मौसम में आने वाले बदलाव का असर त्वचा पर दिखने लगता है। स्किन की नमी कम होती है, जिससे खुरदरापन बढ़ने लगता है। ऐसे में त्वचा पर एजिंग और एक्ने की समस्या बढ़ने लगती है। साथ ही रैशेज़ और इरिटेशन का सामना करना पड़ता है। ऐसे में एंटीफंगल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर लहसुन स्किन को फायदा पहुंचाने में मदद करता है और बैक्टीरियल इन्फेक्शन को रोकता है। जानते हैं लहसुन का तेल किस तरह से स्किन को पहुंचाता है फायदा (Garlic oil for skin)।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार लहसुन के तेल के इस्तेमाल से सोरायसिस, एलोपेसिया एरीटा, केलोइड स्कार, घाव, कॉर्न, वायरल और फंगल संक्रमण समेत स्किन एजिंग में फायदेमंद साबित होता है। इससे सोरायसिस का खतरा कम होता है और यूवी रेज़ के प्रभाव से भी मुक्ति मिलती है।
लहसुन की प्राप्ति एलियम सैटिवम से होती है, जो एक बल्बनुमा पौधा है। इसमें एंटीमाइक्रोबियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो त्वचा के स्वास्थ्य (Garlic oil for skin) के लिए फायदेमंद साबित होता है। एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर लहसुन के तेल के इस्तेमाल से मुक्त कणों से लड़ने में मदद मिलती है। इससे मुँहासों की समस्या हल होने लगती है। लहसुन में पाए जाने वाले एलिसिन और सल्फर युक्त कंपाउड सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इससे ब्लड का सर्कुलेशन नियमित बना रहता है और स्किन सेल्स बूस्ट होते है।
नेशनल लाइब्रेरी आफ मेडिसिन के अनुसार लहसुन के इस्तेमाल से फाइब्रोब्लास्ट की मात्रा बढ़ती है। इससे एजिंग को प्रभाव को धीमा करने में मदद मिलती है। दरअसल, फाइब्रोब्लास्ट कोलेजन प्रोटीन का स्राव करते हैं जो टिशूज़ को डैमेज से बचाकर उन्हें बढ़ाने में मदद करते है। इसे चेहरे पर लगाने से स्किन की इलास्टीसिटी बनी रहती है। चेहरे पर अप्लाई करने से पहले स्किन पर पैच टेस्ट अवश्य कर लें।
लहसुन में मौजूद एलिसिन से एंटीफंगल, एंटीवायरल और एंटीसेप्टिक गुण प्राप्त होते हैं। दरअसल, एलिसिन मुंहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया के प्रभाव से बचाने में मदद करते है। इससे त्वचा पर बढ़ने वाली सूजन और जलन को कम किया जा सकता है। साथ ही ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ने लगता है। इससे क्लॉग्स पोर्स की समस्या हल होने लगती है। साथ ही स्किन एक्सफॉलिएशन में मदद मिलती है।
लहसुन में थायोसल्फिनेट्स की मात्रा पाई जाती है, जो एंटी माइक्रोबियल गुणों से भरपूर है। इससे डेड स्किन सेल्स की समस्या हल हो जाती है और त्वचा का निखार बरकरार रहता है। चेहरे पर बढ़ने वाली पिगमेंटेशन की समस्या भी हल होने लगती है।
इसमें मौजूद विटामिन और मिनरल से त्वचा की नमी बरकरार रहती है। स्किन सेल्स बूस्ट होते है, जिससे त्वचा पर बढ़ने वाले रैशेज की समस्या हल हो जाती है। इसकी थिन लेयर चेहरे पर लगाने से नमी रीस्टोर होने लगती है। साथ ही स्किन पर बढ़ने वाली लालिमा को कम किया जा सकता है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार लहसुन मैक्रोफेज और लिम्फोसाइटों के प्रसार को बढ़ाता है। इससे स्किन पर बढ़ने वाले यूवी रेज़ के प्रभाव को कम करने में मदद मिलती है। त्वचा पर बढ़ने वाली टैनिंग की समस्या हल होती है और स्किन सेंसिटीविटी से भी बचाव होता है। श्
लहसुन के तेल की कुछ बूंदों को दही में मिलाकर चेहरे पर लगाने से त्वचा का रूखापन कम होने लगता है। दही में मौजूद मॉइश्चराइजिंग गुणों के चलते त्वचा का लचीलापन बढ़ने लगता है। 5 से 7 मिनट तक चेहरे पर लगाने से बाद उसे क्लीन कर लें।
एक्ने की समस्या को दूर करने के लिए चावल के आटे में आवश्यकतानुसार गुलाब जल और कुछ बूंद तेल मिलाकर पेस्ट बना ले। अब इसे चेहरे पर लगाकर सूखने के लिए छोड़ दें। इससे स्किल की इलास्टीसिटी बनी रहती है और त्वचा हेल्दी रहती है।
स्किन पर बढ़ने वाले एक्ने की समस्या को हल करने के लिए एलोवेरा जेल में लहसुन का तेल मिलाएं। अब इसे चेहरे पर लगाएं। इससे स्किन पर मौजूद तेल की अतिरिक्त मात्रा कम होने लगती है और मुहांसों को बनने से रोका जा सकता है।
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