30 की उम्र के बाद ज्यादातर महिलाओं की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। पर हड्डियों की समस्या केवल एक नहीं है। यह कई तरह से आपको परेशान कर सकती हैं। अगर इन दिनों आप जोड़ों में दर्द, सूजन और हाथ-पैरों में दर्द का सामना कर रहीं हैं, तो ये अर्थराइटिस के प्रारंभिक संकेत हो सकते हैं। वर्ल्ड अर्थराइटिस डे (World Arthritis Day 2022) के उपलक्ष्य में जानिए उन 6 संकेतों के बारे में जो अर्थराइटिस की ओर इशारा करते हैं। इसके कारण और बचाव के उपाय भी हेल्थ शाॅट्स के इस लेख में आपके लिए दिए गए हैं।
दुनिया भर के लोग हर साल 12 अक्टूबर को विश्व गठिया दिवस मनाते हैं। इस दिन का उद्देश्य अर्थराइटिस और इससे जुड़ी समस्याओं के बारे में बात करना और जागरूकता फैलाना है। विश्व गठिया दिवस लोगों को ऐसे रोगों के उपायों और बचाव के बारे में जागरूक करता है, ताकि उसके जोखिम और उससे होने वाले दुष्प्रभाव को कम किया जा सके।
इस वर्ष विश्व गठिया दिवस की थीम है “It’s in your hands, take action” जिसका मतलब है कि इससे बचना आपके हाथ में है। अर्थराइटिस फाउंडेशन के अनुसार, गठिया अमेरिका में लगभग 60 मिलियन लोगों को प्रभावित करता है, जिसमें 4 में से 1 वयस्क किसी न किसी तरह की बीमारी से पीड़ित है। जबकि नेशनल हेल्थ पोर्टल के अनुसार भारत में यह कम से कम 29% से 39% आबादी को प्रभावित करता है।
जोड़ों की सूजन जब बढ़ जाती है, तो इसे गठिया कहा जाता है। यह पैर या हाथों की उंगलियों के जॉइंट को प्रभावित कर सकती है। गठिया के मुख्य लक्षण जोड़ों में दर्द और अकड़न हैं, जो आमतौर पर उम्र के साथ बिगड़ते जाते हैं। गठिया के सबसे आम प्रकार ऑस्टियोआर्थराइटिस और रुमेटाइड अर्थराइटिस हैं।
यदि आपके जोड़ों में दर्द लगातार बढ़ रहा है और कभी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा, तो यह गठिया का संकेत हो सकता है। यह गठिया का एक क्लासिक लक्षण है। यह दर्द किसी भी एक्टिविटी को करने बाद हो सकता है।
जैसे-जैसे गठिया बढ़ता जाता है, यह जोड़ों में सूजन और सेंसिटिविटी पैदा कर सकता है। जब आप जोड़ों को दबाते हैं या मोड़ते हैं तो दर्द और भी बढ़ने लगता है। लगातार होने वाला जोड़ों का दर्द और सूजन गठिया के प्रारंभिक संकेत हैं।
आप भले ही ऑफिस चेयर पर हो या नीचे जमीन पर पालथी मारकर बैठी हों, अगर ऐसा करने के बाद आपको उठने में परेशानी होती है, तो यह भी गठिया का संकेत हो सकता है। अर्थराइटिस में लंबे समय तक बैठने के बाद, जोड़ों में अकड़न हो जाती है। देर तक बैठने या सुबह सोकर उठने के बाद भी आपको इस समस्या का अनुभव हो सकता है।
जोड़ों में सनसनी महसूस होना गठिया का एक बड़ा संकेत है। यह घुटने और कूल्हे में सबसे आम है लेकिन अन्य जोड़ों को भी प्रभावित कर सकता है। इसलिए जब भी शरीर के किसी भी जाॅइंट में सनसनी महसूस हो, आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
हिप आर्थराइटिस भी आपकी जांघ या नितंबों में दर्द पैदा कर सकता है। बहुत से लोगों को इसका अंदाज़ा नहीं होता कि लगातार कमर दर्द भी गठिया का लक्षण हो सकता है।
रूमेटोइड और अन्य प्रकार के सूजन संबंधी गठिया अक्सर आपके हाथों, कलाई और पैरों के छोटे जोड़ों में विकसित होते हैं। यदि आपको बैठ के उठने या सोने के बाद उठते सामी जोड़ों में दर्द होता है तो यह गठिया का संकेत हो सकता है।
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कस्टमाइज़ करें1. स्वस्थ वजन बनाए रखें क्योंकि ज़्यादा वज़न घुटनों पर ज़्यादा भार डाल सकता है, जिससे यह कमजोर हो सकते हैं।
2. अपने ब्लड शुगर को नियंत्रित करें, क्योंकि उच्च रक्त शर्करा आपके जोड़ों को सपोर्ट करने वाले ऊतक को सख्त कर सकती और उन्हें तनाव के प्रति अधिक संवेदनशील बना सकती है।
3. व्यायाम करें। सप्ताह में पांच बार सिर्फ 30 मिनट का व्यायाम जोड़ों को लचीला रहने में मदद करता है और आपके घुटनों और कूल्हों को सहारा देने वाली मांसपेशियों को मजबूत करता है। चलने, साइकिल चलाने या तैरने जैसी हल्की एक्सरसाइज़ ट्राई करें।
4. स्ट्रेचिंग आपकी गति में सुधार कर सकती है और आपके जोड़ों को लचीला बनाए रख सकती है।
5. किसी भी तरह की चोट से बचें। किसी ज़्यादा गंभीर चोट लगने की वजह से भी गठिया हो सकता है।
6. खुद को हाइड्रेटेड रखें, क्योंकि इससे जोड़ों को चिकनाई मिलती है।
7. साथ ही, आपको अपने विटामिन D के सेवन को भी सही रखना चाहिए। इसके लिए आप फूड सप्लीमेंट या डॉक्टर द्वारा प्रेस्क्राइब की हुई दवाइयां भी ली सकती हैं।
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