एक्सपर्ट के बताए इन 5 टिप्स के साथ आप भी कर सकते हैं गठिया को कंट्रोल

प्यूरीन का बढ़ना यूरिक एसिड को ट्रिगर करता है, जिससे सर्दियों में जोड़ों में दर्द बढ़ जाता है। जानिए इसे कैसे कंट्रोल करना है।
gathiya ke dard se rahat paye
यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाने से शरीर में गाउट या गठिया की समस्या होती है। चित्र : अडोबी स्टॉक
संध्या सिंह Updated: 20 Oct 2023, 10:06 am IST
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कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ होते है जो शरीर में प्यूरीन की मात्रा को बढ़ा देते हैं। जिनसे शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है। जो शरीर में गाउट या गठिया की समस्या का कारण बन जाता है। इसलिए गठिया की समस्या से बचने के लिए जरूरी है कि इस तरह के खाद्य पदार्थों से परहेज किया जाए। आइए जानते हैं कौन से हैं प्यूरीन बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ और कैसे किया जा सकता है गठिया को कंट्रोल (how to control gout with diet)।

क्या है प्यूरीन और यूरिक एसिड का कनैक्शन

यूरिक एसिड ब्लड में पाया जाने वाला एक वेस्ट प्रोडक्ट है। यह शरीर में प्यूरीन नामक रसायन से बनता है। अधिकांश यूरिक एसिड ब्लड में घुल जाता है या फिर किडनी से गुजरते हुए यूरीन के माध्यम से शरीर से बाहर निकल जाता है। पर जब यह ज्यादा बढ़ जाता है तो किडनी इसे बाहर नहीं निकाल पातीं, जिससे गठिया की समस्या होने लगती है। आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से। साथ ही गठिया से बचाव के उपाय भी।

यहां हैं वे फूड जिनमें प्यूरीन की मात्रा ज्यादा होती है

समुद्री भोजन (विशेष रूप से झींगा मछली और सार्डिन)।
लाल मांस
ऑरगन मीट जैसे लिवर
शराब (बीयर, गैर-अल्कोहल बीयर)

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जानिए कैसे किडनी पर बोझ बढ़ाते हैं ये आहार

किडनी अवश्यकतानुसार यूरिक एसिड को शरीर में छोड़ कर बाकि को फिल्टर कर बाहर करती है। ताकि शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा सामान्य रहे। जब किडनी अपना काम ठीक से नहीं कर पाती, तो यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने लगती है। जिससे शरीर के जोड़ों में दर्द शुरू हो जाता है। गठिया के इलाज के लिए कुछ लोगों को दवा की जरूरत होती है। मगर आहार और जीवनशैली में बदलाव करके भी इस समस्या से बचा जा सकता है।

इस बारे में क्या कहती हैं रिसर्च

मायो क्लीनिक के अनुसार गाउट आहार यानी गाउट की समस्या से बचाने वाले आहार ब्लड में यूरिक एसिड के स्तर को कंट्रोल कर सकते हैं। गाउट आहार किसी तरह का इलाज नहीं है, लेकिन यह गाउट के खतरे को कम कर सकता है और जोड़ों को होने वाली क्षति को कम कर सकता है।

मायो क्लीनिक के अनुसार डाइट में कुछ आहार को शमिल करके गाउट की समस्या को कम किया जा सकता है। एक स्वस्थ वजन और अच्छी खाने की आदतें विकसित कर गठिया से बचा जा सकता है। साथ ही हाई प्यूरीन वाले खाद्य पदार्थों से बचें और उन फूड्स को शामिल करें जो यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित कर सकते हैं।

गठिया आहार में किन चीजों को शामिल किया जाना चाहिए

न्यूट्रिशनिस्ट और वेलनेस एक्सपर्ट करिश्मा शाह सुझाव देती हैं कि जीवन शैली और खानपान में बदलाव करके यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित और कम किया जा सकता है। इसके लिए आप इन चीजों को फॉलो कर सकती हैं –

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gout se payen rahat
यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित और कम किया जा सकता है।

1 वजन घटाएं

अगर आपका वजन अधिक है, तो इससे भी गाउट विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है और वजन कम करने से गाउट का खतरा कम हो जाता है। वजन कम करने से जोड़ों पर पड़ने वाले तनाव को भी कम किया जा सकता है।

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2 कॉम्प्लेक्स कार्ब्स करें आहार में शामिल

कार्बोहाइड्रेट से भरपूर अधिक फल, सब्जियां और साबुत अनाज खाएं। उच्च फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप वाले खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों से बचें, और प्राकृतिक रूप से मीठे फलों के जूस के सेवन से भी बचें।

3 विटामिन सी

विटामिन सी का सेवन यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है। यह बात अभी तक रिसर्च में सामने नहीं आई है कि यह कैसे काम करता है। यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए आपके लिए विटामिन सी का सेवन बढ़ाना फायदेमंद है या नहीं इसके लिए आपको अपने डॉक्टर से बात करने की जरूरत है।
साथ ही विटामिन सी के सप्लीमेंट को भी शामिल किया जा सकता है।

यह भी ध्यान रखें

खूब पानी पिएं – शरीर की अवश्यकतानुसार पानी पीएं ताकि अच्छी तरह से शरीर को हाइड्रेटेड रखा जा सके।

वसा- रेड मीट, वसायुक्त पोल्ट्री और उच्च वसा वाले डेयरी उत्पादों के सैचुरेटेड वसा को कम करें।

प्रोटीन– प्रोटीन के स्रोत के रूप में लीन मांस और पोल्ट्री, कम वसा वाले डेयरी और दालों पर ध्यान दें।

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लेखक के बारे में

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

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