हेल्दी लाइफस्टाइल के साथ हेल्दी स्लीप पैटर्न होना भी बेहद जरूरी है। एक बेहतर नींद आपको शारीरिक और मानसिक दोनों रूपों से स्वस्थ होने में मदद करती है। आपने खुद भी महसूस किया होगा जिस दिन हमें नींद बेहतर नहीं आती। उस दिन बदन दर्द, थकावट जैसी परेशानियां जरूर होती हैं। ऐसे इसलिए क्योंकि नींद के दौरान हमारी पूरी बॉडी को रिलेक्स होने और टोक्सिन रिलीज करने का मौका मिलता है। अधूरी नींद के कारण कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती है। जिनमें इंटरप्टेड स्लीप (Interrupted sleep) की समस्या भी शामिल है।
इंटरप्टेड स्लीप की समस्या एक गंभीर स्थिति मानी जाती है। जिसमें व्यक्ति को लंबे समय तक नींद न आना या बार-बार नींद टूटना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। आइए हेल्थ शॉट्स के इस लेख के माध्यम से जानें इस गंभीर स्थिति के बारें में।
विशेषज्ञों की सलाह के मुताबिक स्वस्थ शरीर के लिए 7 से 9 घंटे की नींद लेनी जरूरी है। रात के दौरान 1 से 2 बार नींद खुलना सामान्य है। वही इंटरप्टेड स्लीप की समस्या में व्यक्ति लगभग आठ घंटे के दौरान कम से कम 4 बार लंबे समय तक जागता है।
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स्लीप एपनिया की स्थिति में सोते समय व्यक्ति की सांस बार-बार रुक जाती है। इसके कारण लंबे समय तक नींद न आना और बार-बार उठना जैसी परेशानियां हो सकती हैं। इसके साथ ही शरीर में बढ़ता वजन भी स्लीप एपनिया का कारण बन सकता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक अगर आप सोने के दो घण्टे पहले कैफिन या शराब का सेवन नींद खराब करने कारण बन सकता है। इसके कारण आपको बार-बार यूरिनेट के लिए जाना, लंबे समय तक नींद ने जाने की समस्या हो सकती है। क्योंकि कैफिन का सेवन बॉडी को रिलेक्स और एक्टिव करता है, जो आपके स्लीप पैटर्न को प्रभावित कर सकता है।
डिजिटल डिवाइसेस से निकलने वाली आर्टिफिशियल लाइट आपकी मेंटल हेल्थ और आखों पर जोर डालती है। रिसर्च गेट की रिसर्च के मुताबिक स्मार्टफोन, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स से निकलने वाली रोशनी आपके मेलाटोनिन लेवल को कम करती है। यह एक विशेष हार्मोन है, जो आरामदायक नींद देने के लिए जिम्मेदार माना गया है।
अगर रोजमर्रा की घटनाएं आपको जरूरत से ज्यादा चिंतित करती हैं, तो इससे आपको एंजाइटी की समस्या हो सकती है। इसके कारण आपकी नींद बार-बार खराब हो सकती है। इसके साथ ही बाइपोलर डिसऑर्डर या मूड डिसऑर्डर वाले लोगों को भी नींद की समस्या हो सकती है, जिसमें रात में जागना शामिल है। इसके सही इलाज के लिए डॉक्टर से बात करें।
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पबमेड सेंट्रल के विशेषज्ञों के मुताबिक अगर आप किसी स्वास्थ्य समस्या से ग्रस्त हैं या दवा ले रहे हैं। इसके कारण भी आपको इंटरप्टेड स्लीप की समस्या हो सकती है। खासकर एलर्जी, हृदय रोग, हाई ब्लडप्रेशर, एडीएचडी रोग आदि। इसके लक्षण नजर आते ही डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।
अधिकतर मामलों में एक्सरसाइज बेहतर नींद लेने में मदद करती है। लेकिन अगर आप सोने के पहले ज्यादा मेहनत करती हैं, तो आपका शरीर ज्यादा कोर्टिसोल बनाता है। यह एक हार्मोन जो आपको ज्यादा एक्टिव होने में मदद करता है। यह आपको सोने से रोक सकता है या लंबे समय तक नींद न आने का कारण बन सकता है।
इंटरप्टेड स्लीप के कारण सोते समय लंबे समय तक नींद न आना या बार-बार नींद खुलना जैसी समस्याएं होती है।
स्लीप फाउंडेशन ने इसके अन्य लक्षणों पर बात करते हुए बार-बार मूड में बदलाव आना, दिनभर नींद महसूस करना, सोते समय अजीब बैचेनी, सांस रुकना या परेशानी होना बताया है।
आइए अब जानते हैं कैसे किया जाए इंटरेप्टेड स्लीप की समस्या का समाधान
इंटरप्टेड स्लीप की समस्या का हल करने के लिए हार्वर्ड मेडिकल स्कूल ने इन सुझावों पर बात की है –
लाइफस्टाइल की कुछ आदतों के कारण ही इंटरप्टेड स्लीप की समस्या देखी गई है। इसलिए लेट नाइट ईटिंग अवॉइड करने के साथ कैफिन और शराब का सेवन करना भी अवॉइड करें। वही सोने से पहले एक्सरसाइज की जगह वॉक करने की आदत बनाएं।
एंजाइटी और डिप्रेशन इंटरप्टेड स्लीप के मुख्य कारण पाए गए हैं। इसके लिए आपको स्ट्रेस मैनेजमेंट टेक्निक पर काम करने की जरूरत होगी। डॉक्टर से सलाह लेने के साथ मेडिटेशन और स्ट्रेस मैनेजमेंट थिरेपी और एक्सरसाइज से मदद मिल सकती है।
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