चश्मा हमारी नज़र तो बदल सकता है, मगर नज़रिया नहीं। खैर, फैशन के इस दौर में चश्मा लगाने के लिए नज़र का कम होना ज़रूरी नहीं है। लोग अलग-अलग रंगों और डिज़ाइन्स के फ्रेम बनवाकर अपने हिसाब से चश्में लगा रहे हैं। मगर फिर भी गैजेटस की इस दुनिया में जहां हम दिन रात मोबाईल और लैपटॉप पर अलग-अलग वजहों से व्यस्त रहते हैं, उसके मद्देनजर आंखों के चेकअप के साथ चश्मे की जांच करवाना भी ज़रूरी है। असल में चश्मा नज़र को कम या ज्यादा करने में सहायक होता है। हम सुबह उठते ही चश्मा लगा लेते हैं, जो रात को सोते वक्त ही उतरता है। हम में से बहुत से लोग ऐसे भी हैं, जो चश्मा लगाना तो नहीं भूलते, मगर उसे साफ करना उन्हें याद नहीं रहता है। इसलिए जरूरी है कि आप चश्मे की देखभाल के लिए इन टिप्स (how to take care of eyeglasses) को जरूर याद रखें।
बहुत से लोग ऐसे भी है, जो सालों तक बिना जांच करवाए गलत नंबर का चश्मा पहनते रहते हैं, जिससे उनकी आंखों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। अंत में उनकी आंखों की रोशनी औश्र भी कम हो जाती है। ऐसे में जब भी आपको सिरदर्द की शिकायत रहने लगे यां फिर धुंधला नज़र आने लगे, तो तुरंत डॉक्टरी चकअप के लिए जाएं और आंखों समेत चश्मे की जांच करवाएं।
हर काम को जल्दबाज़ी में करना हमारी आदत है। मगर ज़रा रूककर बैठकर अपने कीमती समय में से रोज़ाना पांच से सात मिनट निकालकर चश्मे को साफ करना ज़रूरी है। किसी भी पकउे से चश्मे को साफ करने से उसका लेंस खराब हो सकता है और वो पूरी तरह से साफ भी नहीं होता है। चश्मा खरीदते वक्त दुकानदार हमें एक लिक्विड साल्यूशन देता है, जिससे चश्मा साफ करने की सलाह दी जाती है। ध्यान रखें कि एक साफ रूमाल और उस लिक्विड से ही चश्मे को हमेशा साफ करें।
अगर आप लगातार लैपटॉप पर काम कर रहे है यां फिर टीवी देख रहे हैं, तो ध्यान दें कि कुछ देर बाद आंखों को ज़रूर झपकाएं ताकि आपकी आखें कुछ देर के लिए रिलैक्स हो जाएं। इसीलिए काम के मध्य आंखें झपकाना ज़रूरी है।
लैपटॉप, मोबाईल यां फिर टीवी देखते हुए इस बात का ख्याल रखें कि ज्यादा ब्राइटनेस आपकी आंखों को प्रभावित कर सकती है। ऐसे में अपने गैजेट की ब्राइटनेस को हमेशा कम रखें, ताकि आपकी आंखें सुरखित रह पाएं।
रात को समय पर न सोने से तनाव और सिरदर्द जैसी समस्याएं पनपना एक आम बात है। दिनभर गैजेटस में मसरूफ रहने के बाद सोएं पूरी नींद लेने से आपकी आँखों के साथ-साथ आपके शरीर को भी आराम मिलेगा ।
जहां तक संभव हो सके हर तीन महीने में आंखों का चकअप बेहद ज़रूरी है। दरअसल, आंखों की नियमित जांच हमें आईसाईट के अलावा आंखों में होने वाली एलर्जी और अन्य रोगों की भी जानकारी देते हैं। इसके चलते डॉक्टरी सलाह से आगे का इलाज करवाया जा सकता है।
अगर आप चश्मे को किसी कपड़े से साफ करना चाहती है, तो सबसे पहले अपने हाथों को धोएं और फ्रेश तौलिए से साफ कर लें। इससे आपका चश्मा किसी भी तरह के संक्रमण से बचा रह सकता है।
सबसे पहले चश्मे के ग्लासेस पर लगी धूल को हटाना न भूलें। उसके बाद गलासेस को कपड़े से साफ करने से पहले गुनगुने पानी में डालें ओर उसमें लिक्विड लोशन मिलाकर चश्मे को साफ करें। ऐसा करने से चश्मे पर चिपके हुए उंगलियों के दाग खुद ब खुद आसानी से हट जाएंगे।
किसी भी लिक्विड लोशन की मदद से आप अपने चश्मे के लैंस के अलावा फ्रेम को भी क्लीन कर सकती हैं। फ्रेम के अंदर मौजूद डस्ट पार्टिकल्स को हटाना भी ज़रूरी है। ग्लासेस को दोनों तरफ से साफ करके पानी से धोएं। इसके बाद ग्लासेस को उस पोज़िशन में रखें ताकि सारा पानी अच्छी तरह से साफ हो जाए।
यूं ही टेबल या किसी और जगह पर जल्दबाज़ी में चश्मे को छोड़ने की बजाय उसे एक मजबूत कवर में रखें। इसके अलावा चश्मे को इस प्रकार से रखें ताकि वो किसी प्रकार की हानि से बच सके।
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