कभी-कभी हम कुछ ऐसा खा लेते हैं, जो हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम को परेशान कर देता है। इससे अत्यधिक गैस बनने के साथ-साथ पेट फूलना और सूजन जैसी समस्या भी होने लगती है। जीवनशैली में परिवर्तन, आहार में संशोधन और सही एंजाइम से भी इस समस्या से निजात मिल सकती है। यदि गैस के कारण पेट में दर्द हो रहा है, तो इसे घरेलू उपचार (gastric pain home remedies ) से भी ठीक किया जा सकता है।
गैसट्रोएनटेरोल हीपेटोलॉजी जर्नल में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट के भीतर गैस की सामान्य मात्रा से अधिक होने पर अत्यधिक गैस उत्पादन, पेट फूलना और सूजन जैसे लक्षण होते हैं। आंत के डॉक्टर और शोधकर्ता विलियम एल हेसलर अपने आलेख में बताते हैं कि गैस और सूजन के कई कारण हो सकते हैं।
इनमें एरोफैगिया (Aerophagia), कार्बोहाइड्रेट असहिष्णुता सिंड्रोम (Carbohydrate Intolerance Syndrome), छोटी आंतों के जीवाणु अतिवृद्धि(Small Intestinal Bacterial Overgrowth), इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (Irritable Bowel Syndrome) सहित आंतों की कई समस्याएं शामिल हैं। इनका उपचार किया जाता है, तो इससे सतह का तनाव कम हो पाता है। गट फ्लोरा बदल पाता है।
गैसट्रोएनटेरोल हीपेटोलॉजी जर्नल के अनुसार, जब तक पेट के अंदर गैस फंसी रहेगा, सूजन, बेचैनी और दर्द की समस्या हो सकती है। इन लक्षणों से बचने का सबसे आसान तरीका है कि गैस को बाहर निकालने की कोशिश की जाए। अपने स्थान से उठकर चलने-फिरने या टहलने से गैस पास हो सकता है। कुछ खाद्य पदार्थ गैस बनाते हैं।
आर्टिफिशियल शुगर जैसे कि एस्पार्टेम (Aspartame), सोर्बिटोल गैस बनाते हैं। इसके अलावा, ब्रोकली, पत्तागोभी, फूलगोभी सहित क्रूस वाली सब्जियां गैस बना सकती हैं। डेयरी प्रोडक्ट, फाइबर वाले पेय, तले हुए खाद्य पदार्थ, लहसुन-प्याज, हाई फैट वाले खाद्य पदार्थ, फलियां और चटपटा खाना भी गैस बना सकता है। इसे अपने आहार में कम मात्रा या कभी-कभार शामिल करें।
फ़ूड एंड केमिकल टॉक्सिकोलॉजी जर्नल के अनुसार, कुछ हर्बल चाय पाचन में सहायता कर सकती हैं। ये गैस के दर्द को तेजी से कम कर सकती हैं। सौंफ़ की चाय के अलावा, कैमोमाइल की चाय, अदरक की चाय, आजवाइन की चाय और पुदीना की चाय भी गैस्ट्रिक के दर्द से राहत दिला सकती है। यदि कब्ज के कारण गैस बनी है, तो सौंफ की चाय कारगर होगी।
सौंफ गैस के लिए सदियों पुराना उपाय है। आप एक चम्मच सौंफ को चबाकर पानी पी सकती हैं। इससे कब्ज में राहत मिलेगी।
जर्नल ऑफ़ एग्रीकल्चर एंड फ़ूड केमिस्ट्री में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार, पेपरमिंट ऑयल कैप्सूल सूजन, कब्ज और फंसी हुई गैस जैसी समस्याओं को खत्म करने के लिए लिया जाता है। एंटरिक-कोटेड कैप्सूल का चुनाव करें। पुदीना आयरन के अवशोषण को रोकता है। इसलिए इन कैप्सूल को आयरन सप्लीमेंट के साथ नहीं लेना चाहिए। एनीमिया से पीड़ित लोग भी इसका सेवन नहीं करें।
फ़ूड एंड केमिकल टॉक्सिकोलॉजी जर्नल के अनुसार, पारंपरिक रूप से लौंग के तेल का प्रयोग पाचन संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है। इसमें सूजन, गैस और अपच शामिल हैं। भोजन के बाद लौंग के तेल का सेवन करने से पाचक एंजाइम बढ़ सकते हैं। साथ ही आंतों में गैस की मात्रा कम हो सकती है।
जर्नल ऑफ़ एग्रीकल्चर एंड फ़ूड केमिस्ट्री में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार, एपल साइडर विनेगर पेट के एसिड और पाचन एंजाइमों के उत्पादन में सहायता करता है। यह गैस के दर्द को जल्दी कम करने में भी मदद कर सकता है।
गैस के दर्द को रोकने के लिए भोजन से पहले एक गिलास पानी में एक बड़ा चम्मच एपल साइडर विनेगर मिलाएं। फिर इसे पिएं। पीने के बाद कुल्ला कर लें। इससे दांतों के इनेमल सुरक्षित रहेंगे।
गहरी सांस लेने से फंसी हुई गैस से जुड़े दर्द और परेशानी से राहत मिल सकती है। सिंपल स्टेप वाले एक्सरसाइज पेट की मांसपेशियों को आराम दे सकते हैं। इससे गैस को बाहर करने में मदद मिलती है। खाने के बाद टहलना या वज्रासन जैसी योग मुद्रा विशेष रूप से फायदेमंद हो सकती है।
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