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फिटनेस और मेंटल हेल्थ दोनों के लिए फायदेमंद है सिद्धा वॉकिंग, जानिए कैसे करना है इसका अभ्यास

कभी-कभी दिन का अंत बहुत बोझिल, थकान और तनाव से भरा होता है। तब आप न जिम जाना चाहती हैं, न योग करना चाहती हैं। ऐसी स्थिति में आपके लिए मददगार साबित हो सकती है सिद्धा वॉकिंग।
सिद्धा वॉकिंग खुले आसमान के नीचे व हवादार वाली जगहों पर करना चाहिए। चित्र : शटरस्टॉक
स्मिता सिंह Published: 18 May 2022, 20:29 pm IST
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खुद को फिट रखने के लिए वॉक या सैर सबसे आसान और फायदेमंद तरीका है। इससे न सिर्फ वेट लॉस होता है, बल्कि कई दूसरे तरह की स्वास्थ्य समस्याएं भी ठीक हो जाती हैं। वॉकिंग से हम न सिर्फ शारीरिक रूप से, बल्कि मानसिक रूप से भी स्वस्थ होते हैं। यदि आप वर्किंग हैं या घर-परिवार की देखभाल करने में बहुत ज्यादा व्यस्त रहती हैं, तो सिद्धा वॉकिंग (Siddha Walking) आपके लिए मददगार साबित हो सकती है। यहां हम बता रहे हैं क्या है सिद्धा वॉकिंग और इसे कैसे किया जा सकता है।

इन दिनों सैर करने की सिद्ध तकनीक यानी सिद्धा वॉकिंग (Siddha Walking) युवाओं के बीच खूब लोकप्रिय हो रही है। अमेरिका, यूरोपीय देशों में सिद्धा वॉकिंग काफी प्रचलित है। विदेश में इसे इन्फिनिटी वॉकिंग कहा जाता है, तो भारत में 8 वॉकिंग के नाम से भी जाना जाता है।
इसे करने के लिए आपको किसी फील्ड या पार्क में जाने की जरूरत नहीं होगी। इसे आप अपनी बालकनी, टेरेस, गार्डेन या घर के किसी कमरे में भी कर सकती हैं। शर्त बस इतनी है कि स्पेस खुला और हवादार होना चाहिए।

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क्या है सिद्धा वॉकिंग( Siddha Walking) या 8 वॉकिंग ( 8 Walking)?

इंटरनेशनल योग यूनिवर्सिटी बिहार स्कूल ऑफ योगा में योगाचार्य मंत्र निधि बताती हैं, “नाम से ज्ञात है, यह सिद्ध योग से निकला हुआ प्रतीत होता है। भारतीय ऋषि-मुनियों ने टहलने को भी मेडिटेशन का एक माध्यम माना है। सिद्ध का शाब्दिक अर्थ हुआ, ऐसा व्यक्ति जिसने शारीरिक दुर्बलताओं पर विजय प्राप्त कर ध्यान के उच्चतम शिखर को प्राप्त कर लिया हो।

सिद्धा वॉकिंग करते समय आठ की आकृति के पदचिन्हों पर चलना होता है

सिद्धा वॉकिंग में भी अपनी सारी चिंताओं और तनाव को एक तरफ रखकर वॉकिंग पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। लोगों के बीच योग को लोकप्रिय बनाने के लिए यह नाम दिया गया है। ताकि लोग आसानी से योग से जुड़ सकें। जिस तरह योग की प्रकिया नाड़ी शोधन के स्टेप्स को अनुलोम-विलोम नाम दिया गया है। उद्गीत को भ्रामरी नाम दिया गया है, ठीक इसी तरह ध्यानपूर्वक टहलने या वॉकिंग को सिद्धा वॉकिंग कहा गया है।

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यहां जानिए आपके लिए कैसे फायदेमंद है सिद्धा वॉकिंग

1 सिद्धा वॉकिंग के नियमित अभ्यास से सिर दर्द, डायजेस्टिव प्रॉबलम्स, थायराॅयड, ओबेसिटी, घुटने के दर्द आदि से राहत मिल सकती है।

2. ब्लड सर्कुलेशन को ठीक करता है। यह ब्लड में शुगर के लेवल को बैलेंस करता है।

3. यह स्ट्रेस बस्टर है। मन शांत और तनाव मुक्त होता है। इसे आजमाने के बाद दिनभर एनर्जेटिक रहा जा सकता है।

4. यह उन बुजुर्ग महिलाओं और पुरुषों के लिए बहुत फायदेमंद है, जो शरीर की अस्वस्थता के कारण वॉकिंग के लिए घर से बाहर नहीं निकल पाते हैं।

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7 स्टेप्स में जानें कैसे किया जाता है सिद्धा वॉक

इन्फिनिटी नंबर और 8 नंबर एक-दूसरे से काफी मिलते-जुलते हैं। इसमें नॉर्मल वॉक की जाती है, लेकिन 8 के शेप में। 8 के आकार में दक्षिण और उत्तर दिशा में लगभग 6 फीट के दो गोले बनाए जाते हैं। इन 2 गोलों को आपस में जोड़ दिया जाता है। इन्हीं दो गोलों के बीच लगातार वॉक करें। यदि आप गार्डेन या बालकनी में इसे नहीं कर पा रही हैं, तो अपने कमरे में भी इसे आजमा सकती हैं।

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स्टेप 1. चलना शुरु करें

सबसे पहले दक्षिण से उत्तर दिशा की ओर 15 मिनट तक चलें। फिर उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर 15 मिनट तक चलें।

स्टेप 2. विचारों से बाहर आएं

चलते समय किसी भी प्रकार के विचार को माइंड में न लाएं। अपने आपको सिर्फ 8 के आकार पर चलने पर कॉन्सन्ट्रेट करें। अपनी सांसों पर भी नियंत्रण रखें। बहुत तेज गति से न चलें। जिस तरह आप सामान्य वॉक करती हैं, उसी तरह 8 या इन्फिनिटी के घेरे में चलती रहें।

स्टेप 3. समय का ध्यान रखें

ध्यान दें कि इसका अभ्यास सुबह या शाम में करते समय आपका पेट खाली हो।

स्टेप 4. किसी भी तरह के गैजेट से दूर रहें।

चलते समय इस बात का जरूर ख्याल रखें कि आपके हाथों में मोबाइल न हो। इससे न सिर्फ आपका कॉन्सन्ट्रेशन भंग होता है, बल्कि आप गलत तरीके से भी चल सकती हैं। फिर सिद्धा वॉकिंग का कोई फायदा नहीं होगा।

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स्टेप 5. नंगे पांव चलें

यदि आप नंगे पैर चलती हैं, तो यह आपके लिए अधिक फायदेमंद है। एक्यूप्रेशर एक्सपर्ट राजेश अवस्थी के अनुसार, आपके पैरों में कई एक्यूप्रेशर प्वाइंट होते हैं, जो इंटरनल ऑर्गन से जुड़े होते हैं। नंगे पैर चलने पर उन प्वाइंट्स पर दबाव बनता है और कई शारीरिक समस्याओं से भी आपको मुक्ति मिलती है। पर डायबिटीज के रोगियों को नंगे पांव चलने से बचना चाहिए।

स्टेप 6. चलने पर ध्यान केंद्रित करें

आठ आकार में चलने पर सभी बॉडी पाट्र्स जैसे कि पैर, हाथ, कंधे, गर्दन, सिर सभी पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।

स्टेप 7. सूर्य नमस्कार करें

सिद्धा वॉकिंग में 15 मिनट चलने के बाद सूर्य नमस्कार भी किया जा सकता है। इस दौरान प्राण मुद्रा योग भी किया जा सकता है। योग मुद्रा में बैठकर बीच वाली और छोटी वाली उंगली को अंगूठे के साथ जोड़कर अपने सांसों को नियंत्रित किया जाता है। इससे न सिर्फ तनाव से मुक्ति मिलती है, बल्कि शरीर भी चुस्त-दुरुस्त होता है।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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