गर्दन और पीठ शरीर के महत्वपूर्ण हिस्से हैं क्योंकि ये हमारे सिर, धड़ और सभी अंगों को सहारा देते हैं। इसलिए इनमें चोट या खिंचाव आम बात है। पूरी दुनिया में लाखों लोग गर्दन और पीठ के दर्द से पीड़ित हैं। गर्दन और पीठ में लोगों को अनेक कारणों से दर्द सहना पड़ता है, जिनमें उनकी शारीरिक मुद्रा का सही न होना, चोट, या फिर कोई अंतर्निहित समस्या शामिल है। यहां हम उन टिप्स को साझा कर रहे हैं, जो आपकी रीढ़ की हड्डी को हेल्दी (Tips for healthy spine) रख सकते हैं। जिससे आप कमर या गर्दन के दर्द (How to avoid back pain) से बची रहें।
हाल ही में सामने आए डेटा के अनुसार किसी भी समय लगभग 80 प्रतिशत वयस्क पीठ के दर्द (Back Pain) से पीड़ित होते हैं। जिनमें से ज्यादातर मामलों में यह क्रोनिक दर्द या विकलांगता का कारण बन जाता है। 70 प्रतिशत वयस्कों को अपने जीवन में कभी न कभी गर्दन में दर्द होता है।
क्या वजह है कि अधिकांश महिलाएं कमर और गर्दन के दर्द का सामना करती हैं, और इससे कैसे बचा जा सकता है, यह जानने के लिए हमने जाने-माने स्पाइन सर्जन डॉ आशीष डागर से बात की। डॉ डागर मणिपाल हॉस्पिटल, गुरुग्राम में कंसल्टेंट स्पाइन सर्जरी हैं।
रीढ़ की हड्डी शरीर को संरचना प्रदान करने में मुख्य भूमिका निभाती है। दर्द का कारण चोट, खिंचाव या जटिल प्रणाली हो सकती है। चोट, दर्द और बेचैनी का मुख्य कारण शरीर की खराब मुद्रा होती है। शारीरिक मुद्रा के झुकने का कारण लैपटॉप और कंप्यूटर के सामने झुककर बैठना या सामान को उठाने के लिए गलत मुद्रा का उपयोग करना है।
यह हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि रीढ़ की हड्डी को स्वस्थ रखने के लिए शरीर की सही मुद्रा बहुत आवश्यक है। लंबे समय तक असामान्य स्थिति में बैठने से रीढ़ की हड्डी पर अनावश्यक दबाव पड़ता है। यह आपकी गर्दन एवं पीठ की मांसपेशियों में खिंचवा उत्पन्न करता है। जिसकी वजह से क्रोनिक दर्द उत्पन्न हो सकता है, और कुछ मामलों में शरीर की संरचना को भी नुकसान पहुंच सकता है।
चाहे घर से काम कर रहे हों, या ऑफिस में बैठकर, कार्यस्थल का आरामदायक होना बहुत जरूरी है। सही मुद्रा में बैठकर काम करने के लिए एक सपोर्टिव चेयर हो, डेस्कटॉप आंखों की सीध में हो, ताकि काम करते वक्त गले पर कम तनाव पड़े।
काम करते वक्त समय-समय पर कुर्सी से उठकर हल्की कसरत करना आवश्यक है। इससे मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखने और रीढ़ की हड्डी को सहारा देने में मदद मिलती है।
कोई भी बड़ा सामान उठाने के लिए अपने घुटनों को मोड़कर झुकें, ताकि शरीर की मुद्रा सीधी बनी रहे और आपकी रीढ़ की हड्डी पर कम दबाव एवं तनाव हो।
लचीलापन बनाए रखने और गले एवं पीठ की मांसपेशियों पर तनाव को कम करने के लिए प्रतिदिन स्ट्रेचिंग के व्यायाम करें।
अपनी सेहत बनाए रखने के लिए सपोर्टिव शूज़ खरीद लें। इसके अलावा ऑर्थोपेडिक तकिए और लंबर सपोर्ट रीढ़ की हड्डी को सही एलाईनमेंट में रखकर अच्छी नींद लेने और बैठने में मदद करते हैं।
खराब शारीरिक मुद्रा के कारण गर्दन और पीठ में होने वाले दर्द को रोकने के लिए सावधानी रखना और डॉक्टर का परामर्श लेते रहना बहुत जरूरी है। उपरोक्त उपायों का पालन करके रीढ़ की हड्डी को चोट से बचाया जा सकता है, और अपनी सेहत एवं स्वास्थ्य में सुधार लाया जा सकता है।
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