गर्मियां शुरू हो गई हैं, चिलचिलाती धूप तपती गर्मी और बढ़ती ह्यूमिडिटी में अपनी त्वचा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। हालांकि, त्वचा से जुड़ी समस्याएं किसी भी मौसम में आपको प्रभावित कर सकती हैं। यह पूरी तरह से आपकी व्यक्तिगत स्किन टाइप पर निर्भर करता है। किसी की त्वचा सर्दियों में तो किसी की त्वचा गर्मी में अधिक संवेदनशील हो जाती है। त्वचा के प्रभावित होने का एक और बड़ा कारण है बढ़ती उम्र के साथ त्वचा की देखभाल में कमी करना। ऐसे में स्किन प्रोटेक्शन के लिए आप तरह-तरह के प्रोडक्ट का इस्तेमाल करती होंगी, उन्हीं में से एक है सेरामाइड (ceramides)।
सेरामाइड सप्लीमेंट, क्रीम, मॉइश्चराइजर, सिरम का इस्तेमाल दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है आखिर इसकी वजह क्या है। तो आज इसकी बढ़ती डिमांड को देखते हुए हेल्थ शॉट्स आपके लिए लेकर आए हैं, इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी। चलिए जानते हैं, क्या है सेरामाइड? साथ ही जानेंगे यह हमारी त्वचा के लिए किस तरह काम करता है (increase ceramides in skin naturally)।
सेरामाइड (ceramides) शरीर में पहले से मौजूद होता है, जोकि स्किन के ऊपरी लेयर में लिपिड बनाता है और त्वचा पर होने वाली तमाम समस्याओं से इसे प्रोटेक्ट करता है। यह एक प्रकार का फैट और लिपिड है, जो स्किन सेल्स में पाया जाता है। बढ़ती उम्र के साथ बॉडी में सेरामाइड बनाना बंद हो जाता है। जिसकी वजह से स्किन बैरियर प्रभावित होते हैं। वहीं त्वचा से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
डव मेडिकल प्रेस लिमिटेड द्वारा 2018 में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार सेरामाइड युक्त स्किन केयर प्रोडक्ट्स स्किन हाइड्रेशन को बनाए रखते हैं और स्किन बैरियर्स की प्रक्रिया को भी इंप्रूव करते हैं। यदि आपकी त्वचा ड्राई या अधिक ऑइली है, तो इसका इस्तेमाल आपकी त्वचा के लिए फायदेमंद रहेगा।
आजकल समय से पहले त्वचा पर एजिंग के निशान आना शुरू हो जा रहे हैं, जिसका कारण कहीं न कहीं त्वचा के प्रति बढ़ती गई आपकी लापरवाही है। 2019 में डर्मेटोलॉजिकल रफी द्वारा प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार सेरामाइड से युक्त मॉइश्चराइजर का दिन में दो बार इस्तेमाल करने से स्किन हाइड्रेशन, बैरियर फंक्शन और स्किन पीएच लेवल में इंप्रूवमेंट देखने को मिली। यह सभी फैक्टर त्वचा पर नजर आने वाले एजिंग साइन जैसे कि रिंकल की समस्या से निजात पाने में मदद करते हैं।
सूरज के हानिकारक किरणों के कारण त्वचा को काफी नुकसान पहुंचता है। रिंकल, फाइनलाइन, पिगमेंट्री जैसे बदलाव नजर आना शुरू हो जाते हैं। इन्हें डर्मेटोलॉजी की भाषा में फोटोएजिंग कहा जाता है। सूरज की किरणों से हुआ यह डैमेज सारी उम्र आपकी त्वचा पर नजर आ सकता है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार सेरामाइड युक्त मॉइश्चराइजर और सनस्क्रीन का इस्तेमाल आपकी त्वचा पर सूरज के किरणों के हानिकारक प्रभाव को काफी हद तक कम कर देते हैं। साथ ही साथ सेल्स टर्नओवर को भी बढ़ावा देते हैं और हाइपरपिगमेंटेशन की समस्या में कारगर होते हैं।
बढ़ती उम्र और केमिकल युक्त साबुन और एक्सफोलिएंट्स का इस्तेमाल त्वचा में सेरामाइड की कमी का कारण बनता है। सेरामाइड का गिरता स्तर त्वचा के बाहरी बैरियर को प्रभावित करता है, जिसकी वजह से स्किन बैरियर टूटने लगती है। ऐसे में इनफेक्शन, इन्फ्लेमेशन और त्वचा संबंधी तमाम समस्याओं के होने का खतरा काफी बढ़ जाता है।
मॉइश्चराइजर, क्लीनर, सीरम, क्रीम और टोनर के रूप में सेरामाइड को त्वचा पर अप्लाई कर सकती हैं।
आजकल आसानी से सेरामाइड युक्त स्किन केयर प्रोडक्ट्स बाजार में मिल जाते हैं। किसी भी प्रोडक्ट को खरीदने से पहले उसके इंग्रेडिएंट्स लेबल को जरूर पढ़ें।
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कस्टमाइज़ करेंइसके साथ ही कई सारे सेरामाइड प्रोडक्ट भी उपलब्ध होते हैं। आप उन्हें अपनी नियमित स्किन केयर रूटीन में शामिल कर सकती हैं।
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स्किन में प्राकृतिक रूप सेसेरामाइड मौजूद होता है, इसके अलावा त्वचा पर कुछ स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करके और कुछ महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थों को शामिल करके त्वचा में इसकी मात्रा को बनाए रख सकती हैं।
प्लांट बेस्ड खाद्य पदार्थों में मौजूद सेरामाइड स्किन के नेचुरल सेरामाइड को सपोर्ट करती हैं और त्वचा की सेहत को बनाए रखती हैं।
स्किन फार्मोकोलॉजी फिजियोलॉजी द्वारा प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार इन प्लांट बेस्ड फूड्स में मौजूद होता है सेरामाइड – गेहूं , चावल, कॉर्न, स्वीट पोटैटो, सोयाबीन, तिल, कोकोनट, पालक और मूंगफली। सेरामाइड को नेचुरली बूस्ट करने के लिए इन सभी खाद्य पदार्थाें को संतुलित मात्रा में शामिल करें।
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