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क्या इन दिनों ज्यादा आ रही है नींद? तो जानिए इसका कारण और इसे कंट्रोल करने के उपाय

हम रात में साउंड स्लीप लेते हैं। इसके बावजूद दिन के समय अत्यधिक नींद आती रहती है। यहां हैं दिन की अत्यधिक नींद से छुटकारा पाने के उपाय।
चंद्रग्रहण के दौरान सोया जा सकता है। चित्र : एडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 20 Oct 2023, 09:58 am IST
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कभी-कभी रात में अच्छी नींद के बावजूद हमें दिन में भी नींद आती रहती है। सुस्ती और आलस्य दिन भर घेरे रहते हैं। काम करते हुए भी आंखें बंद हो जाती हैं। ऐसी स्थिति में हम सोचते हैं कि रात भर सोने के बावजूद हमें दिन में नींद क्यों आ रही है। खासतौर से सर्दियों में इस तरह की समस्या ज्यादा बढ़ जाती है। अगर आप भी इन दिनों ज्यादा नींद आने की समस्या से जूझ रहीं हैं, तो जानिए इसके कारण और इससे उबरने (how to get rid of too much sleep) के कुछ आसान उपाय।

पहले जानिए दिन में क्यों आती है अत्यधिक नींद (excessive daytime sleepiness)

स्लीप रिसर्च सोसाइटी जर्नल में दिन के समय अत्यधिक नींद आने (Excessive Daytime Sleepiness) की वजहों पर एक शोध आलेख प्रकाशित हुआ। शोधकर्ता जुलिओ फेर्नान्डेज़-मेंडोज़ा और ए एन गोंटाज़ की टीम ने अपने शोध आलेख में बताया कि अत्यधिक नींद आना स्वास्थ्य के लिए जोखिमकारक हो सकता है। इसके निष्कर्ष में बताया गया कि मोटापा, वजन कम करने की सनक और अवसाद भी दिन की अत्यधिक नींद के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक हो सकते हैं। इनके अलावा, उदास रहने वाले व्यक्तियों या दुखी रहने पर भी नींद अधिक आ सकती है।

अत्यधिक नींद से छुटकारा दिला सकते हैं ये आसान उपाय ( tips to get rid of excessive sleep)

1 रात में सोने के समय (night sleeping time) का सही आकलन

न्यूरोसाइंस एंड बिहेविएर जर्नल के अनुसार, कुछ लोगों के लिए रात में 6-7 घंटे की नींद पर्याप्त होती है, तो कुछ लोगों के लिए 7-8 या 8-9 घंटे की नींद पर्याप्त होती है। संभव है कि आपको रात की नींद पूरी करने के लिए 7-8 या 8-9 घंटे की नींद पर्याप्त होती है। धीरे-धीरे अपने सोने के समय को बढाने की कोशिश करें।

शुरुआत 15 मिनट पहले बिस्तर पर जाने की कोशिश से करें। धीरे-धीरे अपने शेड्यूल में समय को बढाते हुए 1 घंटे तक कर लें। जैसे ही आपके रात की नींद में 1 घंटे तक इजाफा होगा वैसे ही आपको दिन में हमेशा नींद-नीद आने जैसा महसूस होना बंद हो जायेगा।

2 हेल्दी और समय पर डाइट (healthy diet) लेने की कोशिश करें

स्लीप जर्नल के अनुसार, शरीर को पोषक तत्वों की कमी के कारण भी दिन में नींद आती है। अच्छी आदतें दिन के आलस्य और नींद को भगाने में मदद करती हैं। अपने आहार में पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदाथों को शामिल करें। नियमित समय पर भोजन लें। सोने का नियमित समय और नियमित समय पर भोजन दोनों मिलकर शरीर के सर्कैडियन लय को सही करने में मदद करते हैं। दोपहर के समय मैदे वाली चीज़ों जैसे कि सैंडविच, पास्ता, पिज़्ज़ा आदि को खाने से बचें। इन भोजनों से शरीर को आवश्यक ऊर्जा की पूर्ति नहीं हो पाती है और हमें नींद-सी लगती रहती है।

3 नियमित व्यायाम (regular exercise) करें

नियमित व्यायाम दिन की लेजीनेस और नींद को भगाने में कामयाब हैं। टहलना या किसी भी प्रकार का एरोबिक व्यायाम या फिर योगासन रात में अच्छी नींद देने में मदद करते हैं।

नियमित व्यायाम दिन की लेजीनेस और नींद को भगाने में कामयाब हैं। चित्र : शटरस्टॉक

और दिन की नींद को भगा देते हैं। प्रतिदिन 30 मिनट का व्यायाम पर्याप्त है। यह आपको दिन भर एनर्जेटिक बनाये रखने में मदद करता है।

4 दिन में न लें झपकी 

स्लीप रिसर्च सोसाइटी जर्नल के अनुसार, अक्सर लंच लेने के बाद लोग कुछ मिनट के लिए झपकी लेते हैं। अगर आपकी ऐसी आदत है, तो उसे तुरंत खत्म करें। इससे आपको रात की नींद प्रभावित होगी। रात में सही तरीके से नींद नहीं आने पर दिन में आपको हमेशा नींद-सी आती रहेगी।

5 वीकेंड में खराब न करें रुटीन

अगर आपको दिन में नींद अधिक आती है, तो इसका मतलब है कि आपके सोने और जागने का समय निश्चित नहीं है। आप हर दिन एक निश्चित समय पर सोने की आदत डालें। सुबह जगने यानी बेड छोड़ने का समय भी आपका निश्चित होना चाहिए। इसमें वीकएंड भी शामिल हैं। यदि आप रात 11 बजे सो जाती हैं और सुबह 6 बजे जाग जाती हैं, तो वीकएंड में भी यह रूटीन बरकरार रहना चाहिए। इस समय में हेर-फेर होने पर ही दिन में अधिक नींद आती है।

सुबह जगने यानी बेड छोड़ने का समय भी आपका निश्चित होना चाहिए। इसमें वीकएंड भी शामिल हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक

अंत में

नेगेटिव विचारों को अपने से दूर रखें। इससे अवसाद नहीं होगा और आप दिन में स्लीपी महसूस नहीं करेंगी। वजन को नियन्त्रण में रखना जरूरी है, पर इसे सनक बनाना ठीक नहीं है। इससे दिन में अधिक नींद आने से बचाव हो सकेगा।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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