भले ही आपको हरी सब्जियां (green leafy vegetables) खाना पसंद हो या नहीं, लेकिन सबको गोभी खाना ज़रूर पसंद होता है। ये सभी की फेवरिट सब्जी है और किसी भी तरह से बनाइये ये काफी स्वादिष्ट लगती है। खासकर सर्दियों में लोग इसका बहुत सेवन करते हैं और इसके कई तरह – तरह के व्यंजन बनाकर खाते हैं। फूलगोभी (cauliflower) की सबसे अच्छी बात ये है कि यह बहुत जल्दी बन जाती है और पकने में ज़्यादा टाइम नहीं लेती है। साथ ही, हर सब्जी के साथ बड़ी ही अच्छी तरह ब्लेन्ड हो जाती है।
यूं तो फूलगोभी बहुत फायदेमंद होता है जैसे – यह फाइबर और बी-विटामिन में उच्च है। साथ ही, एनवीबीआई के अनुसार यह एंटीऑक्सिडेंट और फाइटोन्यूट्रिएंट्स प्रदान करती है जो कैंसर से बचा सकते हैं। इसमें वजन घटाने और पाचन को बढ़ाने के लिए फाइबर और कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व भी शामिल हैं। सेंटर फॉर डीजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) द्वारा प्रकाशित एक लेख में इसे पावर हाउस फ्रूट्स एंड वेजिटेबल्स की श्रेणी में रखा गया है।
मगर कुछ लोगों को गोभी सूट नहीं करता है। जी हां… आयुर्वेद के अनुसार गोभी उतना ज़्यादा पाचक नहीं होता है। इसलिए कुछ लोगों को इसे खाने के बाद कुछ छोटी – मोटी समस्याएं आ सकती हैं। चलिये जानते हैं इनके बारे में
फूलगोभी फोलेट, विटामिन के और फाइबर जैसे पोषक तत्वों से भरी होती हैं और इसके कुछ अद्भुत स्वास्थ्य लाभ होते हैं। मगर, इस सब्जी का अधिक मात्रा में सेवन करने से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। क्योंकि फूल और पत्तों क्रूस वाली सब्जियां पचाने में कठिन होती हैं, खासकर यदि ये कच्ची खाई जा रही हैं तो। इस वजह से यह आसानी से सूजन या गैस की समस्या पैदा कर सकती है।
उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ सूजन और पेट फूलने का कारण बन सकते हैं। इस लिए ज्यादातर लोग फूल गोभी का सेवन कम ही करना पसंद करते हैं।
तो कोई भी जो लिए उच्च फाइबर खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ा रहा है, उसे धीरे-धीरे गोभी का सेवन करना चाहिए। साथ ही, यह निर्धारित करना चाहिए कि कौन से खाद्य पदार्थ, यदि कोई हो, सूजन का कारण बनता है।
विटामिन K का उच्च स्तर ब्लड को पतला करने का भी काम कर सकता है। जो खून को पतला करने वाली दवाएं ले रहे हैं उन्हें इसका सेवन करने से बचना चाहिए। साथ ही, यदि आप गोभी का सेवन करना चाहती हैं तो सबसे पहले अपने डाइटीशियन से बात करें।
ताजी फूलगोभी में दूसरों की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक प्रोटीन और कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। इसके अलावा, कच्ची फूलगोभी में समग्र रूप से ज़्यादा मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं।
फूलगोभी को अलग-अलग तरीकों से खाया जा सकता है, लेकिन अगर आपको पाचन संबंधी समस्याएं ज़्यादा होती हैं तो आप गोभी को अच्छे से पकाने के बाद ही खाएं। साथ ही, इसे मॉडरेशन में ही खाएं।
साथ ही फूलगोभी बनाते समय अदरक, काली मिर्च और लौंग का इस्तेमाल करें। ताकि यह सुपाचय हो जाए। से पानी में उबालने से बचें क्योंकि इससे सबसे ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट खत्म हो जाते हैं।
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कस्टमाइज़ करेंहींग पाचन तंत्र को सुचारु रूप से काम करने में मदद करती है। इसलिए यदि आप गोभी बनाते समय हींग का प्रयोग करेंगी तो आप इससे होने वाले पेट दर्द और अपच से बची रहेंगी। बस एक चुटकी हींग आपके इस्तेमाल के लिए काफी है।
फूल गोभी को पचने में थोड़ा समय लग सकता है। ऐसे में ओवरइटिंग न करें क्योंकि इसकी वजह से भी आपके पेट में दर्द हो सकता है। साथ ही, आपको ब्लोटिंग की समस्या भी आ सकती है।
लंच में फूल गोभी खाना ज़्यादा सही है क्योंकि दोपहर के समय आपका मेटाबॉलिज़्म ज़्यादा अच्छे से काम करता है। रात में यह थोड़ा धीमा पड़ सकता है, इसलिए फूलगोभी की सब्जी को लंच में ही खाएं।
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