बारिश के मौसम में आस पास खली जगहों में पानी भर जाता है, वहीं वातावरण में ह्यूमिडिटी भी बढ़ जाती है। इस वजह से मच्छर और अन्य कीटाणुओं का ग्रोथ भी बढ़ जाता है, जो बच्चों के लिए बिलकुल भी सुरक्षित नहीं है। बच्चे बाहर खुले में खेलने निकलते हैं, कई बार बारिश में भीग जाते हैं, इन सभी फैक्टर्स से बच्चों में संक्रमण (Infection in kids) का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में स्किन इन्फेक्शन (monsoon infection), निमोनिया, सर्दी खांसी, चेस्ट इन्फेक्शन आदि जैसी समस्याएं उन्हें परेशान कर सकती है। इस प्रकार की समस्यायों को अवॉयड करने के लिए, बरसात में बच्चों का खास ध्यान रखें।
बारिश में बच्चों के प्रोटेक्शन से जुडी जरुरी जानकारी प्राप्त करने के लिए हेल्थ शॉट्स ने मदरहुड हॉस्पिटल खराडी पुणे, के कंसल्टेंट नियोनेटोलॉजिस्ट और बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. जगदीश कथवटे से बात की। एक्सपर्ट ने बच्चों के बचाव के लिए कुछ जरुरी उपाय सुझाए हैं, तो चलिए जानते हैं इस बारे में अधिक विस्तार से (Kids care in monsoon)।
डॉ. जगदीश कथवटे के अनुसार “जैसे-जैसे मौसम बदलता है, माता-पिता और देखभाल करने वालों को बच्चों को संभावित संक्रमणों से बचाने के लिए सतर्क रहना चाहिए। सही सावधानियों के साथ, आप अपने नन्हे-मुन्नों को स्वस्थ और सुरक्षित रख सकते हैं।”
कीटाणुओं के प्रसार को रोकने के लिए हाथ की स्वच्छता महत्वपूर्ण है। बच्चे खेलते कूदते हुए अलग-अलग जगहों को छूते हैं, जिससे तमाम तरह के कीटाणु उनके हाथों में चिपक जाते हैं, जो उन्हें बीमार बना सकते हैं।
अपने बच्चों को साबुन और पानी से नियमित रूप से हाथों को अच्छी तरह से धोना सिखाएं, खासकर भोजन से पहले और शौचालय का उपयोग करने या बाहर खेलने के बाद। इतना ही नहीं यदि बच्चे ने किसी भी ऐसी वस्तु को छुआ है, जिसपे धुल जमें हैं, तब भी हाथ साफ करना जरुरी है। जब साबुन और पानी उपलब्ध न हो, तो हैंड सैनिटाइज़र साथ रखें।
संतुलित, पोषक तत्वों से भरपूर आहार के माध्यम से आप अपने बच्चे की इम्युनिटी को बढ़ावा दे सकती हैं। संक्रमणों से लड़ने के लिए शरीर को आवश्यक विटामिन और मिनरल्स की आवश्यकता होती है, जिसे पूरा करने के लिए फल,सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन को डाइट में शामिल करें।
सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा पर्याप्त नींद ले, क्योंकि थकान प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकती है। एक मजबूत इम्युनिटी तमाम तरह के संक्रमण तथा बिमारियों से डील करने के लिए शरीर को तैयार करता है।
डॉक्टर के अनुसार “समग्र स्वास्थ्य और बॉडी फ्लेक्सिब्लिटी को बरक़रार रखने के लिए नियमित व्यायाम महत्वपूर्ण है। अपने बच्चे को उम्र के हिसाब से शारीरिक गतिविधियों में शामिल करें, जैसे कि आउटडोर खेल, डांस क्लास, योग क्लास, स्विमिंग, आदि ताकि वे सक्रिय रहें और उनका शरीर मजबूत बना रहे।”
अगर आपका बच्चा बीमार पड़ जाता है, तो संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए उचित कदम उठाएं। जब तक वे ठीक न हो जाए, उसे स्कूल या डेकेयर नहीं जाने दें, उन्हें घर पर ही रखें और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ नज़दीकी संपर्क से बचें। आराम करने, पानी पीने और डॉक्टर के बताए ओवर-द-काउंटर दवाओं के इस्तेमाल को नियमित रखें।
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नमी से संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए, यह उचित है कि हम बच्चों को बाहर निकलते समय रेनकोट और छाता ले जाने के लिए प्रोत्साहित करें। अगर बच्चा भीग जाता है, तो उन्हें घर पहुंचने के तुरंत बाद साफ और सूखे कपड़े पहनने के लिए कहें।
बारिश और बाढ़ के कारण पीने का पानी दूषित हो जाता है। गंदे पानी के सेवन से डायरिया संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। हमेशा फ़िल्टर किए गए RO पानी (रिवर्स ऑस्मोसिस) का उपयोग करें। आप पानी को उबालकर ठंडा होने के बाद पी सकते हैं। डायरिया से बचने के लिए बार-बार हाथ धोना ज़रूरी है। बाहर का खाना खाने से बचें और बच्चों को घर का बना ताज़ा खाना दें।
बारिश के दौरान जमा पानी, बाढ़, कीचड़ और गंदे फर्श को साफ करना मुश्किल हो सकता है। जब भी बच्चा घर आए तो उसके हाथ-पैर धोना ज़रूरी है। बारिश के मौसम में फर्श को कम से कम दो बार साफ़ करें।
फर्श को साफ़ करते समय पानी में एंटीसेप्टिक लिक्विड वाला फ़्लोर क्लीनर मिलाएं। सुनिश्चित करें कि बच्चा साफ़ कपड़े, मोज़े और जूते पहने। बच्चे के मोज़े को रोजाना क्लीन करें। बच्चों के खिलौनों को हफ़्ते में कम से कम एक बार जरूर क्लीन करें।
बार-बार पेशाब आना मानसून में एक आम बात है। अगर आपके छोटे बच्चे हैं, तो नमी और फंगल संक्रमण से बचने के लिए डायपर को अधिक फ्रीक्वेंटली चेंज करें। साथ ही ध्यान रखें की आपका बच्चा लंबे समय तक डायपर न पहने रहे, इससे नमी बरकरार रहती है और आप संक्रमित हो सकती हैं।
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