दांतों की सफेदी बनाए रखने के लिए अक्सर लोग कई तरह के टूथपेस्ट और घरेलू नुस्खों को अपनाते हैं।, मगर वहीं जीभ पर दिखने वाली सफेदी चिंजा का कारण बनने लगती है। हांलाकि जीभ का रंग बिल्कुल, काला या सफेद नहीं होता है। मगर उस पर जमने वाली सफेद परत कई समस्याओं को संकेत मात्रा होती है। हेल्दी टंग न केवल बेहतर ओरल हेल्थ को दर्शाती है बल्कि इससे खूबसूरती भी बढ़ने लगती है। रोज़ ब्रश न करने के अलावा स्मोकिंग, कॉफ़ी और चाय जैसे कैफीन युक्त पेय पदार्थ का अधिक सेवन इस समस्या को बढ़ा सकता है। जानते हैं सफेद जीभ के कारण इससे राहत पाने के उपाय भी (White deposit in tongue)
सफ़ेद जीभ उस स्थिति को कहते है, जब उस पर एक थिक और मोटी सफ़ेद परत बनने लगती है। ये लेयर पूरी जीभ को एक पैच के रूप में ढक देती है। दरअसल, सफ़ेद जीभ (White deposit in tongue) एकत्रित बैक्टीरिया, फूड पार्टिकल्स, शुगर और डेड स्किन सेल्स हो सकते हैं। मृत कोशिकाओं का संकेत है।सफ़ेद जीभ की समस्या बढ़ने के चलते बोलचाल में तकलीफ का सामना करना पड़ता है।
सफ़ेद जीभ (White deposit in tongue) इस बात का संकेत है कि जीभ के ऊपरी हिस्से या पूरी सतह पर खाने के कणों, कीटाणुओं और मृत कोशिकाओं की मोटी लेयर बनी हुई है। ये दांतों की खराब स्वच्छता का मुख्य संकेत है। इस बारे में ओरल इम्प्लांटोलॉजिस्ट डॉ निराली पटेल बताती हैं कि ओरल हाइजीन का ख्याल न रखने के अलावा पानी की कमी, दवाएं, धूम्रपान और फंगल इंफेक्शन इस समस्या का कारण बनने लगता है।
अधिकतर लोगों को सफेद जीभ (White deposit in tongue) की समस्या का सामना करना पड़ता है। इस समस्या को दूर करने के लिए ओरल हाइजीन को मेटेंन करें। इसके लिए दिन में दो बार अपने दांतों को ब्रश करें। साथ ही रोजाना फ्लॉस करना न भूलें और डेंटिस्ट की सलाह से माउथवॉश का प्रयोग करें।
गर्मी की शुरूआत के साथ पानी की प्यास बढ़ने लगती है। ऐसे में जीभ के प्राकृतिक रंग को बनाए रखने के लिए दिन भर में खूब पानी पिएं। इसके अलावा डिटॉक्स वॉटर को भी अपने रूटीन का हिस्सा बनाएं। इससे मुंह में बैक्टीरिया को पनपने से रोका जा सकता है।
धूम्रपान करने से मुंह समेत कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ने लगती हैं जिसमें सफेद जीभ भी शामिल है। धूम्रपान छोड़ने से आपके मुंह में बैक्टीरिया के निर्माण को कम करने और समग्र मौखिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद मिलती है।
शराब पीने से भी सफेद जीभ (White deposit in tongue) और अन्य मौखिक स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ने लगती हैं। ऐसे में शराब के सेवन को सीमित करने की कोशिश करें। इससे शरीर में निर्जलीकरण का भी सामना करना पड़ता है, जो संक्रमण के प्रभाव को बढ़ाता है।
नियमित रूप से आहार में ताजे फल और सब्जियां शामिल करें। इसके अलावा शुगरी पेय पदार्थों और रेसिपीज़ से दूरी बनाकर रखें। अधिकतर लोग मीठा खाने के बाद ब्रश करने से कतराते हैं। इससे जीभ पर बैक्टीरिया के निर्माण में मदद मिलती है। ऐसे में स्वस्थ आहार बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने में मदद करता है।
सफेद जीभ के लिए सबसे आसान उपायों में से एक है नमक के पानी से कुल्ला करना। ऐसा करने के लिए एक कप गर्म पानी में एक बड़ा चम्मच नमक मिलाएं। अब इसे 1 मिनट तक मुंह में घुमाएं। इससे चेहरे की मांसपेशियों को मज़बूती मिलती है। नमक में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जो आपके मुंह में बैक्टीरिया को मारने और आपकी जीभ पर सफेद परत के निर्माण को कम करने में मदद कर सकते हैं।
जंक फूड और मीठे पेय पदार्थों का सेवन करने से जीभ पर खाद्य पदार्थ चिपक जाते हैं, जिससे सफेद परत बनने लगती है। ऐसे में हेल्दी बैक्टीरिया से भरपूर प्रोबायेटिक्स का सेवन बैक्टीरियल इंफे्क्शन को रोकने में मददगार साबित होता है।
क्लीजिंग के लिए स्क्रैपर की मदद ली जा सकती है। इसे जीभ पर धीरे से फेरें और हर स्ट्रोक के बाद कुल्ला कर लें। इससे बैक्टीरिया को दूर किया जा सकता है। अन्यथा वो दांतों में चिपकने लगते है। सप्ताह में 2 से 3 बार इसका इस्तेमाल कारगर साबित होता है।
सदियों से ऑयल पुलिंग का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें एक चम्मच नारियल के तेल को लेकर उसे 1 मिनट तक मुंह में घुमाएं और फिर कुल्ला कर लें। इससे नेचुरल क्लीजिंग में मदद मिलती है और बदबू की समस्या हल होने लगती है।
एक चम्मच बेकिंग सोडा को थोड़े से पानी में मिलाकर पेस्ट बना लें और इससे अपनी जीभ को ब्रश करें। धीरे.धीरे गोलाकार गति में ब्रश करें उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करें जहाँ सफ़ेद परत सबसे अधिक नज़र आ रही है। इससे सफेद जीभ से राहत मिलने लगती है।
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