अमूमन एकाग्रता की कमी के कारण बच्चे क्लास रूम में पढ़ाई करते वक़्त, घर पर होमवर्क करते हुए या किसी भी कार्य को करते वक़्त इधर-उधर की बातें करना शुरू कर देते हैं। और फिर उसके बाद उनका कोई भी काम पूरा नहीं हो पाता। इस बात को लेकर सभी पेरेंट्स काफी ज्यादा चिंतित रहने लगी हैं। हालांकि, इसमें चिंता की कोई बात नहीं है। बच्चों की दिनचर्या में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव करने की जरूरत है और यह आपके बच्चे की कंसंट्रेशन पावर को तेजी से और प्रभावी रूप से बूस्ट करेगा। तो चलिए जानते हैं ऐसे ही 5 टिप्स (how to increase concentration of child) जो बच्चों की एकाग्रता बढ़ाने में आपकी मदद करेंगी।
छोटी उम्र में बच्चों का दिमाग ग्रो कर रहा होता है, ऐसे में यदि आप बचपन से ही उनके फोकस को बनाए रखने की कोशिश करेंगी तो वह आगे चलकर सभी कार्य को पूरी एकाग्रता के साथ करेंगे। परंतु इस मोबाइल फोन और ऑनलाइन गेमिंग की दुनिया में कहीं न कहीं बच्चे उस ओर ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं और उनकी शारीरिक सक्रियता भी घटती जा रही है। यह आदतें आपके बच्चे के कंसंट्रेशन पावर को प्रभावित कर सकती हैं। हालांकि, बढ़ता डिजिटलाइजेशन बच्चों के शिक्षा में काफी सारे सकारात्मक बदलाव लेकर आया है परंतु कहीं न कहीं यह उनके दिमाग पर नकारात्मक असर भी डाल रहा है। इसीलिए छोटी उम्र में बच्चों को मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट से जितना हो सके उतना दूर रखने की कोशिश करें।
शरीर में पोषक तत्वों की कमी बच्चों के कंसंट्रेशन पावर को कम कर सकती है। वहीं जंग फूड, शुगरी फूड्स और अनहेल्दी फैट्स बच्चों में ध्यान की कमी का एक सबसे बड़ा कारण होता है। शरीर में पर्याप्त मात्रा में विटामिंस और ओमेगा 3 फैटी एसिड की मात्रा कंसंट्रेशन को बूस्ट करने में मदद करते हैं।
इसलिए बच्चों की डाइट में दूध, मछली, ओट्स, अंडा, मीट इत्यादि को जरूर शामिल करें। इसी के साथ शरीर में इलेक्ट्रोलाइट और सोडियम की कमी से याददाश्त और एकाग्रता कमजोर हो सकती है। ऐसे में बच्चों को पर्याप्त पानी दें और उन्हें हाइड्रेटेड रखें।
बच्चों को दिमाग इस्तेमाल करने वाले खेल में भाग लेने के लिए प्रेरित करें। जैसे की क्विज़, साइंटिफिक गेम यह सभी फोकस और सोचने की शक्ति को बढ़ाने में मदद करेंगे। इसी के साथ तरह-तरह के पजल वाले गेम खेलने से भी कंसंट्रेशन बूस्ट होता है। वहीं यदि आपका बच्चा बहुत छोटा है तो उनके साथ अल्फाबेटिकल सीरीज वाले गेम खेलें। यह बचपन से ही उनके ध्यान में एकाग्रता लाएगा।
पोषण के साथ-साथ शारीरिक ऊर्जा का सही इस्तेमाल होना भी बहुत जरूरी है। इसके लिए बच्चों का शारीरिक रूप से सक्रिय रहना बहुत जरूरी है। ऐसे में उन्हें रनिंग, वॉकिंग, योगा, एक्सरसाइज और कुछ अन्य शारीरिक खेल में भाग लेने के लिए प्रेरित करें। जब वे शारीरिक रूप से सक्रिय रहेंगे तो उनकी एकाग्रता बढ़ेगी और वे सभी चीजों को जल्दी समझ पाएंगे।
सभी चीजों के साथ-साथ एकाग्रता को बढ़ाने के लिए नींद का भी एक आवश्यक रोल है। शारीरिक और मानसिक रूप से सक्रिय रहने के बाद दिमाग को पर्याप्त आराम मिलना बहुत जरूरी है। इसके लिए रात के 7 से 8 घंटे की नींद आवश्यक है। कई स्टडी का मानना है कि यदि इंसान पर्याप्त नींद लेता है तो वह किसी भी कार्य को अधिक एकाग्रता के साथ कर सकता है।
बच्चों के एकाग्रता को बढ़ाने का यह एक सबसे अच्छा तरीका है। यदि आप किसी भी बड़े कार्य को एक साथ उन पर डाल देंगी तो वह परेशान हो जाते हैं और यह उनके आत्मविश्वास में कमी का कारण बन सकता है। इसलिए उन्हें कुछ भी नया सिखाने के लिए बड़े कार्यो को छोटे-छोटे कार्यो में विभाजित कर दें। ऐसे में वह धीमे धीमे सभी चीजों को अच्छी तरह सीख सकेंगे। यदि आप ऐसा करती हैं, तो वह ज्यादा फोकस होकर कार्य करेंगे और इस वजह से उनका कंसंट्रेशन पावर भी बढ़ता है।
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