काम करते करते जब माइंड और बॉडी थक जाते हैं, तो किसी पर भी झल्ला जाना, फोक्स न कर पाना व बर्नआउट होना स्वाभाविक है। अपनी मेंटल हेल्थ को बनाए रखने और वर्क प्लेस पर टीम के साथ मिलकर आगे बढ़ने के लिए तनाव को दूर करना ज़रूरी है। माइंड को रिलैक्स रखने और वर्कप्लेस पर तनाव को दूर करने के लिए इन टिप्स को अपने रूटीन में शामिल करें (tips to overcome workplace stress)।
हार्वर्ड हेल्थ के मुताबिक शरीर में बार- बार तनाव हार्मोन यानि कोर्टिसोल के रिलीज़ होने से इम्यून सिस्टम प्रभावित होने लगता है। इसके चलते शरीर में ऑटोइम्यून डिसऑर्डर, हृदय रोग और अल्जाइमर जैसी समस्याओं का जोखिम बढ़ने लगता है। बर्नआउट से न केवल वर्क प्रोडक्टिविटी प्रभावित होती है, बल्कि को वर्कर्स के साथ भी मतभेद बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। इसका प्रभाव ऑर्गनाइजेशन की ओवरऑल ग्रोथ और आपकी सेहत पर भी दिखने लगता है।
इस बारे में राजकीय मेडिकल कालेज हल्दवानी में मनोवैज्ञानिक डॉ युवराज पंत बताते हैं कि मेंटल हेल्थ को मज़बूत बनाने के लिए खुद पर काम करना सबसे ज़रूरी है। आप पहले अपनी कमियों को जांचे और उन्हें दूर करने का प्रयास करें। उसके बाद अपनी इच्छाओं का आंकलन करें और उनके लिए समय निकालें। इन चीजों में संतुलन बैठाने के बाद वर्कप्लेस पर ध्यान दें। वहां मौजूद लोगों के मांईड सेट को समझें और फिर उसके अनुरूप खुद में बदलाव लेकर आएं।
लंबे वक्त तक बैठे-बैठे अक्सर शरीर में अकड़न आने लगती है। शरीर में दर्द, दिमाग में टेंशन और काम पूरा न हो पाने का तनाव हमें मेंटल तौर पर वीक करने लगता है। इस परेशानी को दूर करने के लिए देर तक बैठने से बचें। इससे बैक पेन और सर्वाइकल जैसी समस्याएं दूर रहेंगी। साथ ही आपकी वर्क प्रोडक्टिविटी भी बढ़ेगी। दरअसल, कुछ देर के लिए दिमाग रिलैक्स रहने से न्यू आइडियाज़ जनरेट होते हैं और इस तरह आप बेहतर ढंग से काम कर पाते हैं।
काम के दौरान घर की बहुत सी चिंताएं दिमाग को घेरे रखती हैं। इसका प्रभाव हमारे काम पर भी दिखने लगता है। सबसे पहले इन दोनों चीजों को अलग-अलग रखना सीखें। ऑफिस और घर में संतुलन बनाने के लिए इन दोनों के हिसाब से अपना समय मैनेज करें। साथ ही घर की टेंशन्स को ऑफिस में डिस्कस करने से बचें। इन दोनों में बैलेंस मेंटेन रखने से आप आसानी से तनाव की स्थिति से बाहर आने लगते हैं।
ऑफिस में होने वाली एक्टिविटीज़ में हिस्सा ज़रूर लें। इससे आपको काम से थोड़ा ब्रेक मिलेगा। साथ ही इन एक्टिविटीज़ के ज़रिए अपने साथी कर्मियों के साथ आप बेहतर समन्वय स्थापित कर पाएंगी। एक- दूसरे को समझने से बॉडिंग मजबूत होती है और आप एक टीम के तौर पर बेहतर काम कर पाते हैं। इंडोर गेम्स से भी मनोबल बढ़ता है और वर्क स्ट्रैस कम होने लगता है।
इस बात को समझना बेहद ज़रूरी कि बेहतर रिजल्ट्स के लिए टीम का होना ज़रूरी है। दरअसल, सभी काम एक व्यक्ति नहीं कर सकता है। ऐसे में अपने ऑफिस वर्क को टीम के बीच में डिवाइड कर दें। इससे आप तनाव मुक्त रहेंगे और काम भी समय पर होने लगेगा। गुड मैनेजेरियल स्किल्स हमें लाइफ में आगे बढ़न में मदद करते हैं और काम की क्वालिटी में भी सुधार दिखने लगता है।
काम करना ज़रूरी है, मगर वक्त का ख्याल रखना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। जब आप ऑफिस में देर तक बैठकर काम करते हैं, तब मेंटल स्ट्रैस बढ़ने लगता है। इससे आपका माइंड तेज़ी से रिस्पॉंस नहीं कर पाता और स्लो होने लगता है। नतीजतन आप चीजों को आसानी से समझ नहीं पाते हैं। उसका प्रभाव वर्क प्रोडक्टिविटी पर दिखने लगता है। समय से काम को निपटाएं और खुद को भी समय दें। कुछ देर परिवार और दोस्तों के लिए निकालने से आप तनाव से दूर रह पाएंगे।
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