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आंखों के नीचे नजर आने वाली झुर्रियां आपको दिखा रही हैं ओवर एज, तो इन 6 टिप्स से करें इन्हें कंट्रोल

बदलते लाइफस्टाइल, युवी रेज का बढ़ता प्रभाव और शरीर में पोषक तत्वों की कमी के कारण अर्ली 20s में ही लोग आंखों के निचे नजर आने वाले एजिंग का शिकार बनते जा रहे हैं। जानें इससे बचाव के उपाय।
इन 4 तरीकों से आप भी कम कर सकती हैं आंखों के नीचे नजर आने वाली फाइन लाइन्स। चित्र : एडॉबीस्टॉक
अंजलि कुमारी Published: 29 Mar 2023, 17:59 pm IST
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आजकल आंखों के निचे फाइन लाइन (under eye fine lines), रिंकल और काले घेरे नजर आना एक आम समस्या हो गयी है। हालांकि, एक उचित उम्र के बाद त्वचा एवं आंखों के निचे झुर्रियां (under eye wrinkles) नजर आना सामान्य है। परन्तु इस समय बदलते लाइफस्टाइल, युवी रेज का बढ़ता प्रभाव और शरीर में पोषक तत्वों की कमी के कारण अर्ली 20s में ही लोग आंखों के नीचे नजर आने वाले एजिंग साइन्स का शिकार बन रहे हैं। वहीं महिलाएं इस पर हजारों रूपए खर्च कर देती हैं, परन्तु उन्हें किसी तरह का सुधार नजर नहीं आता। बल्कि केमिकल युक्त प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल आपकी स्थति को और ज्यादा खराब कर सकता है।

इसलिए हेल्थ शॉट्स आज आपके लिए लेकर आया है, कुछ ऐसे टिप्स जिसकी मदद से आप आंखों के निचे नजर आने वाले फाइन लाइन (under eye fine lines) और रिकल (How to reduce under eye fine lines) को आसानी से कम कर सकती हैं। तो चलिए जानते हैं, आखिर किस तरह प्रोटेक्ट कर सकते हैं अपनी स्किन।

आंखों के नीचे फाइन लाइन के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं ये कारण

एजिंग
डिहाइड्रेशन
युवी रेडिएशन
स्मोकिंग
सोने की गलत आदत
आंखों को बार बार रब करना
खानपान की गलत आदत
लगातार आंखों से अलग अलग प्रकार के एक्सप्रेशन बनाते रहना

आंखो पर पड़ता है असर. चित्र शटरस्टॉक।

अब जानें आंखों के नीचे नजर आने वाले फाइन लाइन को कम करने के टिप्स

1. फेसियल एक्सरसाइज से मिलेगी मदद

कुछ ऐसे प्रभावी फेसियल एक्सरसाइज हैं, जो आंखों के निचे नजर आने वाले फाइन लाइन जैसे अन्य एजिंग के निशान को कम करने में मदद करते हैं। साथ ही इन्हे समय से पहले आने से रोकते हैं। वहीं आप जेड रोलर की मदद से फेसिअल मसाज भी ले सकती हैं, यह काफी प्रभावी साबित होगा। अपने आंखों के निचे के हिस्से को भूलकर भी स्किप न करें।

2. हर रोज करें रेटिनोयड्स का इस्तेमाल

रेटिनोयड्स एक प्रचलित एंटी एजिंग इनग्रेडिएंट है जिसे विटामिन ए से प्राप्त किया जाता है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एसोसिएशन के अनुसार रेटिनोयड्स का इस्तेमाल रिंकल और एजिंग के अन्य निशानों को कम करने में प्रभावी रूप से काम करता है। रेटिनोयड्स त्वचा में कॉलेजन प्रोडक्शन को बढ़ा देता है। हालांकि, इसे लगाकर सूरज के संपर्क में न जाएं।

3. एक्सफोलिएशन है जरूरी

बढ़ती उम्र के साथ नेचुरल एक्सफोलिएशन प्रोसेस धीमा हो जाता है। ऐसी स्थिति में त्वचा पर डेड स्किन सेल्स जमा होने लगते हैं। ठीक इसी प्रकार आंखों के निचे नजर आने वाली झुर्रियां और फाइन लाइन बिल्कुल भी उचित नहीं लगते। परन्तु इसके लिए केमिकल युक्त स्क्रब का इस्तेमाल न करें क्युकी आंखों के निचे की त्वचा काफी पतली और सम्बेदनशील होती है। ऐसे में घरेलु स्क्रब अधिक कारगर रहेंगे।

हफ्ते में एक बार घरेलू स्क्रब की मदद से आंखों के निचे के हिस्से की त्वचा को एक्सफोलिएट जरूर करें। यह सेल्स टर्नओवर को बढ़ा देता है और फाइल लाइन और रिंकल्स को आने से रोकता है।

हर किसी को पता है कि विटामिन सी से हमारी आंखें स्वस्थ रहती है। चित्र: अडोबी स्टॉक

4. विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ और सीरम का इस्तेमाल करें

विटामिन सी युक्त खाद्य पदार्थ, क्रीम और सीरम का इस्तेमाल स्किन हाइड्रेशन को बनाये रखता है और आखों के निचे नजर आने वाले रिंकल और फाइन लाइन को नजर आने से रोकता है। पब मेड सेंट्रल द्वारा प्रकाशित स्टडी के अनुसार विटामिन सी एस्कॉर्बिक एसिड की तरह काम करते हुए स्किन से वॉटर लॉस नहीं होने देता। इसके साथ ही विटामिन सी की उचित मात्रा कोलेजन प्रोडक्शन को बढ़ावा देती है।

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5. एक उचित खानपान है जरुरी

विटामिन सी, विटामिन इ और विटामिन ए से युक्त खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करें। यह त्वचा में नए सेल्स के प्रोडक्शन को बढ़ावा देता है और आपकी स्किन को ग्लोइंग और खूबसूरत बनाता है। जब त्वचा की सेहत बनी रहती है तो आंखों के निचे की त्वचा भी स्वस्थ रहती है। पब मेड सेंट्रल द्वारा प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार हेल्दी स्किन के लिए गाजर, पम्पकिन, खट्टे फल और पोषक तत्वों से भरपूर अन्य खाद्य पदार्थों को डाइट में जरूर शामिल करें।

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सन प्रोटेक्शन का ध्यान रखें। चित्र : एडॉबीस्टॉक

6. बाहर जानें से पहले सन प्रोटेक्शन का रखें ध्यान

अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एसोसिएशन के अनुसार सूरज की किरणों के संपर्क में लंबा समय बिताने से त्वचा पर पिगमेंटेशन, ब्राउन स्पॉट्स साथ ही आंखों के निचे रिंकल, फाइन लाइन की समस्या नजर आना शुरू हो जाती है। सनलाइट के संपर्क में आने से कोलेजन और इलास्टिन फाइबर प्रभावित होते हैं। वहीं यूवी रे स्किन एजिंग का एक सबसे बड़ा कारण है।

सूरज के संपर्क में जाने से पहले अपने आखों पर सन ग्लासेज जरूर लगाएं। साथ ही सनस्क्रीन लगाना बहुत जरूरी है। एसपीएफ युक्त सनस्क्रीन चुनें और इसे नियमित रूप से इस्तेमाल करें। यह सनलाइट से होने वाले सनबर्न और रिंकल से बचाव में मदद करता है।

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अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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