रोमोशन के अनुसार माउथ एसिड आपके दांतों के इनेमल पर हमला करते हैं, जो दांतों के अलावा समग्र स्वास्थ्य दोनों के लिए कई समस्याओं का कारण बनने लगता है।

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वे लोग जो ज्यादा मीठा खाते या पीते हैं, उनमें इस समस्या का जोखिम बढ़ने लगता हैं। चित्र: शटरस्टॉक

प्लाक से ओरल हाइजीन कैसे होती है प्रभावित (How plaque affect oral hygiene)

लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, एमडीएस, दंत चिकित्सक डॉ दिवाकर वशिष्ट बताते हैं कि प्लाक दांतों के मध्य नज़रर आने वाला सफेद रंग का सॉफ्ट डिपोज़िट होता है, जो बैक्टीरिया के कारण परत दर परत बढ़ने लगता है। दांतों के बीचों बीच बढ़ने वाले प्लाक (Dental plaque) से दर्द, सूजन और कई बार ब्लीडिंग का सामना करना पड़ता है। इससे राहत पाने के लिए हर 6 महीने या एक साल में डेंटल चेकअप या अल्ट्रासोनिक स्केलिंग करवाने की सलाह दी जाती है।

समय पर प्लाक को न हटाए जाने से वो दांतों पर सख्ती से जमा होने लगता है और कैलकुलस में बदल सकता है, जिसे टार्टर के नाम से भी जाना जाता है। प्लाक और टार्टर के इस निर्माण के कारण मसूड़ों के स्वास्थ्य का नुकसान का सामना करना पड़ता है और सूजन बढ़ने लगती है। प्लाक बढ़ने से मसूड़ों की बीमारी, दांतों की सड़न और सांसों की बदबू का जोखिम बढ़ जाता है।

डेंटल प्लाक के स्वास्थ्य जोखिम (Health hazards of dental plaque)

डॉ दिवाकर वशिष्ट का कहना है कि वे लोग जो मधुमेह का शिकार हैं, उनमें दांतों से जुड़ी समस्या का खतरा बढ़ने लगता है। दरअसल, इन समस्याओं से ग्रस्त मरीजों के मुंह में स्लाइवा बनने लगता है, जिसमें ग्लूकोज़ की मात्रा मौजूद होती है और बैक्टीरिया की मात्रा तेज़ी से बढ़ने लगते है।

रात में ब्रश न करने से वो बैक्टीरिया और ग्लूकोज़ ब्लड में मिल जाते हैं, जिससे डायबिटीज़ का रिस्क बढ़ता है और क्लॉग्ड आर्टरीज़ में प्लाक जमने का जोखिम बढ़ने लगता है। ऐसे में दांतों में प्लाक (Dental plaque) को जमने से रोकने के लिए ओरल हाइजीन को मेंटेन रखना आवश्यक है। अधिकतर 25 साल के बाद लोगों में प्लाक की समस्या तेज़ी से बढ़ने लगती है।

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इन समस्याओं से ग्रस्त मरीजों के मुंह में स्लाइवा बनने लगता है, जिसमें ग्लूकोज़ की मात्रा मौजूद होती है। चित्र : अडोबीस्टॉक

डेंटल प्लाक दूर करने के उपाय (Tips to deal with dental plaque)

1. ऑयल पुलिंग

प्लाक (Dental plaque) को दूर करने के लिए ऑयल पुलिंग की मदद ली जा सकती है। आमतौर पर इस प्रक्रिया के लिए नारियल के तेल का इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए एक चम्मच नारियल का तेल लेकर 5 से 10 मिनट तक मुंह में रखें और घुमाएं। अब इसे बाहर बाहर निकालकर कुल्ला करें। इससे ओरल हाइजीन मेंटेन रहती है। सप्ताह में 2 से 3 बार इसका अभ्यास करें।

2. फलों के छिलके

संतरे और नींबू जैसे फलों के छिलकों में साइट्रिक एसिड मौजूद होता है, जो प्लाक (Dental plaque) को तोड़ने में मदद करते है। संतरे या नींबू के छिलके के अंदरूनी हिस्से को अपने दांतों पर कुछ मिनट तक रगड़ें और फिर कुल्ला कर लें। इस प्रक्रिया को सप्ताह में एक से दो बार दोहराएं।

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संतरे और नींबू जैसे फलों के छिलकों में साइट्रिक एसिड मौजूद होता है, जो प्लाक को तोड़ने में मदद करते है।। चित्र- अडोबी स्टॉक

3. दिन में दो बार अवश्य ब्रश करें

दांतों की सड़न और बैक्टीरिया से बनने वाले प्लाक (Dental plaque) को दूर करने के लिए सुबह उठकर ब्रश करने के अलावा रात को सोने से पहले दांतों की सफाई अवश्य करें। इससे मुंह में एकत्रित बैक्टीरिया की मात्रा से राहत मिलती है और लार में हेल्दी बैक्टीरिया बए़ने लगते हैं।

4. माउथवॉश का करें इस्तेमाल

नियमित रूप से माउथवॉश करने से सांसों की ताज़गी और दांतों की सड़न को दूर किया जा सकता है। इससे ओरल हाइजीन मेंटेन रहती है और दुर्गंध से भी राहत मिल जाती है। ओरल हाइजीपन का मेंटेन रखने के लिए डेंसिट की सलाह से माउथवॉश का चुनें और उसका इस्तेमाल करें। इसस मुंह की ताज़गी बरकरार रहती है।

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नियमित रूप से माउथवॉश करने से सांसों की ताज़गी और दांतों की सड़न को दूर किया जा सकता है। चित्र शटरस्टॉक

5. बेकिंग सोडा

प्लाक से राहत पाने के लिए बेकिंग सोडा एक बेहतरीन विकल्प है। इसमें मौज्ूद क्लीजिंग प्रॉपर्टीज़ से प्लाक की लेसर्य को रिमूव किया जा सकता है। पानी में बेकिंग सोडा का मिलाकर गाढ़ा पेस्ट तैया कर लें और उसे ब्रश की मदद से दांतों पर अप्लाई करें। इससे दांतों की मज़बूती, चमक और पीलापन कम होने लगता है।

6. नमक वाले पानी से कुल्ला करें

बैक्टीरिया के बढ़ते प्रभाव को कम करने के लिए सुबह उठकर नमक वाले गुनगुने पानी से कुल्ला करें। इससे दांतों का स्वास्थ्य उचित बना रहता है। वहीं खाना खाने के बाद भी कुल्ला करना न भूलें। इससे दांतों के बीचीं बीच बनने वाले प्लाह से बचा जा सकता है।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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