मेनोपॉज महिलाओं में पीरियड्स बंद होने और रिप्रोडक्टिव साइकिल में आ रहे बदलाव का महत्वपूर्ण चरण है। इसमें उन्हें कई तरह की समस्याएं झेलनी पड़ सकती हैं। इस दौरान न सिर्फ उन्हें अचानक गुस्सा या खीझ हो सकती है, बल्कि कभी-कभी कॉन्फिडेंस भी लूज होने लगता है। उन्हें अचानक गर्मी या सर्दी भी लगने लग सकती है। हॉट फ्लैशेज की समस्या कुछ महीनों या 1 वर्ष तक भी रह सकती है। हालांकि इसे खत्म नहीं किया जा सकता, पर कुछ तरीकों से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। हॉट फ्लैशेज को नेचुरक तरीके से भी कम (Hot Flashes can be reduced naturally) करने के लिए आप कुछ घरेलू उपाय (how to reduce hot flashes) अपना सकती हैं।
मेनोपॉज से पहले यानी पेरीमेनाेपॉज की स्थिति में पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं। दरअसल, इस दौरान ओवरी के काम करने की क्षमता कम होने लगती है। इसलिए समय के साथ एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन घटने लगता है। इसके कारण कभी-कभी शरीर के ऊपरी भाग में अचानक गर्मी लगने लगती है। इसे ही हॉट फ्लैशकहते हैं।
इसके कारण आमतौर पर चेहरे, गर्दन और छाती पर सबसे अधिक गर्मी लगने लगती है। शरीर से बहुत अधिक पसीना आने लगता है। हॉट फ्लैशेज के कारण आपकी स्किन लाल हो जाती है। फोड़े-फुंसी भी निकल सकते हैं। इसके बाद अचानक बहुत अधिक ठंड भी लगने लगती है। यदि यह परेशानी रात में होती है, तो इससे आपकी नींद बाधित हो सकती है।
स्पाइसी फूड, कॉफी, अल्कोहल, स्ट्रेस, टाइट कपड़े पहनने से हॉट फ्लैशेज की समस्या ज्यादा हो सकती है। कभी-कभार पब्लिक ट्रांसपोर्ट लेने या किसी खास मेकअप का इस्तेमाल करने पर भी हॉट फ्लैशेज हो सकते हैं। अगर आप गुस्से या तनाव में हैं, किसी प्रोजेक्ट या मीटिंग को लेकर बहुत उत्साहित हैं, तब भी आपको हॉट फ्लैश की समस्या हो सकती है।
यदि हॉट फ्लैशेज के कारण अचानक गर्मी लगने लगी है, तो कभी-भी एयर कंडीशन चलाकर खुद को ठंडा करने का प्रयास न करें। अपने दिमाग को शांत करें। रूम टेम्प्रेचर पर ही रहने दें। पंखे के नीचे बैठें। खुद के ऊपर ठंडे पानी का फुहारा दें। अचानक एसी में जाने से आपको तेज ठंड भी लगने लग सकती है, जो हॉट फ्लैशेज के ही लक्षण हैं।
सिंथेटिक कपड़े पहनने पर बॉडी हीट ट्रैप कर जाती है, जो हॉट फ्लैशेज को ट्रिगर कर देती है। तुरंत सिंथेटिक कपड़े उतार कर कॉटन या ठंड में वुलन कपड़ों का प्रयोग करें। इससे आपका शरीर अच्छी तरह से सांस ले पाएगा और गर्मी का एहसास कम हो जाएगा।
जैसे ही हॉट फ्लैशेज का अनुभव हो, अपनी एंग्जाइटी को शांत करने की कोशिश करें। खुद को रिलैक्स करने वाली एक्सरसाइज करें।
इसमें किसी प्रोफेशनल की भी मदद ले सकती हैं। अनुलोम विलोम प्राणायाम को भी आजमा सकती हैं।
तेल-मसाले वाले भोजन, गर्म चाय, कॉफी ये सभी चीजें शरीर का तापमान बढ़ा देती हैं। इससे हॉट फ्लैशेज ट्रिगर हो सकते हैं। इसका अनुभव होते ही तरबूज, खरबूजे जैसे ठंडे फल खाएं। नींबू-पानी का सेवन करें। इसमें आइस भी डाल सकती हैं। जिस फूड से आपको एलर्जी हो, उनका सेवन तुरंत बंद कर दें। खाना हमेशा ठंडा और ताजा खाने की ही कोशिश करें।
ये मुफ्त में मिलने वाली दवा है, पर इसके लिए आपको स्वयं प्रयास करना होगा। खुश रहना न केवल आपको अपनी स्थिति को स्वीकारने में मदद करता है, बल्कि तनाव, एंग्जाइटी और गुस्से से भी बचाता है।
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कस्टमाइज़ करेंदूसरों से कम एक्सपेक्ट करें और खुद को भी कम खर्च करें। अब तक आप एक लंबा अरसा खुद को खर्चती आईं हैं।
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