मौसमी बदलाव, वातावरणीय प्रदूषण, स्ट्रेस और भागदौड़ भरी जिंदगी का बालों की सेहत पर काफी नकारात्मक असर पड़ता है। इस वजह से हेयर फॉल, डैंड्रफ की समस्या से बाल रूखे और बेजान पड़ जाते हैं। वहीं यदि समय रहते इसे नियंत्रित न किया जाए, तो यह बालों की सेहत को बुरी तरह प्रभावित कर देती है। ऐसे में एक हेयर केयर रूटीन फॉलो करना बहुत जरूरी है। परंतु समय के अभाव में लोग अपने बालों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर देते हैं।
हालांकि, इसकी देखभाल के लिए आपको हजारों रुपए खर्च करने की आवश्यकता बिल्कुल भी नहीं है। घर में मौजूद कुछ खास सामग्री की मदद से आयुर्वेद के गुणों से भरपूर इस तेल को घर पर तैयार कर सकती हैं। जो आपके बालों को आवश्यक पोषण प्रदान करते हुए इसकी सेहत को बनाए रखने में आपकी मदद करेगा।
तो फिर बिना देर किए आज ही अपने केमिकल युक्त हेयर केयर प्रोडक्ट्स को अलविदा कहें और केवल हफ्ते में दो बार तैयार किए गए इस आयुर्वेदिक तेल का इस्तेमाल करें। आपको अपने बालों में अलग साथ चमक नजर आएगा। साथ ही यह आपके बालों को मॉइश्चराइज रखते हुए इसे मुलायम बनाए रखेगा। इस तेल में मौजूद जड़ी बूटियां स्कैल्प और फॉलिकल्स के लिए भी काफी फायदेमंद होती हैं। तो यदि हेयर फॉल और डेंड्रफ से परेशान रहती हैं, तो यह आपके लिए एक उचित इलाज हो सकता है।
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कोकोनट ऑयल
मेथी दाना
एलोवेरा
कड़ी पत्ता
लौंग
कलौंजी
छोटे प्याज
तुलसी की पत्तियां
गुड़हल के फूल की पत्ती
नीम की पत्तियां
गुलाब की पंखुड़ियां
स्टेप 1 – सबसे पहले कड़ाही को माध्यम आंच पर चढ़ाएं और उसमें नारियल का तेल डाल दें।
नोट : तेल की मात्रा थोड़ी ज्यादा रखें क्योंकि आप इस तेल को आराम से एक से डेढ़ महीने तक स्टोर करके रख सकती हैं। यदि आप चाहे तो और ज्यादा लंबे समय तक भी इसे चला सकती हैं। परंतु एक से डेढ़ महीने बाद नए सिरे से इसे बनाना अच्छा रहेगा।
स्टेप 2 – इधर दूसरी ओर कड़ी पत्ता और नीम की पत्तियों को तने से अलग कर लें। और एलोवेरा को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। यदि तुलसी के तने ज्यादा लंबे हैं तो इसे भी तने से अलग कर सकती हैं।
स्टेप 3 – नारियल के तेल में मेथी दाना, लौंग और कलौंजी को डाल दें।
स्टेप 4 – फिर इसमें प्याज, एलोवेरा, कड़ी पत्ता, तुलसी की पत्तियां, गुलहड़ के फूल की पत्ती, नीम की पत्ती और गुलाब की पंखुड़ियों को डालकर अच्छी तरह चलाएं।
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कस्टमाइज़ करेंस्टेप 5 – अब इसे ढककर लगभग 20 मिनट तक अच्छी तरह पकने दें।
स्टेप 6 – जब समय हो जाये तो गैस बंद कर दें और इसे ठंडा होने दें।
स्टेप 7 – ठंडा होने के बाद छननी की मदद से तेल और अन्य सामग्री को अलग-अलग कर लें। तेल को किसी कंटेनर में बंद करके रखें।
इस तेल को हफ्ते में दो बार जरूर अप्लाई करें। आपको अपने बालों में एक अलग सा चमक नजर आएगा। साथ ही यह तेल डैंड्रफ, हेयर फॉल, इत्यादि जैसी समस्याओं में फायदेमंद रहेगा।
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नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा कोकोनट ऑयल को लेकर प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार इसमें मौजूद पोषक तत्व बालों के प्राकृतिक प्रोटीन को बनाए रखते हैं। जिस वजह से बाल शाइनी और मुलायम नजर आते हैं। इसके साथ ही इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल प्रॉपर्टी पाई जाती है, जो स्कैल्प पर जमे कीटाणुओं का खात्मा करते हुए इसे स्वस्थ बनाए रखती है। जिससे हेल्दी हेयर ग्रोथ में मदद मिलती है।
कलौंजी का तेल बालों के लिए काफी असरदार होता है। ऐसे में इसका इस्तेमाल अन्य आयुर्वेदिक तेल को बनाने में भी किया जा सकता है। यह एंटी ऑक्सीडेंट से युक्त होता है। साथ ही साथ इसमें मौजूद अन्य प्रॉपर्टी हेयर ग्रोथ को बूस्ट करने में मदद करती हैं और प्रीमेच्योर एजिंग को रोकती हैं।
पब मेड सेंट्रल द्वारा मेथी के बीज को लेकर प्रकाशित एक डेटा के अनुसार इसमें प्रोटीन और आयरन की भरपूर मात्रा मौजूद होती है। यह दोनों पोषक तत्व बालों की ग्रोथ को प्रमोट करते हैं और इसे डेंसिटी प्रदान करते हैं। वहीं यह फ्लेवोनॉयड और पोटेशियम का भी एक अच्छा स्रोत है।
एलोवेरा में मॉइश्चराइजिंग प्रॉपर्टी पाई जाती है, जो बालों को पर्याप्त नमी प्रदान करती है। वहीं नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार एलोवेरा में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टी डैमेज बालों को रिपेयर करने में मदद करती है।
इतना ही नहीं एलोवेरा बालों के लिए आवश्यक विटामिन और मिनरल्स का भी एक अच्छा स्रोत है। यदि आप स्कैल्प की समस्या से परेशान हैं, तो इसमें मौजूद एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण स्कैल्प को हर प्रकार के इंफेक्शन और एलर्जी से प्रोटेक्ट करते हैं।
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नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार कड़ी पत्ता में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी और आयरन की भरपूर मात्रा पाई जाती है। जो न केवल बालों को बल्कि स्कैल्प को स्वस्थ रखते हुए बालों की सेहत को लंबे समय तक बनाए रखती है। इसके नियमित इस्तेमाल से डैंड्रफ, बाल झड़ने, आदि जैसी समस्याएं नहीं होती।
बालों के लिए तुलसी का इस्तेमाल इसलिए फायदेमंद है, क्योंकि यह हेयर फॉलिकल्स को पुनर्जीवित करने में मदद करता है। जिस वजह से बाल झड़ने की समस्या नहीं होती। यह स्कैल्प के ब्लड सरकुलेशन को बढ़ा देता है और इन्फेक्शन और एलर्जी से दूर रखता है। वहीं यदि आपके बाल समय से पहले सफेद हो रहे हैं, तो तुलसी का इस्तेमाल इसमें भी कारगर हो सकता है।
गुलाब की पंखुड़ियों में विटामिन ए, विटामिन B3, विटामिन सी और विटामिन ई की भरपूर मात्रा मौजूद होती है। जो स्कैल्प की सेहत को बनाए रखने के साथ ही हेयर फॉलिकल्स को स्वस्थ रखती हैं। जिसकी वजह से हेल्दी हेयर ग्रोथ में मदद मिलती है। वहीं गुलाब की पंखुड़ियों का इस्तेमाल स्कैल्प से एक्स्ट्रा ऑयल को बाहर निकालकर डैंड्रफ की समस्या को कम करने में मदद करता है। इतना ही नहीं इसमें मौजूद एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टी स्कैल्प से जुड़ी विभिन्न प्रकार की समस्या में फायदेमंद होती है।
नीम की पत्तियों में फैटी एसिड से लेकर विटामिन ई, एंटीऑक्सीडेंट और कैल्शियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसका इस्तेमाल डैंड्रफ की समस्या में काफी कारगर होता है। वहीं नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार नीम की पत्तियां जुएं हटाने में मददगार होती हैं।
बात यदि गुड़हल की पत्तियों की करें तो इसका इस्तेमाल हेयर फॉल की समस्या में मददगार होता है। साथ ही साथ बालों को समय से पहले सफेद नहीं होने देता। वहीं यह बालों की डेंसिटी को बढ़ाता है और डैंड्रफ की समस्या में कारगर होता है। इसका इस्तेमाल स्प्लिट एंड्स को भी कम करने में मदद करता है।
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