मानसून के दिनों में बार बार बारिश की फुहारों से गीले बालों की समस्या का सामना करना पड़ता है। दरअसल, बरसात के बाद मौसम में बढ़ने वाली ह्यूमिडिटी (humidity) से बालों में दुर्गंध और मॉइश्चर एकत्रित होने लगता है, जो हेयर फॉलिकल्स (hair follicles) को प्रभावित करता है। ऐसे में बालों की एक्स्ट्रा केयर (hair care in monsoon) करना बेहद ज़रूरी है। मानसून के दिनों में अगर आप भी बालों को बांधकर रखती हैं, तो इससे बालों को कई तरह के नुकसान झेलने पड़ते हैं। जानें गीले बालों को बांधने के नुकसान (Dangers of tying wet hair) और उससे बचने के टिप्स भी।
इस बारे में स्किन एक्सपर्ट डॉ भारती तनेजा का कहना है कि बारिश में बालों के भीगने के बाद बंधे हुए बालों में दुर्गंध, बैक्टीरिया और सीबम सिक्रीशन बढ़ने का सामना करना पड़ता है। बरसात का पानी बालों की जड़ों को कमज़ोर बनाकर हेयरफॉल (hair fall) का कारण साबित होता है। इससे फ्रिजीनेस (frizziness) बढ़ जाती है, जो डेंड्रफ (dandruff) का कारण साबित होती है। इसके अलावा हेयर फॉलिकल्स (hair follicles) को मॉइश्चर की प्राप्ति नहीं होती है। इससे हेयर डेसिटी (hair density) भी प्रभावित होती है। इस समस्या से राहत पाने के लिए हेयरवॉश और हेयर ऑयलिंग बेहद ज़रूरी है। साथ ही बालों को सुखाने के लिए हीटिंग टूल्स (heating tools) की जगह नेचुरल तरीके से सुखाने का प्रयास करें।
बरसात के मौसम में हवा में नमी का स्तर अधिक होता है। ये स्कैल्प के अलावा बालों के शाफ्ट पर पॉल्यूटेंटस और डस्ट पार्टिकल्स को जमा देती है। इसका प्रभाव हेयर फॉलिकल्स (hair follicles) पर दिखने लगता है और उनमें कमज़ोरी बढ़ जाती है। इससे मानसून के दौरान बालों के झड़ने (hair fall in monsoon) की समस्या का सामना करना पड़ता है।
बरसात के पानी के संपर्क में आने से बालों में मॉइश्चर लॉक हो जाता है और स्कैल्प पर बैक्टीरिया (scalp bacteria) का खतरा बढ़ जाता है। इसके कारण इचिंग, दुर्गंध की समस्या और बालों में चिपचिपाहट बढ़ने लगती है। बालों को धोने के बाद भी बालों में स्टिकीनेस मौजूद रहती है। इसके अलावा बालों में घुंघरालापन बढ़ जाता है।
बारिश से न केवल बालों में गीलापन रहता है बल्कि स्कैल्प पर डेंड्रफ की समस्या भी बढ़ जाती है। ह्यूमिडिटी के चलते स्कैल्प का रूखापन डेंड्रफ का कारण साबित होता है। दरअसल, स्कैल्प पर स्किन सेल्स एकत्रित होकर फ्लेक्स का स्प ले लेते हैं, जो डेंड्रफ का कारण साबित होते हैं।
हर दम गीले बालों का बंधे होना बैक्टीरियल इंफेक्शन की समस्या को बढ़ा देता है। बालों की उचित केयर न करने से बाल रूखे और बेजान लगने लगते हैं। फंगस इंफेक्शन के चलते बालों में ख्रुजली की समस्या का सामना करना पड़ता है।
मौसम में मौजूद नमी से बालों का बचाव करने के लिए गीले बालों को बांधने से बचें। इससे हेयर फॉलिकल्स कमज़ोर हो जाते है और बालों का टूटना व झड़ने की समस्या से दो चार होना पड़ता है। हेयरलॉस और मौसमी सर्दी खांसी से बचने के लिए बालों को गीला न रहने दें।
बारिश में बाल भीगने के बाद उन्हें बैक्टीरिया और डेंड्रफ से बचाने के लिए केमिकल युक्त शैम्पू की जगह नेचुरल शैम्पू का प्रयोग करें। इसके अलावा वे लोग जो ऑयली हेयर प्रॉबल्म से परेशान हैं, उन्हें जेल बेस्ट शैम्पू का प्रयोग करना चाहिए। इसके अलावा नेचुरल हेयरमास्क भी हेयर क्लीनिंग के लिए बेहद कारगर हैं। बालों को रोज़ाना धोने से बचना चाहिए, अन्यथा हेयरफॉल की समस्या बढ़ने लगती है।
मॉश्चराइजिंग और एंटी बैक्टीरियन प्रॉपर्टीज़ से भरपूर नारियल के तेल को बालों पर लगाएं और कुछ देर मसाज करें। इससे ब्लड सर्कुलेशन नियमित होने लगता है और बालों का रूखापन भी दूर होने लगता है। वे लोग जिन्हें फ्लेकी स्कैल्प का सामना करना पड़ता है, उनके लिए ये कारगर उपाय है। 30 मिनट तक बालों में तेल को अप्लाई करने के बाद नेचुरल शैम्पू से बालों को वॉश करें और माइंल्ड कंडीशनर अप्लाई करें।
बारिश की बूंदे बालों पर गिरने से बंधे हुए बालों में मॉइश्चर बढ़ने का सामना करना पड़ता है। ऐसे में बरसात के दिनों में बालों को टाइटली बांधने से बचें और उनके गीला होने पर उन्हें सूखाने का प्रयास करें। दिनभर गीले बालों में रहने से हेयरफॉल और फ्रिजीनेस की समस्या बढ़ जाती है। इसके अलावा बालों में डलनेस का भी सामना करना पड़ता है।
बालों को सुखाने और स्टाइलिंग के प्रयोग किए जाने वाले टूल्स से बालों की नमी खोने लगती है। इससे बालों में रूखेपन की समस्या बढ़ जाती है। मानसून में बालों को हीट के संपर्क में लाने से बचें और बालों को सुखाने के लिए टूल्स की मदद न लें। बालों को नेचुरली सूखने दें और फिर बाहर निकले से पहले बारिश से बचाने के लिए बालों को स्कार्फ से बांध लें और छाते का प्रयोग करें।
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