यदि हम अगले सप्ताह की तैयारी को लेकर एंग्जाइटी (Anxiety) फील करते हैं, तो यह बहुत सामान्य सी बात है। आपने क्रिकेट में देखा होगा कि जो बैट्समैन क्रीज़ पर आते ही ताबड़तोड़ रन बनाने लगते हैं, वे जल्दी आउट हो जाते हैं। वहीं धीमी शुरुआत करने वाले टिक कर खेलते हैं और अंत में बढ़िया स्कोर बनाते हैं। कुछ ऐसा ही है, ऑफिस जाने से पहले हमारे अगले सप्ताह की तैयारी (Next week preparation)। यदि आप शांत मन से धीमी शुरुआत करेंगी, तो मंडे ब्लू कहने की कभी जरूरत ही नहीं पड़ेगी। आप इस दिन को कॉजी मंडे (How to prepare yourself for cozy Monday) कहेंगी। सायकोथेरेपिस्ट डॉ. सानिया बेदी अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट में इसके बारे में विस्तार से बता रही हैं।
मंडे ब्लूज़ नकारात्मक भावनाओं (Negative Emotions) का एक समूह है, जिसका अनुभव वर्किंग वीक की शुरुआत में मिलता है। यह काम पर जाने और अपना वर्कवीक शुरू करने के डर का एहसास है। आमतौर पर इसके कारण एम्प्लोई सोमवार की सुबह उदास महसूस कर सकते हैं। वे नहीं चाहते हैं कि वीकएंड समाप्त हो। वे अपने काम को लेकर उत्साहित महसूस नहीं करते हैं। अमेरिकन फेडरेशन ऑफ़ लेबर संस्था द्वारा कराए गये सर्वे के अनुसार, जिस ऑफिस में काम का दवाब अधिक रहता है, बॉस और एम्प्लोई रिलेशन सही नहीं रहता है या ऑफिस में अत्यधिक वर्क प्रेशर रहता है, तो उस कंपनी में मंडे ब्लूज का एहसास अधिक होता है।
डॉ. सानिया कहती हैं, ‘यदि आप सोच रही हैं कि मंडे को ऑफिस पहुंचकर धमाका करना है या कुछ विशेष हासिल करना है, तो अपनी सोच को विराम दें। सोमवार के दिन आपको अपने ऊपर बहुत अधिक स्ट्रेस नहीं लेना चाहिए। इससे आप जल्दी थकान अनुभव करने लगेंगी और नेक्स्ट डे आप चाहकर भी अधिक काम नहीं कर पाएंगी। इसलिए सोमवार को धीमी शुरुआत करें। किसी हल्के-फुल्के काम को इस दिन निपटाएं।
आपको पूरे सप्ताह क्या-क्या करना है? कौन कौन से कार्य को सप्ताह के अंत तक पूरा करना है, यह पहले से तय कर लें। फ्राइडे को नेक्स्ट वीक की प्लानिंग और लक्ष्य बना लें। कुछ कार्य एकाएक आ जाते हैं, पर उनकी संख्या नाम मात्र की होती है।
प्लानिंग कर लेने के बाद फिर आपको इस बात की चिंता नहीं रहती है कि अगले दिन के काम के लिए तैयारी करनी पड़ेगी। प्लानिंग को हमेशा डेट देकर अपनी डायरी या फोन के प्लानर में नोट कर लें।
आप पहले दिन ही थका हुआ महसूस कर रही हैं और लो फील कर सकती हैं। इसके लिए बहुत चिंतित नहीं हों। अपने प्रति दयालू बनें। खुद को समय दें। रिलैक्स होकर अपनी सीट से इधर-उधर टहलें। अपनी पसंदीदा पेय (नारियल पानी) पीयें। अपनी साँसों पर 5 मिनट ध्यान दें। निश्चित तौर पर यह सब करने के बाद आप तरोताजा फील करेंगी।
भोजन का भी प्रभाव हमारे मन और तन पर पड़ता है। सोमवार से शुक्रवार तक बहुत तला-भुना, डिब्बाबंद भोजन, गैसी फ़ूड को अवॉयड करें। इन सभी भोजन का न सिर्फ गट हेल्थ, बल्कि माइंड पर भी पड़ता है। ये आपको सुस्त और आलसी बना सकते हैं। कई रीसर्च बताते हैं कि तला-भुना भोजन आपको अधिक लो फील कराते हैं। वहीं ताज़ी और रंग-बिरंगी सब्जिय आपके मन को उत्साह से भर देती हैं।
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कस्टमाइज़ करेंकपड़े के रंगों का चयन भी हमारे मूड को बना या बिगाड़ देता है। सोमवार को हमेशा चटख रंग के कपड़े पहनने की कोशिश करें। डार्क ग्रीन कलर हमें नई उमंग और एनर्जी से भर देता है। सनडे को यह योजना बना लें कि अगले एक सप्ताह तक आपको किस कलर और कौन से परिधान पहनने हैं। शरीर के अंदरूनी हिस्सों तक हवा नहीं पहुंचने और ब्लड सर्कुलेशन सही तरीके से नहीं होने के कारण टाइट ड्रेस आपका काम करने से मन ऊबा देते हैं। इसलिए आरामदायक कपड़े पहनने की कोशिश करें।
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