गर्मी के दिनों में तेज धूप और हवा के कारण हमारी आंखें सूखने लगती हैं। इसके कारण आंखों में चुभन सी महसूस होती है। जलन के साथ-साथ आंखें लाल भी दिखने लग जाती हैं। ये सभी समस्याएं आंखों के सूखने के कारण हो सकती हैं। यह स्थिति तब हो सकती है, जब पलकों (eyelids) और उसके आसपास की छोटी ग्रंथियां (tiny glands) पीपर्स (peepers) को स्वस्थ और विजन क्लीयर रखने के लिए पर्याप्त आंसू नहीं बना पाती हैं। कुछ उपाय अपनाकर आंखों को ड्राई होने से बचाया जा सकता (how to cure dry eyes naturally) है।
जर्नल ऑफ़ ऑफ़थेलमोलोजी (Journal of Ophthalmology & Eye Care) में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार, आंसू आंख की सतह को चिकना, आरामदायक और हाइड्रेटेड बनाये रखते हैं। ये आंखों तक आने वाली धूल और गंदगी को हटाकर संक्रमण से बचाते हैं। कभी-कभी कुछ बीमारियां, दवाएं और उम्र बढ़ने के कारण भी आंखों में आंसू कम आते हैं। इससे आंखें कणों को साफ करने के लिए पर्याप्त टीयर्स (tears) नहीं बना पाती हैं। इससे सतह चिकनाई युक्त नहीं रह पाती है और ड्राई आई की समस्या होती है।
जर्नल ऑफ़ ऑफ़थेलमोलोजी के अनुसार, पलकों के साथ-साथ आसपास की त्वचा, पलकों को साफ करने से किसी भी तरह की सूजन को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। उंगलियों पर थोड़ा-सा बेबी शैम्पू या माइल्ड सोप डालें। धीरे से बंद आंखों की पलकों के पास मालिश कर सफाई करें। साफ़ और ताज़ा पानी से सफाई करें। आंखों में नल का पानी डालने की बजाय वाटर प्यूरिफायर के पानी से आंखें धोएं।
जर्नल ऑफ़ आई एंड विज़न के अनुसार, आंसू तेल, पानी और बलगम से बने होते हैं। सूजी हुई और पपड़ीदार पलकें तेल बनाने वाली ग्रंथियों को बंद कर सकती हैं और शुष्क आंख का कारण बन सकती हैं। आंखों को स्वस्थ रखने के लिए एक साफ कपड़े को गर्म पानी से गीला करें। इसे निचोड़ें। इसे कम से कम एक मिनट के लिए अपनी बंद आंख पर रखें। अपनी पलक के किनारे को धीरे से अपनी उंगली से दबाएं। गर्मी ग्रंथियों में जमे हुए तेल को ढीला करने में मदद करती है। कपड़े को बार-बार गीला करें, ताकि वह गर्म रहे।
कंप्यूटर, मोबाइल, टीवी को लगातार देखने से प्रति मिनट पलक झपकने की मात्रा पर अंकुश लग जाता है। ब्लू स्क्रीन देखते समय बार-बार पलकें झपकाएं। हर 20 मिनट में 20 सेकंड के लिए अपनी आंखें बंद करें।
स्क्रीन कोआई लेवल से नीचे सेट करें। इससे आंखें उतनी चौड़ी नहीं खोलनी होंगी, जो पलक झपकने के बीच आंसू के वाष्पीकरण को धीमा करती है।
कम्युनिटी आई हेल्थ जर्नल के अनुसार, सामन, टूना, सार्डिन, ट्राउट और मैकेरल सभी में ओमेगा -3 फैटी एसिड होता है। ये हेल्दी फैट आंखों में तेल बनाने वाली ग्रंथियों को बेहतर काम करने में मदद करते हैं। इससे ड्राईनेस कम हो सकती है। प्लांट बेस्ड फ़ूड जैसे-अखरोट, कैनोला, सोयाबीन तेल और अलसी में भी होता है। डॉक्टर से बात कर ओमेगा -3 फैटी एसिड सप्लीमेंट भी लिया जा सकता है।
शरीर के हर हिस्से को स्वस्थ रहने के लिए पानी की जरूरत होती है, जिसमें आंखें भी शामिल हैं। पीने का पानी उन्हें नम रखने में मदद करता है।पूरे दिन में आठ-10 गलास पानी पीने का लक्ष्य रखें। पानी से भरपूर खाद्य पदार्थ- जैसे खीरा और तरबूज का भी सेवन कर सकती हैं।
रैपराउंड सनग्लासेस आंखों को शुष्क हवाओं से बचाने में मदद कर सकती है। इससे आंसू अधिक तेज़ी से वाष्पित हो जाते हैं। घर पर हेयर ड्रायर, एयर कंडीशनर या पंखे की हवा से आंखों का बचाव करें।
ह्यूमिडिफायर और फिल्टर का इस्तेमाल करते समय उसके पास पानी का एक पैन रखें। धूल और अन्य कणों को फिल्टर करने वाला एयर क्लीनर भी सूखी आंखों को रोकने में मदद कर सकता है।
आंखें अधिक सूखने पर डॉक्टर से पूछकर सही आई ड्राप का इस्तेमाल किया जा सकता है।
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