कुछ लोगों को खुद के साथ वक्त बिताना बहुत पसंद होता है, लेकिन कुछ लोगों के लिए दुनिया में इससे मुश्किल काम कोई नहीं हो सकता। ऐसे लोग अकेलेपन या अकेले रहने से दूर भागते हैं और हमेशा किसी न किसी की कंपनी तलाशते रहते हैं, फिर चाहे वे बात करने के लिए हो या कहीं घूमने के लिए। हालांकि, इस आदत में कोई बुराई नहीं है। मगर यह आपकी निर्भरता दूसरों पर बढ़ाकर आपके आत्मविश्वास को चोट पहुंचा सकता है। हमेशा खुशियों के लिए दूसरों का सहारा ढूंढने वाले लोग अकसर भावनात्मक रूप से चोटिल होते रहते हैं। और फिर तनाव के शिकार हो जाते हैं। अगर आप भी ऐसी किसी भी स्थिति से बचना चाहती हैं, तो जरूरी है कि आप अपने साथ (How to be happy alone) खुश रहना सीख लें। जी हां, यह बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है। आपकी मदद करने के लिए हम यहां 5 तरीके ले आए हैं।
अगर आपको खुश रहने के लिए हमेशा दूसरों की कंपनी चाहिए होगी, तो बहुत मुमकिन है कि आप ज्यादातर समय दुखी ही रहें। क्योंकि यहां दूसरों के लिए बहुत कम लोगों के पास समय होता है। कभी-कभी हमारे विचार नहीं मिल पाते और हम जिन्हें दोस्त समझ रहे हैं, वही हमें बोझ समझने लगते हैं। या उनके साथ आप बस समय बिताने के लिए रह रहे हों। लेकिन आपको बिल्कुल भी अच्छा न लगता हो।
ऐसे में उपाय एक ही है – खुद में खुशी ढूंढना और खुश रहना। बिना किसी की मदद या कंपनी के। मगर यह कैसे संभव है? इसके लिए आपको चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है, क्योंकि हम आपको बताएंगे ऐसे कुछ टिप्स, जो आप अकेले खुश रहने में मदद करेंगे।
ज्यादातर लोग अकेले रहना पसंद नहीं करते हैं क्योंकि वे नहीं जानते कि खाली समय में क्या करना है। अपना समय बिताने का सबसे अच्छा तरीका किसी नई गतिविधि में शामिल होना है। कुछ ऐसा जिससे आपको मज़ा आए। चाहे वह पढ़ना हो, पेंटिंग हो या डांस करना। उन चीजों के लिए समय निकालें, जिन्हें आप पसंद करते हैं। इससे आपको अपने आप से बेहतर तरीके से जुड़ने में मदद मिलेगी।
अपने व्यस्त जीवन में हमें शायद ही अपने लिए समय मिल पाता है। अपने आप को समय देना और खुद को पैंपर करना बहुत ज़रूरी है। तो एक अच्छे स्पा सेशन के लिए जाएं या अपने पसंदीदा रेस्तरां में खाना खाएं। अपने शेड्यूल से थोड़ा ब्रेक लें। यकीनन आपको अच्छा लगेगा।
हम अक्सर नियमित व्यायाम के महत्व को कम आंकते हैं, लेकिन यह उन महत्वपूर्ण गतिविधियों में से एक है जो आपको खुश रहने के साथ-साथ स्वस्थ रहने में भी मदद करती हैं। व्यायाम करने से आपके मस्तिष्क में एंडोर्फिन, न्यूरोट्रांसमीटर जारी करने में मदद मिलती है जो आपको खुश महसूस करा सकते हैं। यहां तक कि आपको शारीरिक रूप से सक्रिय रहने में मदद मिलती है।
नाखुश रहने का एक कारण तुलना करना है। सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों को देखकर उनसे जलना, आपकी खुशी को बर्बाद कर सकता है। इसलिए जो आपके पास है उसमें खुश रहना सीखें। चाहें तो सोशल मीडिया से कुछ दिन का ब्रेक ले लें।
यह बहुत सामान्य लग सकता है, लेकिन प्रकृति के साथ कुछ समय बिताना खुश रहने का सबसे अच्छा तरीका है। चाहे आप पार्क में टहलना पसंद करें या साइकिलिंग करना। ऐसी कोई भी गतिविधि जो आपको प्रकृति के करीब लाती है, आपके लिए अच्छी है। प्रकृति के साथ कुछ समय बिताने से अवसाद जैसे लक्षणों में सुधार हो सकता है।
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