बॉडी शेमिंग से परेशान हैं, तो जानिए आप कैसे बदल सकती हैं अपना नजरिया

अगर आप भी बॉडी शेमिंग से परेशान हैं, तो अपना नजरिया बदलें। इसमें आपकी मदद कर सकते हैं यहां एक्सपर्ट के बताये कुछ टिप्स।
बॉडी शेमिंग से परेशान होने पर लोगों को चेहरा नहीं नजरिया बदलने की जरूरत है। चित्र : एडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 26 Dec 2022, 05:47 pm IST
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इन दिनों फिटनेस दीवा (fitness diva) मलाइका अरोड़ा (Malaika Arora) का शो मूविंग विद मलाइका (Moving With Malaika) काफी चर्चा में है। बातचीत पर आधारित इस कार्यक्रम में लोग अपने दिल की बात कहते हैं। इस कार्यक्रम में लोकप्रिय टीवी अभिनेत्री भारती सिंह भी आयीं। उन्होंने बॉडी शेमिंग (Body Shaming) पर बात की। बॉडी शेमिंग पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि लोग गुणों को देखने की बजाय चेहरे को देखते हैं। फिटनेस को तौलते हैं। मोटापे का मजाक उड़ाते हैं। भारती ने कार्यक्रम के माध्यम से अपील की कि लोगों को चेहरा नहीं नजरिया बदलने की जरूरत (how to change attitude) है। नजरिया बदलने के लिए उन्हें कुछ टिप्स (tips) को अपनाना होगा।

यहां हैं नजरिया बदलने के लिए कुछ जरूरी टिप्स (Tips)

1 घरवालों को आत्मविश्वास (confidence) तोड़ने से बचना चाहिए

लाफ्टर क्वीन (Laughter Queen) भारती सिंह (Bharti Singh) मूविंग विद मलाइका(Moving With Malaika) शो में कहती हैं, ‘लोग उन्हें सोशल साइट्स पर मोटापे की वजह से हमेशा ट्रोल करते रहते हैं।मैं बाहर ही नहीं घर पर भी ट्रोल हो चुकी हूं। खूब ताने सुने हैं। कभी एक परांठा ज्यादा खा लिया, तो घरवाले खाने मना करते। वे कहते कि लड़कियां इतना नहीं खातीं। तुम्हारी शादी नहीं हो पाएगी।

मनोवैज्ञानिक अरविंद सिंह कहते हैं, ‘ घरवालों को कभी अपने बच्चों या परिवार के किसी मोटे सदस्य को बॉडी शेप या मोटापे को लेकर नहीं बोलना चाहिए। इससे बच्चे का आत्मविश्वास (self confidence) प्रभावित होता है। यदि वे फिजिकल एक्टिविटी(Physical Activity) या एक्सरसाइज(Exercise) नहीं करते हैं, तो इसके लिए कहें न कि मोटापे को लेकर।’

2 नेगेटिव(negative thoughts) की बजाय पॉजिटिव (positive thoughts) विचार सामने लायें 

नेगेटिव विचार की बजाय पॉजिटिव विचार मन में लायें। चित्र : शटरस्टॉक

अभी कुछ महीने पहले तक अभिनेत्री काजोल (Kajol) की बेटी न्यासा (Nysa Devgan) अपने रूप-रंग को लेकर यूजर्स (users) के बीच ट्रोल (troll) होती थीं। अक्सर यूजर उनके लिए लिखते, ‘ये मोटी और भद्दी दिखती है। अपनी मां की तरह स्मार्ट भी नहीं है। इसकी वजह से उन्हें बहुत बुरा लगता और उनकी भावनाएं आहत होतीं। हालांकि अब न्यासा देवगन की पर्सनालिटी(personality) बिल्कुल चेंज हो गई है। अरविंद सिंह कहते हैं, ‘हर व्यक्ति में कुछ न कुछ गुण जरूर होते हैं। हमें व्यक्ति के नेगेटिव पॉइंट को देखने की बजाय उसके पॉजिटिव पॉइंट को देखना चाहिए। उसकी प्रसंसा करनी चाहिए। नेगेटिव विचार (negative thought) की बजाय पॉजिटिव विचार (positive thought)  मन में लायें। ’

3 कहावतें (proverbs) और लोकोक्तियां (sayings) भी करती हैं बॉडी शेमिंग के खिलाफ इशारा

“ रूप न देखो गुण को देखो” – यह कहावत बहुत मशहूर है। इस कहावत के साथ ही यदि किसी ने फिल्म ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ देखा है, तो उसकी भी याद आएगी। इसमें अभिनेत्री जीनत अमान(Zeenat Aman) का चेहरा जला हुआ है, लेकिन उनकी आवाज़ बहुत सुरीली है। उनकी मीठी आवाज़ के प्रति सभी आकार्षित हैं। सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर(Lata Mangeshkar) पर फिट बैठती है। गुण के पैमाने पर लता जी शिखर पर थीं। एक बार उन्होंने कहा था, यह सच है की पहली बार नजर चेहरे पर ही जाती है, लेकिन यह आकर्षण टिकाऊ नहीं होता। व्यक्तित्व की खूबी ही लोगों के मन में टिकती है। गांव में यह लोकोक्ति प्रसिद्ध है काम प्यारा कि चाम प्यारा। मतलब आप अपने काम के कारण लोगों के बीच प्यार पाते हैं न कि अपने रूप के कारण।

4 आपको खुद भी है नजरिया बदलने (change perspective) की जरूरत

over thinking ke nuksaan
सामने वाले के साथ-साथ आपको अपना नजरिया भी बदलना पड़ेगा। चित्र : शटरस्टॉक

मिस यूनिवर्स रह चुकीं और एक्ट्रेस सुष्मिता सेन(Sushmita Sen) ने एक बार अपने इंटरव्यू के दौरान कहा, सामने वाले के साथ-साथ आपको अपना नजरिया भी बदलना पड़ेगा। यदि आपको कोई बदसूरत, भोंडी कहता है, तो आप उसे दिल पर नहीं लें। सामने वाले की बात का हंसते हुए जवाब दें।’

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अरविंद सिंह भी इस बात पर हामी भरते हुए कहते हैं, ‘ यदि व्यक्ति छोटी-छोटी बातों पर चिढ़ना, नाराज होना छोड़ दे, तो धीरे-धीरे सामने वाला व्यक्ति भी उसे चिढ़ाना बंद कर देगा। वह खुद भी मानसिक रूप से मजबूत हो जाएगा। महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर कहते हैं, ‘ आलोचना या अपने लिए कही गयी बुरी बातों पर प्रतिक्रिया नहीं दें। इसकी बजाय अपने काम में उपलब्धि हासिल कर जवाब दें।

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स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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