माउथ अल्सर एक कॉमन प्रॉब्लम है, सभी कभी न कभी इसका सामना जरूर करते हैं। वहीं बहुत से लोग ऐसे भी हैं, जिन्हे ये अधिक फ्रिक्वेंटली परेशान करती है। इस स्थिति में मुंह के अंदरूनी हिस्से जैसे की गाल, जीभ, मसूड़े और होंठ की थोड़ी सी परत निकल जाती है। ऐसे में जब तक यह हील न हो जाए, तब तक खाने पीने से लेकर बोलते तक में परेशानी होती है। ऐसे में कुछ घरेलू नुस्खों की मदद से आप इसकी हीलिंग स्पीड को बूस्ट कर सकती हैं। तो चलिए हेल्थ शॉट्स के साथ जानते हैं, माउथ अल्सर के लिए कौन सी स्थिति जिम्मेदार होती है, साथ ही जानेंगे इसके लिए कुछ प्रभावी होम रेमेडीज (mouth ulcer home remedies)।
सबसे आम कारण चोट है (जैसे गलती से अपने गाल के अंदर काट लेना)। अन्य कारणों में कुछ प्रकार की दवाइयों का सेवन, अधिक गर्म चीज खा लेना, मुंह में त्वचा पर चकत्ते, वायरल, बैक्टीरियल और फंगल इन्फेक्शन, केमिकल और कुछ चिकित्सीय स्थितियां शामिल हैं। माउथ अल्सर आमतौर पर 10 से 14 दिनों के अंदर खुद ब खुद ठीक हो जाती हैं, परंतु कई बार ये काफी लंबे समय तक बनी रहती हैं, को माउथ कैंसर का एक लक्षण है। इसलिए यदि आपकी माउथ अल्सर भी लंबे समय तक बनी रहती है, तो इसे नजरअंदाज न करें और डॉक्टर से मिलकर सलाह लें।
शहद में कई लाभकारी गुण होते हैं। हालांकि, आप इस बात से अनजान होंगे कि यह मुंह के छालों के लिए भी कारगर हो सकता है। छालों पर शहद लगाएं और इसे लगा रहने दें। छाले मुंह के अंदर होते हैं, इसलिए आप अपनी लार के साथ शहद को निगल सकती हैं। हालांकि, यह आवश्यक है, कि आप कुछ घंटों के बाद अल्सर वाले स्थान पर शहद लगती रहें। शहद में एंटी बैक्टिरियल और एंटी माइक्रोबॉयल प्रॉपर्टी पाई जाती है। इसके साथ ही शहद की हीलिंग प्रॉपर्टीज अल्सर को ट्रीट करने में आपकी मदद करती है।
भारत के अधिकांश हिस्सों में नारियल तेल का उपयोग विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में किया जाता है। हालांकि, जब मुंह के छालों की बात आती है तो बहुत कम लोग इसके उपचार गुणों के बारे में जानते हैं। बस अल्सर की सतह पर थोड़ा सा नारियल तेल लगाएं और इसे लगा रहने दें। आप इसे रात को सोते समय भी लगा सकती हैं। शहद के समान, नारियल के तेल में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो प्राकृतिक रूप से अल्सर को कम करने में मदद करते हैं।
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संतरा विटामिन सी का एक बेहतरीन स्रोत है, जो मुंह के छालों को रोक सकता है और उन्हें ट्रीट करने में आपकी सहायता कर सकता है। हालांकि, जब आप अल्सर से पीड़ित हों तो पूरे संतरे का सेवन करना मुश्किल हो सकता है। मुंह के छालों के लिए एक बेहतरीन उपाय है, प्रतिदिन दो गिलास ताजा निचोड़ा हुआ संतरे का रस पीना।
लौंग भारत में सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले मसालों में से एक है। यह गरम मसाला का एक अनिवार्य हिस्सा है। लौंग का तेल फूल की कली से निकाला जाता है। इस अर्क का उपयोग दांत दर्द और मुंह के छालों सहित कई समस्याओं के प्राकृतिक उपचार के तौर पर किया जाता है। मुंह में छाले होने पर रुई का एक छोटा सा टुकड़ा लें और तेल को सीधे छालों पर लगाएं। तब तक प्रतीक्षा करें जब तक अल्सर ऊतक तेल को सोख न ले।
सालों से दादी मुंह के छालों को ट्रीट करने के लिए अमरूद के पत्ते चबाती आ रही हैं। वहीं यह केवल एक पुराना नुस्खा नहीं बल्कि मेडिकल साइंस भी इसके फायदों को प्रमाणित कर चुकी है। इंडियन जर्नल ऑफ़ फार्मेसी और फार्मोकोलॉजी द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार अमरूद के पत्तों में एंटी अल्सर, एंटीमाइक्रोबॉयल, एंटीऑक्सीडेंट और हीलिंग प्रॉपर्टीज पाई जाती है। जो इसे माउथ अल्सर से लड़ने में कारगर बनती हैं। यदि आपको बार-बार मुंह में छाले हो जाते हैं, तो अमरूद के पत्ते चबाने से आपको राहत मिलेगी।
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