पहाड़ों में घूमना पसंद है, तो इस हॉलिडे सीजन अपने पसंदीदा डेस्टिनेशन को एक्सप्लोर करें। पहाड़ों में घूमना आपके मानसिक स्वास्थ्य सहित शारीरिक सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है (benefits of Mountain travel)। पहाड़ों की ताजी हवा और प्रदूषण मुक्त वातावरण में समय बिताना, आपको नियमित दिनचर्या के भाग-दौड़ से आराम देगा। अगर आपको अभी तक पहाड़ों में समय बिताने के फायदों की जानकारी नहीं है, तो आज हम आपको बताएंगे इसके फायदे साथ ही जानेंगे पहाड़ों पर ट्रिप प्लान करने से पहले किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है (Mountain travel safety tips)।
हिल स्टेशनों पर जाने का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है, कि वे हमारे दिमाग पर शांत प्रभाव डालते हैं। ताज़ी पहाड़ी हवा, हरि भरे दृश्य और शांतिपूर्ण परिवेश एक ऐसा वातावरण बनाते हैं, जो स्वाभाविक रूप से आराम को प्रेरित करता है। इस तरह रोज़मर्रा का तनाव और चिंता आसानी से दूर हो सकता है, जिससे हमें आंतरिक शांति और सुकून प्रपात होती है।
हिल स्टेशनों की हवा शहरी वातावरण की तुलना में काफ़ी ताज़ा और साफ़ होती हैं। इस शुद्ध हवा में सांस लेने से हमारे शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है, हमारे फेफड़े तरोताज़ा होते हैं, और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है। मस्तिष्क में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ने से मानसिक स्पष्टता बढ़ जाती है, संज्ञानात्मक कार्य में सुधार होता है, और व्यक्ति अधिक केंद्रित और एनर्जेटिक महसूस करता है।
पहाड़ी इलाकों में घूमने जाने से शारीरिक गतिविधियों का लाभ प्राप्त करने में मदद मिलती है। ट्रैकिंग, हाइकिंग और माउंटेन बाइकिंग, यह सभी बॉडी को एक्टिव रहने में मदद करती हैं। इन गतिविधियों में शामिल होने से न केवल हमारे शरीर के लिए एक शानदार कसरत मिलती है, बल्कि हमारे हृदय स्वास्थ्य को भी बढ़ावा मिलता है।
इससे मांसपेशियों को मज़बूती मिलती है और समग्र फिटनेस में सुधार होता है। शारीरिक परिश्रम से शरीर एंडोर्फिन रिलीज करती है, जिसे “फील गुड हार्मोन” कहा जाता है, जो खुशी और सेहत की भावना को बढ़ावा देता है।
अपनी नियमित दिनचर्या से अलग होकर खुद को एक अलग माहौल में रखना मानसिक स्वास्थ्य के लिए कमाल कर सकता है। हिल स्टेशन दृश्य एक ताज़ा बदलाव प्रदान करते हैं, दैनिक जीवन की एकरसता को तोड़ते हैं और काम और जिम्मेदारियों के दबाव से मुक्ति प्रदान करते हैं। इस प्रकार व्यक्ति को रिलैक्स महसूस करने का मौका मिलता है, जिसे मस्तिष्क के लिए फायदेमंद माना जाता है।
जहां भी जानें का सोच रही हैं, पहले वहां के मौसम का हाल पता कर लें। देखें कि आगामी दिनों में मौसम का क्या हाल रहने वाला है। इसके अलावा यह जानना भी जरूरी है, कि पिछले दोनों उस जगह पर मौसम की क्या स्थिति रही है।
यदि आप ट्रेकिंग करने का प्लान बना रही हैं, तो ऐसे जूते पैक करें जो फफोले और पैरों में दर्द से बचाएं। खासकर पहाड़ों पर चढ़ते वक्त यहां तक कि पहाड़ी इलाके के रस्ते भी चढ़ाव होते हैं, जिनपर चढ़ने में अधिक भार पड़ता है। इसलिए हमेशा आरामदायम जूते पहनें।
पहाड़ों में बिना मौसम बरसात हो सकता है, यदि आप मानसून के मौसम में यात्रा कर रही हैं, तो छाता या रेनकोट साथ रखना न भूलें। पहाड़ों में भीगने से सर्दी लग सकती है, जिससे आपकी परेशानी बढ़ जाती है।
सिरदर्द, बुखार, सर्दी, त्वचा की एलर्जी और अन्य स्थितियों के लिए सामान्य दवाओं के साथ प्राथमिक चिकित्सा किट साथ रखें। फर्स्ट एड किट आपातकालीन स्थिति में आपकी सहायता करेगा।
चॉकलेट, बिस्किट, कैंडी, वेफ़र और जूस जैसे स्नैक्स पैक करें, ताकि अगर आप किसी सुनसान जगह पर जाएं, या आपको कहीं देरी हो जाए या भूख लगे तो आप इनका इस्तेमाल कर सकें।
जिस जगह पर आप जाने वाले हैं, उसकी पूरी जानकारी लें। रास्तों की स्थिति पता कर लें, और वहां के सुंदर और सुरक्षित जगहों की एक लिस्ट बना लें।
महिलाओं को हमेशा अपने साथ मेंस्ट्रुअल हाइजीन किट पैक करना चाहिए। पहाड़ों पर इमरजेंसी में मेंस्ट्रुअल किट जैसे कि पैड आदि मिलना मुश्किल हो सकता है। इसलिए इन्हें हमेशा अपने साथ कैरी करें।
हिल स्टेशन आमतौर पर पूरे साल ठंडा रहता है, इसलिए एक हल्का जैकेट, विंडशीटर, दस्ताने, मफलर और अतिरिक्त मोजे पैक करें। यदि आप बच्चों के साथ ट्रैवल कर रही हैं, तो कंबल और एक्स्ट्रा ऊनी कपड़े पैक करें। क्योंकि पहाड़ों में सर्दी कभी भी बढ़ सकती है, जिससे आपके लिए परेशानी खड़ी हो सकती है।
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