क्या आपका बच्ची भी आपका कहना नहीं सुनता है? ऐसे में आप एक ही चीज़ उनसे इतनी बार कहती हैं, कि आपको खुद ध्यान नहीं रहता कि आखिर पूरी बात क्या थी। पहली बात तो ये कि यदि आपके साथ भी ऐसा होता है तो यह बिल्कुल नॉर्मल है। आप इसमें अकेली नहीं हैं और न ही आपका बच्चा अनोखा है, क्योंकि हर बच्चा बचपन में ऐसा ही होता है। यह एक नॉर्मल बिहेवियर है।
शुरुआती चरण में बच्चे को आज्ञाकारी बनाना माता – पिता के लिए सबसे महत्वपूर्ण और सबसे मुश्किल काम होता है। माता-पिता के रूप में, हम अपेक्षा करते हैं कि हमारे बच्चे नियमों का पालन करें और हमारे अधिकार का सम्मान करें। मगर बच्चों को यह सब सीखना इतना आसान नहीं होता है।
इसलिए, पेरेंटिंग में आपकी मदद करने के लिए पेरेंटिंग एक्सपर्ट डॉ. इशिना सदाना नें अपने सोशल मीडिया हैंडल पर कुछ टिप्स साझा की हैं। इन टिप्स की मदद से बच्चे का आपका कहना मानने लगेंगे।
यदि आप अपने बच्चे को कोई काम करने के लिए दूर से खड़े रहकर बोल रही हैं, तो सकता है कि बच्चे पर उतना प्रभाव न पड़े। इसलिए, एक्सपर्ट का सुझाव है कि बच्चों के पास जाकर उन्हें कोई भी बात समझाएं। इसके अलावा, उन्हें अपनी बात एक बार में अच्छी तरह से क्लियर कर दें, ताकि आपको दोबारा न कहना पड़े और वे इसे एक आदेश कि तरह लें।
बच्चों से बात करते समय अपना हाथ उनके कंधों पर रखें, ताकि उन्हें यह विश्वास हो जाए कि उनसे जो कहा जा रहा है वो उनके के लिए महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही, कंधे पर हाथ रखने से एक ज़िम्मेदारी का साइकॉलॉजिकल प्रभाव पड़ता है। इससे उन्हें आपकी बात जल्दी समझ आ जाएगी।
अपनी बात कहते हुये उनकी आंखों में देखें। आपके आई कॉन्टैक्ट का उनके सब कॉन्शियस माइंड पर बहुत बड़ा असर पड़ सकता है। यह एक कम्युनिकेशन स्किल है, जो हर किसी कॉ आनी चाहिए। ऐसा करने से बच्चे कॉ आपकी बात ज़्यादा महत्वपूर्ण और प्रभावी लगेगी।
जब भी बच्चा आपका कहना मानें या आपकी काही हुई बात का मान रखे और उसी तरह काम करे तो अपने बच्चों को एप्रिशिएट करें। इससे उनका उत्साहवर्धन होगा, जिससे उनको आगे भी आपकी बात सुनकर अच्छा लगेगा और वे आपकी काही हुई बातों का सम्मान करना सीख जाएंगे।
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