शादी हो, उत्सव हो या कोई त्योहार हर व्यंजन घी के बगैर अधूरा सा लगता है। रसोईघर में मौजूद घी शरीर को उच्च पोषण प्रदान करता है। इससे जहां हड्डियों की मज़बूती बढ़ती है, तो वहीं हेयरफॉल से भी राहत मिलती है। इसके अलावा सर्दियों में स्कैल्प के रूखेपन को भी इससे कम किया जा सकता है। बालों से जुड़ी तमाम समस्याओं का एक इलाज घी खाने से लेकर लगाने तक बालों को फायदा पहुंचाता है। आयुर्वेद एक्सपर्ट बता रहे है किस तरह से देसी घी का इस्तेमाल करके बालों की ग्रोथ (Ghee for hair growth) को बढ़ाया जा सकता है। ।
घर में दादी नानी अक्सर सर्दियों में रूसी की समस्या बढ़ने पर देसी घी से चंपी अवश्य किया करती थीं। घी को हल्का गुनगुना करके बालों में लगाने से हेल्दी फैटी एसिड की प्राप्ति होती है, जिससे बालों को पोषण मिलता है। साथ ही स्कैल्प की खोई नमी वापिस लौट आती है।
इस बारे में आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ अंकुर तंवर बताते हैं कि घी में विटामिन ए और डी पाया जाता है। इसके अलावा आमेगा 3 फैटी एसिड की भी प्राप्ति होती है। इससे बालों में बढ़ने वाले फ्री रेडिकल्स के खतरे को कम किया जा सकता है। एक्सपर्ट के अनुसार शरीर में पित्त का बढ़ना रूखेपन को दर्शाता है। इससे स्किल और स्कैल्प दोनों को ड्राईनेस का सामना करना पड़ता है। घी से स्कैल्प की मसाज करने से फायदा मिलता है। इसके अलावा घी का सेवन भी शरीर में बढ़ने वाली ड्राईनेस को कम करता है। साथ ही आयुर्वेद में देसी गाय के घी को नाक में कुछ बूंद टपकाने से भी शरीर को फायदा मिलता है और बालों का टूटना व झड़ना कम होने लगता है।
घी में फैटी एसिड, विटामिन और मिनरल की मात्रा पाई जाती है, जो फ्री रेडिकल्स के खतरे को कम करने में मदद करती है। इससे बाल की ग्रोथ में मदद मिलती है और हेयर डेंसिटी में भी सुधार आने लगता है। इसमें मौजूद विटामिन डी की मात्रा बालों की मज़बूती को बढ़ाती है।
इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट तत्व मुक्त कणों का प्रभाव कम करके बालों को संक्रमणों से लड़ने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद मॉइस्चराइजिंग तत्व बालों को रूखा और बेजान होने से बचाते हैं। ऐसे में स्कैल्प इचिंग से बचा जा सकता है।
बालों में नमी की कमी बढ़ने से बाल रूखे और बेजान हो जाते हैं। इसमें मौजूद फैटी एसिड स्कैल्प को पोषण देने में मदद करता हैं। साथ ही फॉलिकल्स की मज़बूती बढ़ने लगती है और बालों का झड़ना कम हो जाता है।
हेयर थिनिंग की समस्या को हल करने के लिए घी को खाने के अलावा बालों में लगाने से भी फायदा मिलता है। इससे बालों के टैक्सचर में सुधार आने लगता है और दो मुंहे बालों की समस्या भी हल हो जाती है। नियंमित रूप से बालों को पोषण देने के लिए
घी को गुनगुना करके बालों में लगाएं। इसके अलावा ऑलिव ऑयल में 2 चम्मच देसी गाय का घी मिलाकर भी बालों की जड़ों में लगा सकते हैं। इससे बालों को विटामिन ई की प्राप्ति होती है। 30 मिनट तक बालों में लगा रहने दें और फिर बालों को माइल्ड शैम्पू से धो लें।
हेयर मास्क बनाने के लिए एलोवेरा जेल में कुछ बूंद घी और बादाम का तेल मिलाकर लगाने से स्कैल्प की नमी बरकरार रहती है। साथ ही बालों की ग्रोथ बढ़ने लगती है। बालों को टूटन से बचाने के लिए सप्ताह में दो बार इसे स्कैल्प पर अवश्य लगाएं।
शरीर में बढ़ने वाली पित्त रूखेपन का कारण साबित होती है। ऐसे में नाक में देसी गाय के घी को 2 से 3 बूंद टपकाने से फायदा मिलता है। इससे शरीर में चिकनाई बढ़ने लगती है, जिससे बालों की फ्रिजीनेस को कम किया जा सकता है। साथ ही बालों की रूसी को भी नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
आहार में घी को शामिल करने से शरीर को विटामिन ए, डी और ई की प्राप्ति होती है। इससे शरीर में पित्त का प्रभाव कम हो जाता है। इसके सेवन से ओवरऑल हेल्थ के अलावा बालों की मज़बूती बढ़ने लगती है। घी में खाना पकाने की अपेक्षा इसे खाने में अलग से एड करके खाने से फायदा मिलता है। अगर आप डायबिटीज़ या हृदय रोगों से ग्रस्त है, तो डॉक्टर की सलाह से ही सीमित मात्रा में घी का सेवन करें।