हमारा कद लंबा होगा या हम छोटे कद के रह जाएंगे, यह बहुत हद तक हमारे जीन पर निर्भर करता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, 60-80% प्रतिशत लंबाई जीन के कारण निर्धारित होती है। 20-40% प्रतिशत लंबाई के लिए न्यूट्रीशन और एन्वॉयरमेंटल फैक्टर जिम्मेदार होते हैं। यदि बच्चे या किशोर न्यूट्रीशनल डाइट का सेवन करते भी हैं, फिर भी ज्यादातर लोगों की लंबाई 18 से 20 वर्ष की आयु के बाद नहीं बढ़ती है। तो अगर आप अपने किशोर बेटा या बेटी के कद को लेकर चिंतित हैं, तो यहां आपकी मदद करने के लिए 5 टिप्स (how to increase height) दिए गए हैं। ये आजमाए हुए नुस्खे हाइट बढ़ाने में आपकी मदद कर सकते हैं।
वेलनेस एक्सपर्ट और न्यूट्रीशनिस्ट मीता मखीजा के अनुसार ज्यादातर लोगों की लंबाई हर साल लगभग 2 इंच बढ़ती है। प्यूबर्टी की आयु तक पहुंचने के बाद लड़कियाें की लंबाई सिर्फ 3-4 इंच तक ही बढ़ती है।
दरअसल, लंबाई बढ़ने का मुख्य कारण है बोंस में ग्रोथ प्लेट्स का एक्टिव होना। प्यूबर्टी के बाद एडल्ट एज में आने पर शरीर में बहुत सारे हार्मोनल बदलाव भी होते रहते हैं। इसके कारण ग्रोथ प्लेट्स सख्त हो जाते हैं और बोंस का लंबा होना रुक जाता है।
यदि आपकी छोटी बहन या बेटी टीनएज में है, तो उसकी लंबाई बढ़ाने के लिए आप यहां पर दिए गए 5 टिप्स को फॉलो करवा सकती हैं।
यदि किसी विशेषज्ञ की सलाह पर बच्चे को आपने सप्लीमेंट देना शुरू किया है, तो उसके बारे में सही जानकारी होना बेहद जरूरी है। ह्यूमन ग्रोथ हार्मोन (Human Growth Hormone) प्रोडक्शन प्रभावित होने पर सिंथेटिक एचजीएच (HGH) दी जाती है। इसके इस्तेमाल से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना भी जरूरी है। यदि ग्रोथ प्लेट्स अच्छी तरह डेवलप हो गई हैं, तो इसका मतलब है कि वे एक-दूसरे के साथ फ्यूज हो गई हैं या जुड़ गई हैं। शरीर में इस प्रक्रिया के संपन्न होने के बाद सप्लीमेंट्स कभी-भी हाईट बढ़ाने में कारगर नहीं हो सकते।
बॉडी जितनी एक्टिव होगी, उतनी ही वह फैट लेस होगी। शरीर में फैट के जमाव से भी बॉडी ग्रोथ और हाइट प्रभावित होती है। बच्चों-किशोरों को नियमित तौर पर रोज एक्सरसाइज करने को कहें। इससे बोंस और मसल्स मजबूत होते हैं। इससे न सिर्फ वेट कंट्रोल होता है, बल्कि शरीर में एचजीएच (HGH) प्रोडक्शन भी बढ़ता है।
दिन में कम से कम एक घंटा एक्सरसाइज अवश्य करनी चाहिए। ताकत बढ़ाने वाली एक्सरसाइज, बॉडी की एलास्टिसिटी बढ़ाने वाली एक्सरसाइज जरूर कराएं। मोबाइल पर वीडियो गेम्स खेलने की बजाय बच्चे एरोबिक्स, रस्सी कूदने का खेल खेलें। इनके अलावा, फुटबॉल, बैडमिंटन जैसे आउटडोर गेम भी अवश्य खेलने चाहिए।
जब भी बच्चों-किशोरों से योगाभ्यास कराना शुरू करें, तो योगाचार्य की मदद अवश्य लें। योग के सही स्टेप्स नहीं करने पर, सांसों पर नियंत्रण नहीं सीखने से बॉडी और माइंड पर सही प्रभाव नहीं पड़ता है। यदि बच्चे को गलत पोस्चर में बैठने की आदत है, तो इससे वह हाइट में छोटा दिख सकता है।
लेटकर और पेट के बल पढ़ने से मना करें। गलत तरीके से बैठने पर रीढ़ की हड्डी प्रभावित हो जाती है। गलत तरीके से बैठने, झुकने से न सिर्फ लंबाई प्रभावित होती है, बल्कि कम उम्र में ही गर्दन दर्द और पीठ दर्द की भी समस्या होने लगती है। हाथ ऊपर कर सिर्फ अपने पंजे के बल पर खड़े होने का अभ्यास कराएं। एक या दो मिनट तक इस अवस्था में खड़े होने का प्रतिदिन अभ्यास करने पर हाइट बढ़ती है।
इन दिनों मोबाइल के कारण बच्चों, किशोरों की भी नींद प्रभावित हुई है। वे देर तक जागकर मोबाइल पर एक्टिव रहते हैं। माता-पिता को इस बात पर जरूर ध्यान देना चाहिए। सही नींद न लेने के कारण भी बच्चों की लंबाई प्रभावित होने लगती है।
साउंड स्लीप लेने पर शरीर से एचजीएच निकलता है। पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं लेने पर इस हार्मोन का उत्पादन कम हो जाता है। 6-14 साल के बच्चे को 9-11 घंटे तक और 14-18 साल के किशोरों को 8-10 घंटे की नींद लेना बेहद जरूरी है।
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