आजकल की इस भागदौड़ भरी जिंदगी में एंग्जाइटी (Anxiety), डिप्रेशन (Depression), थकान (Fatigue) और घबराहट (Nervousness) जैसी अन्य समस्याएं हमारे लिए आम होती जा रही हैं। ये सभी समस्याएं न केवल मानसिक (Mental health) रूप से बल्कि शारीरिक (Physical health) रूप से भी बुरी तरह प्रभावित कर सकती है। वर्किंग वुमन हो या हाउसवाइफ ज्यादातर महिलाएं तनाव की शिकार हैं। ध्यान (Dhyana) या मेडिटेशन (Meditation) आपको इस समस्या से उबरने में मदद कर सकता है। पर अगर आप यह सोच कर चिंतित हैं कि ध्यान के लिए आपको दूर पहाड़ों पर जाने की जरूरत है, तो आप बिल्कुल गलत हैं। असल में मेडिटेशन आप अपने घर (How to do Meditation at home) में भी बहुत आराम से कर सकती हैं। बस जरूरत है अपने लिए एकांत में थोड़ा सा समय निकालने की। आइए जानते हैं क्या है मेडिटेशन करने का सबसे सही तरीका।
परिवार से लेकर ऑफिस तक सभी चीजों के बीच संतुलन बनाकर चलने के लिए सबसे जरूरी है आपका मानसिक रूप से मजबूत होना। मानसिक रूप से स्वस्थ व संतुलित रहने के लिए अनावश्यक दवाइयों की जगह मेडिटेशन आपके लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद रहेगा। दिन के केवल 15 से 30 मिनट मेडिटेशन को देने से आप अपने दिमाग को शांत और परेशानियों से दूर रह सकती है। आज जानेंगे मेडिटेशन किस तरह हमारे लिए फायदेमंद हो सकता है साथ ही इसे करने के आसान स्टेप्स।
मेडिटेशन ध्यान की एक मुद्रा है जो हमें मानसिक रूप से शांत और एकाग्र रहने में मदद करती है। मेडिटेशन नकारात्मकता से दूर रखने के साथ आंतरिक रुप से उत्साहित और प्रसन्न रखती है। साथ ही साथ यह आपकी ऊर्जा शक्ति और आत्म शक्ति को भी बनाए रखती है।
1. मेडिटेशन मानसिक तनाव को कम करता है। साथ ही आपको शांत रहने में भी मदद करता है।
2. चिंता को नियंत्रित रखने में मददगार होता है। साथ ही चिंता से होने वाली समस्याओं को भी दूर रखता है।
3. ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखता है।
4. एकाग्रता और जागरूकता को बनाए रखता है।
5. आपकी नींद को संतुलित रखता है।
6. बुरी आदतों से लड़ने में मददगार होता है।
7. इम्युनिटी को बूस्ट करता है। साथ ही स्वास्थ्य समस्याओं से भी लड़ने में मददगार है।
8. ऊर्जाशक्ति को बढ़ाता है। साथ ही आपकी आत्मक्षमता को भी बढ़ाने में मददगार रहेगा।
सबसे पहले किसी शांत जगह का चयन करें। बैठने के लिए कुर्सी या आरामदायक गद्दे का प्रयोग कर सकती हैं। मेडिटेशन की मुद्रा में बैठने से पहले शरीर को थोड़ा स्ट्रेच करें।
मेडिटेशन करते वक्त पालथी मारकर यानी सुखासन की मुद्रा में पीठ एकदम सीधी करके बैठें। साथ ही अपनी गर्दन और कंधे को भी सीधा रखें। उसके बाद अपनी आंखें बंद करें।
आंखें बंद करके ध्यान केंद्रित करते हुए गहरी सांस लें। गहरी सांस अंदर लेते हुए अपने लंग्स को रिलैक्स करें, और फिर धीरे-धीरे अपने नाक से सांस छोड़ें। ऐसा कम से कम 10 से 15 बार करना है।
मेडिटेशन के दौरान दिमाग में कई तरह के नकारात्मक विचार आ सकते हैं। ऐसे में खुद को एकाग्र रखने की जरूरत है। अपने दिमाग को खाली रखें, फिजूल की बातों को खुद पर हावी न होने दें। धीरे-धीरे आप खुद को फोकस करना सीख जाएंगी।
खुद को पूरी तरह रिलैक्स रखें और जितना हो सके उतना सकारात्मक चीजों के प्रति ध्यान लगाएं। साथ ही अपने शरीर पर ध्यान लगते हुए सोचें कि आपके शरीर को किस चीज की आवश्यकता है। यदि आप चाहें तो मंत्रोच्चारण भी कर सकती हैं। उसके बाद कुछ देर यूं ही शांत बैठें।
उचित लाभ के लिए मेडिटेशन की इस मुद्रा में कम से कम 15 से 30 मिनट तक बैठे। मेडिटेशन करने के बाद, उठते वक्त एकदम से अपनी आंखें न खोलें। अपने फोकस प्वाइंट से ध्यान हटाएं और एक गहरी सांस लें। अपनी हथेलियों को तेजी से रगड़ें और उस गर्मी को आंखों से स्पर्श करें। हथेलियों से ढके हुए ही धीरे-धीरे आंखें खोलें। अब आप हल्के हल्के प्रकाश में आ सकती हैं। आपके ध्यान की प्रक्रिया पूरी हुई। अपनी क्षमता और सुविधा के अनुसार आप ध्यान की अवधि बढ़ा भी सकती हैं।
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