इन दिनों बढ़ जाता है अस्थमा का जोखिम, जानिए कैसे करनी है अस्थमा पीड़ित व्यक्ति की देखभाल

जाड़े के दिनों में अस्थमा के मरीजों की मुश्किलें बढ़ जाती हैं। खासतौर से अगर वे आपके एजिंग पेरेंट्स हैं, तो इन दिनों आपको उन खास ख्याल रखना होगा। आइए जानते हैं उनकी देखभाल के लिए जरूरी 7 टिप्स।

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मौसम में बदलाव आने पर अस्थमा से पीड़ित लोगों की समस्या बढ़ जाती है। उनमें सामान्य थकान के साथ-साथ खांसी जैसे लक्षण दिखने लगते हैं। चित्र:शटरस्टॉक
स्मिता सिंह Updated on: 2 Dec 2022, 19:14 pm IST
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ठंड के मौसम में रजाई के अंदर घुसे रहना, गर्म चाय पीना और लजीज व्यंजन का स्वाद लेना किसे नहीं भाता। लेकिन यह मौसम परिवार के किसी सदस्य के लिए मुश्किलें भी ला सकता है। खासकर सदस्य यदि अस्थमा से पीड़ित हो। अस्थमा के कारण उनकी मुश्किलें बढ़ जाती हैं। मौसम और तापमान में उतार-चढ़ाव श्वास नली को प्रभावित कर देता है। ठंडे मौसम के कारण ब्रोन्कियल नलियों में सूजन आ जाती है और सांस लेना मुश्किल हो जाता है। इससे अस्थमा के लक्षण और भी गंभीर हो जाते हैं। खासतौर से अगर वे आपके एजिंग पेरेंट्स हों। इसलिए आपकी मदद के लिए हेल्थ शॉट्स पर हम वे टिप्स साझा कर रहे हैं, जो उनकी देखभाल (how to take care of an asthma patient) में आपकी मदद कर सकते हैं। इसके लिए हमने बात की डिवाइन सोल योग के फाउंडर डॉ. दीपक मित्तल से।

मौसम बदलने के साथ ही बढ़ जाती है अस्थमा की समस्या (Asthma Problem in Winter)

डॉ. दीपक कहते हैं, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि मौसम में बदलाव आने पर अस्थमा से पीड़ित लोगों की समस्या बढ़ जाती है। उनमें सामान्य थकान के साथ-साथ खांसी जैसे लक्षण दिखने लगते हैं। जब एक अस्थमा का मरीज ठंडी और शुष्क हवा में सांस लेता है, तो सांस के एयरपाथ को खुला रखने का प्रयास करने पर अंदर की मांसपेशियां ऐंठने लगती हैं।

इससे एयरपाथ अवरुद्ध होने लगता है। इसके परिणामस्वरूप घरघराहट, सांस की तकलीफ और खांसी होने लगती है। सामान्य रूप में अस्थमा के लक्षणों को घर पर मैनेज किया जा सकता है । यदि आप या आपके किसी जानने वाले को सांस संबंधी समस्या अधिक हो रही है, तो उन्हें तुरंत लंग एक्सपर्ट से परामर्श लेना चाहिए।

इस मौसम में अस्थमा के मरीज में दिखने वाले कुछ लक्षण (Asthma Symptoms) 

सांस की तकलीफ
सांस लेने और छोड़ते समय घरघराहट
छाती में जकड़न
गंभीर स्थिति में ठंडी हवा लक्षणों को ट्रिगर कर सकती है। अस्थमा का दौरा पड़ने का जोखिम भी बढ़ सकता है।

यहां हैं जाड़े के दिनों में अस्थमा से पीड़ित व्यक्ति की देखभाल के 7 टिप्स (tips to care asthma patients) 

1 प्राणायाम के महत्व को समझें (Pranayama)

डॉ. दीपक कहते हैं, ‘प्राणायाम एक ऐसी तकनीक है, जिसमें नियमित अभ्यास के माध्यम से हमारे फेफड़ों की क्षमता बढ़ जाती है। समग्र शारीरिक कार्यों की क्षमता को बढ़ाने में मदद मिल जाती है। यह डायाफ्रामिक और पेट की मांसपेशियों को नियोजित करती है, जिससे श्वसन प्रणाली को बढ़ावा मिलता है। कई स्टडी बताते हैं कि कपालभाति, नाड़ीसुद्दी, ब्रम्हरि, भस्त्रिका आदि प्राणायाम के नियमित अभ्यास से लाभकारी प्रभाव पड़ता है।’

2 घर के अंदर एक्सरसाइज करें( Indoor Exercise)

ठंड के दिनों में अस्थमा के रोगियों को ठंडी हवा में सांस लेने पर समस्या बढ़ जाती है। इसलिए बाहर की बजाय इनडोर एक्सरसाइज या वर्कआउट करने की कोशिश करें। बाहर वॉकिंग भी समस्या बढ़ा सकता है।

3 मास्क और स्कार्फ का प्रयोग (Mask and Scarf for asthmatic patient)

यदि ठंड लगने से अस्थमा अटैक होता है, तो अंदर रहने की कोशिश करें। अगर बाहर निकलना ही पड़े तो मुंह को रूमाल या मास्क से ढक लें।

मास्‍क कोविड-19 से बचने का ज्‍यादा सशक्‍त माध्‍यम है। चित्र: शटरस्‍टॉक
बाहर निकलने पर अस्थमा के मरीज मास्क का प्रयोग करें। चित्र: शटरस्‍टॉक

मास्क का प्रयोग करने पर ठंडी हवा और धूल कण स्वास नली के अंदर नहीं जा पायेंगे। स्कार्फ पहनने से सांस में अंदर जाने वाली हवा गर्म रहती है। इससे श्वसन तंत्र में होने वाले संक्रमण से बचाव हो पाता है।

4 गर्म तरल पदार्थ पिएं (Hot Fluid for Asthma)

चाय, कॉफी और अन्य गर्म लिक्विड ड्रिंक का सेवन न केवल मरीज को गर्म रखता है, बल्कि पानी बलगम को भी साफ कर देता है। इससे सांस लेना आरामदायक हो जाता है।

5 अस्थमा की दवाएं लें (Medicine for Asthma)

डॉक्टर के निर्देश के अनुसार दवाएं लेते रहें। इनहेल्ड स्टेरॉयड के माध्यम से सूजन को कम किया जा सकता है।

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नेसल स्प्रे नाक के मार्ग को मॉइस्चराइज़ करते हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक

नेसल स्प्रे नाक के मार्ग को मॉइस्चराइज़ करते हैं। इनहेलर्स अस्थमा अटैक के दौरान वायुमार्ग खोलने में मदद करते हैं। मौसम की शुरुआत में फ्लू का टीका लगवाने से जाड़े में स्वस्थ रहने में मदद मिल सकती है।

6 ह्यूमिडिफायर का प्रयोग करें (Humidifier for Asthmatic patient)

सर्दियों के दौरान अंदर की हवा शुष्क हो जाती है और नाक और फेफड़ों के मार्गों को परेशान करती है। ह्यूमिडिफायर हवा में नमी को बहाल करता है। ह्यूमिडिफायर फिल्टर मोल्ड-मुक्त होना चाहिए।

7 अपने आसपास के वातावरण को साफ़-सुथरा रखें (Cleanliness for Asthmatic patient)

आसपास की धूल को साफ़ रखें। वैक्यूम क्लीनर से सफाई करने से सभी धूलकण खत्म हो जाते हैं। हवा में मौजूद धुंआ, धूल यहां तक कि रूसी भी अस्थमा को ट्रिगर कर सकते हैं। इसलिए एयर फिल्टर और एयर प्यूरीफायर का प्रयोग करने से मदद मिलेगी।

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स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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