यदि आप या आपके पेरेंट्स कभी अपना कोलेस्ट्रॉल का टेस्ट करवाने जाते होंगे, तो आपने डॉक्टर के मुंह से या रिपोर्ट्स में ट्राइग्लेसराइड शब्द का इस्तेमाल जरूर हुआ हगा। बता दें कि ट्राइग्लिसराइड्स, एक प्रकार की वसा है जो हमारे शरीर में माजूद होती है। ये आपके द्वारा खाये जाने वाले फूड्स से आती है, विशेष रूप से वसायुक्त खाद्य पदार्थ जैसे ऑयल और मक्खन। साथ ही, जब भी आप ज़्यादा कैलोरीज़ का इंटेक करती हैं, तो आपका शरीर किसी भी कैलोरी को तुरंत ट्राइग्लिसराइड्स (triglyceride) में परिवर्तित करता है और उन्हें फैट सेल्स में स्टोर करता है।
यदि आप नियमित रूप से ज़्यादा कैलोरी खाती हैं, तो आप हाई ट्राइग्लिसराइड्स, या हाइपरट्रिग्लिसराइडेमिया विकसित कर सकती हैं। यू.एस. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, अन्य कारक जो हाइपरट्रिग्लिसराइडिमिया (hypertriglyceridemia) में योगदान कर सकते हैं, उनमें धूम्रपान, शराब और डायबिटीज़ शामिल हैं।
कोलेस्ट्रॉल के साथ, उच्च ट्राइग्लिसराइड का स्तर हृदय रोग और हृदय रोग से संबंधित अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा हुआ है। यू.एस. लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार ट्राइग्लिसराइड का स्तर यदि 150 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर से अधिक है, तो यह मेटाबॉलिक सिंड्रोम (metabolic syndrome) के जोखिम को बढ़ा सकता है। मेयो क्लिनिक के अनुसार, शरीर में हाई ट्राइग्लिसराइड्स आर्टरी की दीवारों को मोटा कर सकता है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।
ऐसे में बहुत ज़रूरी है कि आप अपने ट्राइग्लिसराइड का स्तर को नियंत्रित रखें, तो चलिये जानते हैं कुछ टिप्स जो ट्राइग्लिसराइड को कंट्रोल करने में मदद करेंगी।
यदि आपको मीठा खाना बहुत पसंद है तो यह आपके कोलेस्ट्रॉल में वृद्धि का कारण बन सकता है। क्योंकि इसमें सफेद चीनी और मैदा होती है। इसलिए, कुकीज़, पेस्ट्री, मीठे डेसर्ट और जूस जैसे चीनी से भरे फूड्स का सेवन बंद कर दें।
शराब पीने से ट्राइग्लिसराइड का स्तर बढ़ जाता है। जिन लोगों को पहले से ही कोलेस्ट्रॉल या हृदय रोग की समस्या है उनके लिए थोड़ा अल्कोहल भी हानिकारक है। यह किसी भी गंभीर बीमारी को जन्म दे सकता है।
सिंपल कार्ब्स ट्राइग्लिसराइड को सीधा बढ़ाते हैं। साथ ही, ये एकदम से शरीर के ब्लड शुगर लेवल में वृद्धि का कारण बनते हैं। तो आप सफेद चावल, ब्रेड, मैदे से बना पास्ता या कॉर्नफ्लेक्स जैसे प्रोसेस्ड ग्रेन्स का सेवन ट्राइग्लिसराइड्स को बढ़ा सकता है। इसके बजाय साबुत अनाज जैसे मल्टीग्रेन चपाती, क्विनोआ, जौ और बाजरा चुनें।
आपको यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि 5-6 किलोग्राम वजन कम करने से आपके ट्राइग्लिसराइड्स और कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम हो सकता है। इससे आपके हृदय रोग का खतरा कम हो सकता है। वजन कम करने से डायबिटीज़ जैसे रोगों में भी सुधार हो सकता है।
बीन्स, मटर, नट्स, और दाल जैसे वनस्पति प्रोटीन आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का सही तरीका है। यह आपके ट्राइग्लिसराइड्स और कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद करेंगे।
हाई फाइबर वाले खाद्य पदार्थ आपके ट्राइग्लिसराइड्स और एलडीएल (“bad”) कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करेंगे। बीन्स, साबुत अनाज का सेवन करें- ओट्स, क्विनोआ, ब्राउन राइस; नट्स और सीड्स जैसे- बादाम, चिया सीड्स, अलसी आदि। इसके अलावा, ज़्यादा पानी पिएं जिससे फाइबर की मात्रा बढ़ जाती है।
व्यायाम एचडीएल यही गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाएगा और ज़्यादा ट्राइग्लिसराइड्स को बर्न करने में मदद करेगा। वेट लिफ्टिंग एक्सरसाइज विशेष रूप से, मांसपेशियों को बढ़ाती है और आपकी चयापचय दर को तेज़ करती हैं। एक्सरसाइज़ आपके शरीर को अधिक कार्बोहाइड्रेट बर्न करने में मदद करती है।
यह भी पढ़ें : यहां हैं बिना पोषक तत्वों को हानि पहुंचाए मिनटों में तैयार होने वाली 7 स्वादिष्ट बथुआ रेसिपीज