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त्रिफला चूर्ण है पांच समस्याओं का समाधान, मगर लेने से पहले जान लें इसके सेवन का सही तरीका और मात्रा

त्रिफला (triphala churna) यानी तीन चीजों का मिश्रण। आंवला, बहेड़ा और हरितकी। ये तीनों जड़ी-बूटियां आयुर्वेद में बहुत पुराने समय से इस्तेमाल की जाती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसी ही चीज है जिसका नाम त्रिफला चूर्ण है वह आपकी हेल्थ को फायदा पहुंचा सकती है।
Updated On: 25 Feb 2025, 05:10 pm IST
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triphala churna
जानिए त्रिफला चूर्ण आपके शरीर पर कैसे असर करता है। चित्र - अडोबीस्टॉक

अंदर क्या है

  • क्या है त्रिफला चूर्ण?
  • त्रिफला चूर्ण के फायदे
  • कैसे खाएं त्रिफला चूर्ण?

नाम से ही साफ है। त्रिफला यानी तीन चीजों का मिश्रण। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसी ही चीज है जिसका नाम त्रिफला चूर्ण है वह आपकी हेल्थ को फायदा पहुंचा सकती है। आज हम उसी के बारे में बात करने वाले हैं वह भी एक्सपर्ट की मदद से।

त्रिफला चूर्ण क्या है? (triphala churna)

आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉक्टर प्रतिभा निगम बताती हैं कि त्रिफला चूर्ण (triphala churna) तीन खास जड़ी-बूटियों को मिला कर बना है। आंवला, बहेड़ा और हरितकी। ये तीनों जड़ी-बूटियां आयुर्वेद में बहुत पुराने समय से इस्तेमाल की जाती हैं और शरीर को साफ करने, पाचन तंत्र को ठीक रखने, और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए जानी जाती हैं। आंवला एक बेहतरीन स्रोत है

Triphala pet ke liye bahut achchha hai
बालों की समस्या के लिए आयुर्वेद में त्रिफला का प्रयोग सदियों से होता आ रहा है। चित्र- शटर स्टॉक।

विटामिन C का, बहेड़ा पाचन को बेहतर करता है, और हरितकी शरीर से गंदगी निकालने में मदद करती है। इस चूर्ण को अक्सर आयुर्वेदिक इलाज में शरीर को स्वस्थ रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

त्रिफला चूर्ण खाने के फायदे (triphala churna)

1. पाचन तंत्र को सुधारता है

त्रिफला चूर्ण (triphala churna) का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह पाचन में मदद करता है। अगर आपको कब्ज़ या गैस की समस्या होती है, तो त्रिफला चूर्ण उसे ठीक करने में मदद कर सकता है। यह आपकी आंतों को साफ करता है, जिससे आपका पेट हल्का महसूस करता है। आंतों को स्वस्थ रखने से शरीर के बाकी हिस्सों को भी फायदा मिलता है।

2. वजन घटाने में

त्रिफला चूर्ण शरीर के अंदर से गंदगी निकालने में मदद करता है, जिससे पाचन बेहतर होता है। जब शरीर में विषाक्त पदार्थ कम होते हैं, तो वजन घटाने में भी मदद मिल सकती है। साथ ही, यह शरीर के मेटाबोलिज़्म को तेज करता है और मेटाबोलिज़्म बेहतर होने से वजन कम करने में भी सहारा मिलता है।

3.स्किन के लिए

त्रिफला चूर्ण का इस्तेमाल करने से आपकी त्वचा पर भी फर्क पड़ सकता है। यह शरीर से गंदगी निकालने में मदद करता है और इससे आपकी त्वचा पर चमक आ सकती है। अगर आप मुहांसों या अन्य त्वचा की समस्याओं से परेशान हैं, तो त्रिफला (triphala churna) का नियमित इस्तेमाल करने से आपको कुछ फर्क महसूस हो सकता है।

4. इम्यून सिस्टम (triphala churna)

त्रिफला में एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। अगर आप बार-बार सर्दी-खांसी या फ्लू से परेशान होते हैं, तो त्रिफला का इस्तेमाल आपको इन बीमारियों से बचा सकता है। यह शरीर में नई ऊर्जा भी लाता है और आपको तरोताजा महसूस कराता है।

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5. मेंटल स्टेटस को बेहतर बनाएगा

त्रिफला (triphala churna) का इस्तेमाल करने से मानसिक स्थिति पर भी सकारात्मक असर पड़ सकता है। यह शरीर से गंदगी और टॉक्सिन्स बाहर निकालता है, जिससे दिमाग को शांति मिलती है और मानसिक तनाव कम हो सकता है। साथ ही, यह नींद में भी सुधार करता है, जिससे आप पूरी रात आराम से सो सकते हैं।

पेट साफ करने के लिए त्रिफला चूर्ण कैसे खाएं?

अगर आप पेट साफ करना चाहते हैं, तो त्रिफला चूर्ण (triphala churna)एक बेहतरीन उपाय हो सकता है। आप इसे रात को सोने से पहले गर्म पानी के साथ ले सकते हैं। रात में इसका इस्तेमाल करने से यह शरीर में मौजूद गंदगी और टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है। एक सामान्य मात्रा 1 से 2 ग्राम होती है। अगर आप इसे ठीक से लेते हैं, तो यह कब्ज़ जैसी समस्या को दूर कर सकता है और पेट को हल्का महसूस करा सकता है।

त्रिफला का सेवन करने का सही तरीका जानना महत्वपूर्ण है। चित्र- शटर स्टॉक।

आप चाहें तो इसे सुबह भी ले सकते हैं, लेकिन रात को सोने से पहले इसका इस्तेमाल करने से ज्यादा फायदा होता है क्योंकि तब शरीर आराम की अवस्था में होता है और यह चूर्ण असरदार ढंग से काम करता है। यह पाचन को बेहतर करता है, जिससे पेट की सफाई होती है और आप हल्का महसूस करते हैं।

त्रिफला चूर्ण कब नहीं खाना चाहिए?

यह सही है कि त्रिफला चूर्ण शरीर के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है, लेकिन कुछ लोगों को इसे नहीं खाना चाहिए. जैसे-

1. गर्भवती महिलाएं

अगर आप गर्भवती हैं या स्तनपान करा रही हैं, तो आपको त्रिफला चूर्ण का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। यह कुछ मामलों में नुकसान भी कर सकता है, क्योंकि गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान शरीर में बदलाव होते हैं, और हर चीज शरीर पर अलग असर डालती है।

2. बवासीर के मरीज

अगर आपको बवासीर (हेमोरॉइड्स) की समस्या हो, तो त्रिफला चूर्ण का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। यह ब्लीडिंग को बढ़ा सकता है और आपकी समस्या को और बढ़ा सकता है। इसलिए अगर आपको इस प्रकार की समस्या है तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

3. पाचन तंत्र से जुड़े मरीज

अगर आपका पाचन तंत्र कमजोर है, तो त्रिफला चूर्ण का इस्तेमाल करना आपके लिए उचित नहीं हो सकता। अधिक मात्रा में लेने से यह दस्त या पेट में परेशानी पैदा कर सकता है, इसलिए इसे धीरे-धीरे और सही मात्रा में ही लें।

4. एलर्जी की दिक्कत वाले

अगर आपको किसी चीज से एलर्जी है या फिर आप किसी अन्य गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, तो त्रिफला चूर्ण का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें। यह दवाइयों के साथ मिलकर कोई दुष्प्रभाव भी डाल सकता है।

क्या त्रिफला से लीवर खराब होता है?

डॉक्टर प्रतिभा कहती हैं कि यह सवाल भी अक्सर पूछा जाता है। नॉर्मली त्रिफला चूर्ण लीवर के लिए सुरक्षित माना जाता है और यह शरीर से जहरीले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। यह लीवर को बेहतर तरीके से काम करने में मदद कर सकता है, क्योंकि यह शरीर से गंदगी और टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है।
लेकिन, अगर आप इसका अधिक इस्तेमाल करते हैं या आपके लीवर में पहले से कोई समस्या हो, तो यह हानिकारक हो सकता है। इसलिए, अगर आपको लीवर से जुड़ी कोई समस्या हो, तो त्रिफला चूर्ण का इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
कितने दिन तक खाना चाहिए त्रिफला चूर्ण?
यह बात तो साफ है कि किसी भी चीज का अधिक सेवन नुकसान भी कर सकता है, और त्रिफला चूर्ण भी कोई अपवाद नहीं है। आम तौर पर, अगर आप इसे पाचन सुधारने, पेट साफ करने, या इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए ले रहे हैं, तो आप इसे 3 से 4 सप्ताह तक ले सकते हैं।

ये भी पढ़ें – पेट खराब भी कर सकता है त्रिफला का ज्यादा सेवन, जानिए इस आयुर्वेदिक चूर्ण के साइड इफेक्ट

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लेखक के बारे में
राेहित त्रिपाठी
राेहित त्रिपाठी

गोरखपुर यूनिवर्सिटी से स्नातक और लिखने-पढ़ने की आदत। रेख्ता, पॉकेट एफएम, राजस्थान पत्रिका और आज तक के बाद अब हेल्थ शॉट्स के लिए हेल्थ, फिटनेस, भारतीय चिकित्सा विज्ञान और मनोविज्ञान पर रिसर्च बेस्ड लेखन।

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