क्या बढ़ती उम्र के साथ यानी कि 40 क्रॉस करते ही आप किसी भी कार्य को करते हुए जल्दी और अधिक थक जाती हैं या आपके लिए अपने बढ़ते वजन को नियंत्रित करना मुश्किल हो गया है। तो इसका कारण आपके मेटाबॉलिज्म हो सकते हैं। बॉडी मेटाबोलिज्म का संतुलित रहना महत्वपूर्ण है। मेटाबॉलिज्म एक रासायनिक प्रक्रिया है, जिसके तहत शरीर खाने को ऊर्जा में परिवर्तित करता है और आपको एक्टिव रहने में मदद मिलती है।
बढ़ती उम्र के साथ बॉडी मेटाबॉलिज्म रेट धीमा हो जाता है। जिसकी वजह से ऊर्जा की कमी के साथ ही वेट गेन और तमाम समस्यायों का सामना करना पड़ता है। इसमें चिंता की कोई बात नहीं है, बढ़ती उम्र के साथ मेटाबॉलिज्म का धीमा होना प्राकृतिक प्रक्रिया है। यदि आप चाहें तो कुछ आसान से टिप्स को फॉलो करते हुए 40 के बाद भी मेटाबॉलिज्म रेट को मेन्टेन रख सकती हैं (how to boost metabolism after 40)।
भारतीय योगा गुरु, योगा इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर और टीवी की जानी-मानी हस्ती डॉक्टर हंसाजी योगेंद्र ने 40 के बाद मेटाबॉलिज्म बूस्ट करने के कुछ प्रभावी तरीके बताएं हैं। तो चलिए जानते हैं आखिर 40 वर्ष के बाद क्यों गिरने लगता है मेटाबॉलिज्म साथ ही जानेंगे इसे मेंटेन रखने के कुछ खास टिप्स (how to boost metabolism after 40)।
बढ़ती उम्र के साथ प्राकृतिक रूप से मसल्स मास कम होने लगता है और आप कम से कम कैलोरी बर्न कर पाती हैं। इसके अलावा शरीर की सक्रियता में भी कमी आती है जिसकी वजह से मोटापा बढ़ता है और हृदय संबंधी समस्यायों का जोखिम भी बना रहता है। इस स्थिति में मेटाबॉलिज्म का धीमा होना सामान्य है। मेटाबॉलिज्म रेट जेंडर और जीन पर भी निर्भर करता है। महिलाओं की तुलना में पुरुषों का मेटाबॉलिज्म रेट अधिक होता है क्युकी उनके मसल्स मास अधिक होते हैं साथ ही उनकी हड्डियां मजबूत होती हैं और बॉडी फैट भी काफी कम होता है।
प्रोटीन मांसपेशियों के लिए बेहद ज़रूरी है, इसलिए हर मील के साथ पर्याप्त प्रोटीन लेना बेहद जरूरी है। डाइजेस्टिव सिस्टम प्रोटीन को पचाने में अधिक कैलोरी का इस्तेमाल करते हैं। अपने डाइट में फलियां, शतावरी, क्विनोआ, बीन्स, दाल जैसे अनाज शामिल करें। प्रोटीन से युक्त अंडे और योगर्ट को ब्रेकफास्ट में शामिल करें।
अदरक का सेवन मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देता है साथ ही पाचन संबंधी समस्याओं में कारगर होता है। एक्सपर्ट के अनुसार अदरक को छोटे टुकड़ों में काट लें और इसमें शहद डालें। इन्हें शहद में डुबोकर सनलाइट में 15 दिनों के लिए छोड़ दें। हर रोज अदरक के 2 टुडे खाएं।
तरबूज और खरबूज इत्यादि जोसे फलों का सेवन करें। यह मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने के साथ ही वेट लॉस में आपकी मदद करते हैं। इनमें आर्जिनिन और एमिनो एसिड मौजूद होते हैं जो इन्हें वेट लॉस फ्रेंडली बनाते हैं।
फलों के जूस की जगह पूरे फल का सेवन करें यह अधिक प्रभवि रूप से काम करते हैं। फलों को जूस में बदलते ही इनके फाइबर की गुणवत्ता कम हो जाती है। ब्लूबेरी, एवोकाडो, स्ट्रॉबेरी और एप्रीकॉट भी मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में मदद करते हैं।
एक्सपर्ट के अनुसार यदि आप मेटाबोलिज्म को संतुलित रखना चाहती हैं तो सुबह उठ कर कुछ देर टहलने की आदत बनाएं। यदि आप वर्क फ्रॉम होम कर रही हैं तो पूरे दिन डेस्क पर बैठे न रहें हर 30 मिनट के बाद उठ कर कुछ देर घर के अंदर वॉक करें। इसके साथ ही सिंपल बॉडी स्ट्रेचेज भी कर सकती हैं।
साथ ही बैठे रहने की जगह घर के छोटे मोटे कामों को स्वयं करने का प्रयास करें। यह आपके माइंड और बॉडी को रिफ्रेश रखने के साथ ही आपके आउटपुट को भी बढ़ावा देगा और आपके मेटाबोलजम को बूस्ट करते हुए आपको फिट रहने में मदद करेगा।
यदि आप अपने मेटाबॉलिज्म को संतुलित रखना चाहती हैं तो नींद के पैटर्न में सुधार करना महत्वपूर्ण है। यदि आपकी नींद पूरी नहीं हो पाती है तो मेटाबॉलिज्म रेट असंतुलित हो जाता है। अनियमित नींद बॉडी में एनर्जी और भूख को नियंत्रित करने वाले हार्मोन को असंतुलित करते हुए आपके ऊपर भारी पड़ सकती है।
नेशनल लाइब्रेरी द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार 8 से 9 घंटे की नींद मीठे और नमकीन स्नैक्स की क्रेविंग्स कंट्रोल करती हैं। इतना ही नहीं नींद पूरी करने वाले लोगों का मेटाबॉलिज्म रेट अधिक हेल्दी होता है।
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यदि आप चाय और कॉफ़ी की शौक़ीन हैं तो, चालीस की उम्र में बाद इसे ग्रीन टी से रिप्लेस करना जरुरी है। यह कैटेचिन का एक समृद्ध स्रोत है, जो एक प्रकार का एंटीऑक्सिडेंट है। यह मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करते हुए शरीर की चर्बी को कम कर सकता है। दोपहर या दिन में किसी भी वक्त एक कप ग्रीन टी जरूर पियें।
पुरे दिन में 2 बार खूब सारा खाना खाने की बजाय छोटे-छोटे पोर्शन साइज़ में अधिक बार खाएं। यह आपके मेटाबॉलिज्म रेट को बढ़ावा देने के साथ साथ पाचन क्रिया को भी संतुलित रखता है और बॉडी पर फैट जमा नहीं होने देता। अपने डाइट में वेरिएशन एड कर सकती हैं। यदि आप एक लंबे गैप के बाद खाती हैं तो ओवर ईटिंग की संभावना होती है।
मेटाबॉलिज्म बूस्ट करने के लिए अग्निसार क्रिया, सूर्य मुद्रा, भस्त्रिका प्रणायाम और पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास करें। यदि आप 30 वर्ष की हो चुकी हैं तो धीरे धीरे आपका मेटाबॉलिज्म धीमा होना शुरू हो जाता है, ऐसे में असुविधाओं से बचने के लिए एक्सपर्ट के सुझाए इन आसनों का अभ्यास जरूर करें।
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