HMPV वायरस से नवजात शिशुओं को है ज्यादा खतरा, एक्सपर्ट बता रहे हैं न्यूबॉर्न बेबीज को प्रोटेक्ट करने के 7 तरीके

HMPV वायरस के खतरे नए जन्मे बच्चों के लिए ज्यादा हैं। ये उनमें नाक बहने से लेकर श्वसन संबंधी गंभीर समस्याओं का भी कारण बन सकता है। मगर कुछ तरीके हैं जिन्हें अपना कर न्यूबोर्न बेबीज को इस वायरस से बचाया जा सकता है।
how to protect new born babies from hmpv
नवजात बच्चों को HMPV वायरस से कैसे बचाएं। चित्र - अडोबीस्टॉक
Updated On: 9 Jan 2025, 04:51 pm IST
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अंदर क्या है

  • न्यूबॉर्न बेबीज पर HMPV के खतरे
  • HMPV से न्यूबॉर्न बेबीज को नुकसान
  • HMPV से बच्चों को बचाने के टिप्स

कोरोना के वक्त सबसे ज्यादा वो माएं परेशान थीं जिनके बच्चे बहुत छोटे थे या जिन्होंने तुरंत ही बच्चे को जन्म दिया था। कारण ये था कि न्यू बोर्न बेबीज पर कोविड के खतरे ज्यादा थे। कोरोना तो चला गया लेकिन लगभग उसी मौसम में HMPV नाम के वायरस ने देश भर की चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में नए जन्मे बच्चों के लिए इसके खतरे बढ़े हैं क्योंकि यह बच्चों और बूढ़ों को ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। तो कैसे (how to protect new born babies from hmpv) माएं अपने न्यूबॉर्न बेबीज को इस वायरस के असर से दूर रख सकती हैं। आज हम इसी सवाल का जवाब लेंगे एक्सपर्ट की मदद से।

न्यूबॉर्न बेबीज पर HMPV के खतरे (HMPV Virus Threats on New Born Babies)

डिजीज इन चाइल्डहुड नाम के एक जर्नल ने न्यूबॉर्न बेबीज ( ज्यादातर एक साल से कम) पर 2006 में एक स्टडी की थी। इस स्टडी में तकरीबन 494 ऐसे बच्चे शामिल थे जो सांस के किसी न किसी इन्फेक्शन से पीड़ित थे। स्टडी के अनुसार इन 494 बच्चों में से 69 बच्चे HMPV पॉजिटिव थे। ये 19-20 साल पहले की बात है जो अब भी प्रासंगिक है क्योंकि HMPV के खतरे एक बार फिर से बढ़ रहे हैं।

न्यूबॉर्न बेबीज का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है जिससे उनको  HMPV का खतरा ज्यादा होता है। चित्र – अडोबीस्टॉक

वायरोलॉजिस्ट डॉक्टर ईश्वर पी गिलादा कहते हैं कि किसी भी बीमारी का असर बच्चों पर ज्यादा होता है क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम डेवलप नहीं हुआ होता। बच्चा जितना छोटा होगा, वायरस या बैक्टीरिया के खतरे भी उस पर उतने ही ज्यादा होंगे। HMPV वायरस के साथ भी यही है।

HMPV से न्यूबॉर्न बेबीज को नुकसान ( Harmful Effects on babies of HMPV Virus)

1. सांसों की तकलीफ (Hmpv and breathing problems in new born babies)

डॉक्टर गिलादा कहते हैं, HMPV के कारण न्यू बॉर्न बेबीज में सांस संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इससे बच्चों को सांस लेने में तकलीफ, खांसी, बुखार और जुकाम जैसी परेशानियां हो सकती हैं। नवजात बच्चों में यह वायरस ज्यादा खतरनाक हो सकता है। समस्या उन्हें हॉस्पिटलाइज करने की नौबत भी ला सकती है। अगर इसे वक्त पर डिटेक्ट कर लिया जाए तो इससे आसानी से निपटा जा सकता है।

2. निमोनिया का खतरा (HMPV Can cause Pneumonia to newborn babies)

HMPV निमोनिया का कारण बन सकता है जो न्यू बॉर्न बेबीज (new born babies) के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। निमोनिया से बच्चों को सांस लेने में कठिनाई होती है और ये उनके लिए जीवन का खतरा भी बन सकता है। डॉक्टर गिलादा के अनुसार, इसी लिए हम डॉक्टर्स ज्यादातर यही कोशिश करते हैं साँसों का कोई भी इन्फेक्शन बच्चों में निमोनिया की समस्या ना देने पाए, वरना खतरे बढ़ जाते हैं।

3. अस्थमा या सांस संबंधी स्थाई बीमारी (HMPV can cause asthma in babies)

नवजात बच्चों का इम्यून सिस्टम पूरी तरह से विकसित नहीं होता है, जिससे वे इन्फेक्शन की जद में आसानी से आ जाते हैं। HMPV जैसे वायरस इन बच्चों के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं क्योंकि उनका शरीर इसे ठीक से संभाल नहीं सकता। इसलिए इन बच्चों को HMPV से बचाने के तरीके (how to protect new born babies from hmpv) जानना बहुत जरूरी है। 

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प्री मैच्योर बच्चों में HMPV वायरस के खतरे ज्यादा होते हैं। चित्र – अडोबीस्टॉक

ऐसे बच्चे जिनकी प्री मेच्योर डिलीवरी हुई है, उन्हें अस्थमा जैसी बीमारियों के खतरे भी हो सकते हैं। ऐसे बच्चों में फेफड़ों के सही से काम ना करने की समस्या भी होती है,जिससे उन्हें लंबे समय तक सांस फूलने की समस्या हो सकती है।

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HMPV से न्यूबॉर्न बेबी और छोटे बच्चों को बचाने के उपाय (how to protect new born babies from hmpv)

1. सफाई बनाए रखें (Maintain Hygiene)

बच्चों के आस-पास साफ-सफाई बनाए रखना बहुत जरूरी है। बच्चों को हमेशा साफ वातावरण में रखें और सुनिश्चित करें कि घर के सभी सदस्य हाथ धोकर ही बच्चे के पास जाएं। एक बात का और ख्याल रखें कि बाहर से लौटने के बाद हाथ धोना और चेहरे को साफ करना एकदम जरूरी है।

2. बच्चे को ठंडी हवा से बचाएं ( Protect Child from Cold)

HMPV अधिकतर सर्दी के मौसम में फैलता है। बच्चे को ठंडी हवा से बचाने के लिए उन्हें गर्म कपड़े पहनाएं और घर के अंदर रखें। ठंडी हवा और गीले स्थानों से बच्चे को दूर रखें क्योंकि इससे वायरस का खतरा बढ़ जाता है।

3. वैक्सीनेशन (Vaccination)

अगर आपके बच्चे के लिए कोई वैक्सीन बची हुई है जो उसे लगनी है तो ऐसी स्थिति में देरी ना करें। टीकाकरण बच्चों को कई तरह के इन्फेक्शन से बचाने में मदद करता है।

बच्चों के सारे वैक्सीनेशन सुनिश्चित करें। चित्र : अडोबी स्टॉक

HMPV के खिलाफ भले ही अब तक वैक्सीन नहीं है लेकिन बाकी सांस संबंधी दिक्कतों और इन्फेक्शन में वैक्सीन मदद करेगी और उन्हें इस वायरस का खतरा भी कम होगा।

4. भीड़-भाड़ से बचें ( Stay Away from Crowd)

नवजात बच्चों को भीड़-भाड़ से दूर रखना चाहिए जहां पर वायरस फैलने के चांस अधिक होते है। पब्लिक प्लेसेस पर जाने से पहले सोचें कि क्या वहां जाने की जरूरत है या नहीं। यदि बहुत जरूरी हो, तो बच्चे को मास्क पहनाएं या उसे कवर करें।

5. वक्त पर पहचानें लक्षण ( Identify Symptoms on time)

HMPV के लक्षणों में खांसी, बुखार, जुकाम और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं शामिल हो सकती हैं। यदि आपके बच्चे को इन लक्षणों में से कोई भी दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। वायरल बीमारियों के केस में लक्षणों का जल्दी पता चलने से इलाज में आसानी होती है।

6. दूसरे बच्चों से दूरी

अगर घर में छोटे बच्चे या कोई ऐसा व्यक्ति है जो बीमारी से पीड़ित है तो न्यू बोर्न बच्चे ( protect new born babies from hmpv) को उनसे दूरी बनाए रखने के लिए कहें। वायरस आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। और ऐसे केस में तो खासकर, जब बच्चे कमजोर होते हैं।

7. वक्त पर ब्रेस्ट फीडिंग

मां का दूध नवजात शिशु के लिए सबसे अच्छा पोषण और सुरक्षा है। मां का दूध शिशु के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है और उसे संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। यह वायरस और अन्य संक्रमणों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है।

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लेखक के बारे में
राेहित त्रिपाठी
राेहित त्रिपाठी

गोरखपुर यूनिवर्सिटी से स्नातक और लिखने-पढ़ने की आदत। रेख्ता, पॉकेट एफएम, राजस्थान पत्रिका और आज तक के बाद अब हेल्थ शॉट्स के लिए हेल्थ, फिटनेस, भारतीय चिकित्सा विज्ञान और मनोविज्ञान पर रिसर्च बेस्ड लेखन।

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