गर्मी के मौसम में चेहरे पर होने वाली चिपचिपाहट बार बार फेसवॉश करने के बाद भी बनी रहती है। धूल, मिट्टी और सन रेज के प्रभाव के चलते चिपचिपापन बैक्टीरियल इंफेक्शन (bacterial infection) का कारण बनने लगता है। इससे मुहासों और ब्लेकहेड्स (blackheads) की समस्या का सामना करना पड़ता है। अधिकतर लोग नए नए प्रकार के फेसवॉश इस्तेमाल करने लगते है, मगर कई बार अत्यधिक केमिकल का प्रयोग करने से स्किन का रूखापन बढ़ जाता है। ऐसे में नेचुरल इंग्रीडिएंटस (natural ingredients) से तैयार फेसवॉश स्किन समस्याओं को हल करने में मदद कर सकता है। जानते हैं होममेड फेसवॉश Homemade natural face wash) बनाने का तरीका और इसेके फायदे भी।
स्किन केयर का पहला स्टेप फेसवॉश (face wash) माना जाता है। गर्मियों में चेहरे पर बढ़ने वाले पसीने और सीबम सिक्रीशन को ओवरकम करने के लिए स्किन क्लीजिंग (skin cleansing) की जाती है। मगर कुछ देर बाद चेहरे पर पसीना और ऑयल दोबारा से एकत्रित होने लगते हैं। स्किन को डीप क्लीन करने और नेचुरल ग्लो (natural glow) को बनाए रखने के लिए होममेड क्लींजर (home made cleanser) बेहद कारगर साबित होते हैं। जानते हैं होममेड फेसवॉश बनाने और अप्लाई करने की विधि।
स्किन को क्लीन करने और ओपन पोर्स की समस्या को हल करने के लिए आरेंज पील पाउडर को कच्चे दूध में मिलाकर चेहरे पर लगाने से स्किन को फायदा मिलता है। इसे चेहरे पर अप्लाई करने के बाद चेहरे की 1 से 2 मिनट तक मसाज करें। इससे स्किन पर बढ़ने वाले चिपचिपेपन को दूर किया जा सकता है।
1 चम्मच बेसन में 1 चुटकी हल्दी और आधा चम्मच चंदन पाउडर मिलाकर गुलाब जल (gulab jal) डालें और पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को चेहरे और गर्दन पर लगाकर सूखने दें। उसके बाद उंगलियों की मदद से चेहरे को क्लीन करें। इससे स्किन मुलायम बनी रहती है।
नेचुरल मॉइश्चराइजिंग गुणों से भरपूर दही को शहद में मिलाएं और इसे चेहरे पर लगाएं। इसे नियमित तौर पर लगाने से चेहरे का रूखापन कम होने लगता है और स्किन के टैक्सचर में बदलाव आने लगता है। इससे स्किन तरोताज़ा बनी रहती है। इससे स्किन टैनिंग (skin tanning) और सनबर्न की समस्या से बचा जा सकता है।
त्वचा पर बढ़ने वाली डेड स्किन सेल्स की समस्या से बचने के लिए एलोवेरा जेले में ओटमील पाउडर को मिलाएं और चेहरे पर रोज़ाना लगाएं। इससे स्किन का ग्लो बरकरार रहता है और त्वचा पर दिखने वाले अतिरिक्त ऑयल ये राहत मिल जाती है।
चेहरे की त्वचा को क्लीन और ऑयल मुक्त रखने के लिए नेचुरल क्लींजर से त्वचा की नमी बरकरार रहती है। इससे सीबम सिक्रीशन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। दिन में दो से तीन बार चेहरे पर अप्लाई करने से स्किन मुलायम और नमीयुक्त बनी रहती है।
गर्मी में पसीने और ऑयल के चलते स्किन पर बनने वाले एक्ने की समस्या को कम किया जा सकता है। प्राकृतिक चीजों से तैयार फेसवॉश से स्किन डीप क्लीन हो जाती है, जिससे त्वचा को सूदिंग इफेक्ट प्राप्त होता है। इसके अलावा डेड स्किन सेल्स की समसरू को दूर करपे में मदद मिलती है।
नेचुरल फेसवॉश स्किन को एक्सफासेलिएट करने में मदद करते हैं। इससे फ्री रेडिकल्स का खतरा कम हो जाता है। वे लोग जिनकी त्वचा ऑयली है, वे दिन में 2 से 3 बार इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे स्किन का पीएच लेवल बना रहता है।
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