ठंड के मौसम में त्वचा ड्राई होने लगती है। ड्राइनेस केवल चेहरे की त्वचा तक ही सीमित नहीं होती, यह आपके पैरों की त्वचा को भी शुष्क एवं बेजान बना देती है। सर्दियों में पैरों की त्वचा सबसे अधिक प्रभावित होती है (feet dryness), वहीं बेहद एवं डल नजर आती है। ऐसे में पैरों की त्वचा में नमी बनाए रखना बहुत जरूरी है। बढ़ते ड्राइनेस की वजह से पैरों की एड़ियों की स्किन अधिक शुष्क हो जाती है, जिसकी वजह से उनमें दरारे आ जाती हैं। वहीं दरार यदि संक्रमित हो जाए तो काफी परेशान कर सकती है (Dry and cracked feet)।
ऐसे में ठंड के मौसम में आप सभी को पैरों की त्वचा एवं फटी एड़ियों के प्रति विशेष सचेत रहने की आवश्यकता होती है। हम लेकर आए हैं, कुछ खास टिप्स जो आपके पैरों की त्वचा को ड्राइनेस से प्रोटेक्ट करेंगे (Dry and cracked feet)। तो चलिए जानते हैं, सर्दियों में पैरों का कैसे रखना है ध्यान (Dry and cracked feet)।
ठंड के मौसम में ठंडी, शुष्क हवाएं आपकी त्वचा को ड्राई कर देती हैं। यही कारण है कि आपके पैरों की त्वचा भी ड्राई हो जाती है। अक्सर हम चेहरे और हाथ की त्वचा पर तो ध्यान देते हैं, पर पैरों की त्वचा को नजरअंदाज कर देते हैं। जिसकी वजह से त्वचा अधिक ड्राई हो जाती है और एड़ियां फटने लगती हैं।
डेड स्किन को हटाने से आपकी त्वचा संबंधी अन्य समस्याएं कम हो जाती हैं। साथ ही हेल्दी स्किन सेल्स के ग्रोथ में मदद मिलती है। एक्सफोलिएशन मॉइस्चराइज़र के रूप में काम कर सकता है, लेकिन पहले अपने पैरों को भिगोना न भूलें। अपने पैरों को भिगोए बिना उन पर स्क्रब करने से आपकी त्वचा को नुकसान हो सकता है।
पैरों को इस तरह एक्सफोलिएट करें
अपने पैरों को गुनगुने साबुन वाले पानी से भरे किसी भी बकेट में 20 मिनट तक डुबोए रखें।
भिगोने के बाद, कठोर या मोटी त्वचा को धीरे से हटाने के लिए वॉशक्लॉथ, फ़ुट स्क्रबर या प्यूमिस स्टोन का उपयोग करें।
किसी भी क्षेत्र को तेजी से न रगड़ें। फिर अपने पैरों को अच्छी तरह साफ पानी से धोएं, और पैरों को थपथपाकर सुखाएं।
एक्सफोलिएट करने के बाद, त्वचा को मॉइस्चराइज़ करना बहुत ज़रूरी है। सर्दियों में त्वचा पर मॉइस्चराइज़र लगाने से त्वचा में नमी बनाए रखने में मदद मिलती है और नई ड्राई स्किन के जमा होने का खतरा कम हो जाता है।
नहाने के आपके पैर गीले होते हैं और उन्हें वॉशक्लॉथ या लूफ़ा से हल्के से रगड़ा जा सकता है। उसके बाद नियमित रूप से पैरों को विशेष रूप से एड़ियों को अच्छी तरह से मॉइस्चराइज़ करें।
पुराने मोज़े रात को सोते समय आपके पैरों में नमी बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। सोने से पहले अपने पैरों पर मॉइस्चराइज़र लगाएं। सर्दियों में मोटे मोज़े पतले मोज़े से बेहतर काम करते हैं। मॉइस्चराइज़र लगाने के बाद, आप नमी को बनाए रखने के लिए पैरों पर थोड़ी पेट्रोलियम जेली भी लगा सकती हैं। फिर अपने मोज़े पहनें और उन्हें रात भर पहने रखें। सुबह उठने पर अपने पैरों को सामान्य पानी से साफ करें।
दिन के दौरान, अपनी एड़ियों की दरारों पर एक सुरक्षात्मक बैरियर बनाने के लिए फ्लूइड पट्टी लगाएं। यह दर्द को कम करने, हीलिंग प्रोसेस को स्पीड अप करने और कीटाणुओं को आपकी त्वचा में प्रवेश करने से रोकने में मदद करते हैं। यदि एड़ियां फटी हुई हैं, तो जूते पहनने से पहले या बाहर धूल-गंदगी में जानें से पहले त्वचा को प्रोटेक्ट करने के लिए दरारों पर पट्टी लगा लें।
सोने से पहले पैरों को होममेड स्क्रब की मदद से क्लीन करें और डेड स्किन सेल्स को रिमूव कर लें। चित्र- अडोबी स्टॉक
सर्दियों में ड्राइनेस से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए जूते का सही चुनाव बेहद मायने रखता है। अगर जूते पैरों के क्षेत्रों में बहुत अधिक तनाव या “हॉट स्पॉट” पैदा कर रहे हैं, तो यह आसानी से ड्राइनेस और क्रैक पैदा कर सकते हैं। सुनिश्चित करें कि आपके जूते पैरों को उचित समर्थन प्रदान कर रहे हों।
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बाहर की ठंडी, शुष्क हवा, हीटर, लकड़ी जलाने वाले स्टोव और सेंट्रल हीटिंग जैसी हीटिंग विधियों से अंदर की शुष्क हवा पैरों की त्वचा के ड्राई होने का कारण बन सकती है।
उपचार के बिना, ड्राई स्किन मोटी हो सकती है और इनमें क्रैक आ सकता है, जिससे पैर संक्रमण के प्रति संवेदनशील हो जाते हैं। लोग घर पर अपने पैरों से रूखी त्वचा हटाने के लिए प्यूमिस स्टोन, एक्सफोलिएटर और फुट सोक का उपयोग कर सकती हैं। नियमित रूप से मॉइस्चराइज़र लगाने और डेड स्किन सेल्स को हटाने से पैरों को स्वस्थ और हाइड्रेटेड रखने में मदद मिलती है।
प्यूमिस स्टोन आपकी त्वचा को मुख्य रूप से एक यांत्रिक एक्सफोलिएटर के रूप में लाभ पहुंचाता है। आप इसका उपयोग त्वचा स्थितियों के इलाज के लिए कर सकती हैं।