ठंड के मौसम में सामान्य लोगों का भी ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। विशेष रूप से यह मौसम हाई ब्लड प्रेशर (high blood pressure) के मरीजों की परेशानी को बढ़ा देता है। ऐसे में शरीर को उचित देखभाल की आवश्यकता होती है। खासकर यदि आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, तो इस मौसम अपनी बीमारी के प्रति अधिक सचेत रहें। जैसे जैसे तापमान गिरता है, वैसे-वैसे ब्लड प्रेशर बढ़ता है, जिसकी वजह से सांस लेने में कठिनाई, छाती में दर्द आदि जैसे अनुभव हो सकते हैं। शुरुआत से ही यदि आप ध्यान दें तो परेशानी को बढ़ने से रोका जा सकता है (How to manage high blood pressure)।
आज हेल्थ शॉट्स सभी हाई ब्लड प्रेशर (high blood pressure) के मरीजों के लिए देखभाल से जुड़ी कुछ जरूरी जानकारी लेकर आया है। तो इस सर्दी देखभाल के इन आसन से टिप्स के साथ खुदको रखें पूरी तरह से स्वस्थ (How to manage high blood pressure)।
ब्लड प्रेशर आम तौर पर सर्दियों में अधिक और गर्मियों में कम होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि तापमान में गिरावट आने से ब्लड वेसल्स अस्थायी रूप से संकुचित यानि की कॉन्ट्रैक्ट हो जाती हैं। संकुचित रक्त वाहिकाएं और धमनियों में रक्त को प्रवाहित करने के लिए अधिक दबाव की आवश्यकता होती है। इससे रक्तचाप बढ़ जाता है।
ब्लड प्रेशर मौसम के पैटर्न में अचानक बदलाव से भी प्रभावित हो सकता है। ब्लड वेसल्स सहित शरीर की नमी, वायुमंडलीय दबाव, बादल छाए रहने या हवा में अचानक बदलाव पर उसी तरह प्रतिक्रिया कर सकता है, जैसे वह ठंड पर प्रतिक्रिया करता है। इस मौसम में ब्लड प्रेशर संबंधी बदलाव 65 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों में अधिक आम है।
सर्दियों में विटामिन डी की खुराक लेना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि इस मौसम में विटामिन डी का स्तर कम हो जाता है जिससे रक्तचाप बढ़ जाता है। इसलिए सूरज की रौशनी में समय बिताएं साथ ही विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
तापमान गिरते ही प्रदूषण बढ़ जाता है, ऐसे में आपको गंभीर प्रदूषण वाले क्षेत्रों से बचना चाहिए। प्रदूषण शरीर में एंडोथेलियम हार्मोन के स्राव को ट्रिगर कर सकता है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।
ठंड के मौसम में हाई ब्लड प्रेशर को अवॉयड करना है तो खुदको गर्म रखने के लिए गर्म कपड़ो की लेयर पहनें। अचानक तापमान में बदलाव ब्लड प्रेशर को प्रभावित कर सकता है, इसलिए बाहर जाते समय उचित कपड़े पहनना जरुरी है। अत्यधिक ठंड से बचने के लिए अपने शरीर को पूरी तरह से गर्म रखें।
ठंड के मौसम में, हाइड्रेटेड रहना ज़रूरी है। उचित हाइड्रेशन समग्र हृदय स्वास्थ्य का समर्थन करता है और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। पूरे दिन में पर्याप्त मात्रा में पानी पीने का लक्ष्य बनायें।
घर पर नियमित रूप से अपने ब्लड प्रेशर की जांच करें, खासकर सर्दियों के महीनों में ताकि आपको अपनी स्थिति के बारे में मालूम हो। यदि आपको कोई उतार-चढ़ाव नज़र आए, तो तुरंत अपने हृदय रोग विशेषज्ञ से सलाह लें।
ठंड के महीनों में बाहरी शारीरिक गतिविधि आपके ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकती है। उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए व्यायाम दिनचर्या को नियमित रखना भी महत्वपूर्ण है। ऐसे में अपने घर के अंदर आराम में योग, वाकिंग जैसी गतिविधियों को दोहराएं। ये आपके ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद करेगा।
गाजर एक विंटर सुपरफूड है, जिसमें पोटैशियम की मात्रा मौजूद होती है। यह आपकी ब्लड वेसल्स और आर्टरीज में तनाव को कम करने में मदद करता है, जो बदले में आपके ब्लड प्रेशर के स्तर को कम कर देती हैं। यह सोडियम के दुष्प्रभावों को भी कम करता है, जिससे हृदय रोगों के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है।
चुकंदर बी विटामिन का एक समृद्ध स्रोत है, जो तंत्रिका कार्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। सर्दियों में इसका सेवन शरीर में एंटीऑक्सीडेंट को बढ़ा देता है, जो ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बनाए रखने में आपकी मदद करते हैं। नाइट्रिक ऑक्साइड गैस ब्लड वेसल्स को आराम पहुंचाती है और फैलाने में मदद करती है।
मेथी में घुलनशील फाइबर होता है, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। मेथी एक ऐसी सब्जी है, जिसमें सोडियम की मात्रा कम होती है, जो इसे रक्तचाप के मरीजों के लिए एक बेहतर भोजन बनाती है।
मूली में पोटैशियम होता है, जो रक्त प्रवाह को नियंत्रित करता है और ब्लड प्रेशर के स्तर को नियंत्रित करता है, जिससे वे स्थिर रहते हैं।
पालक में पोटैशियम, मैग्नीशियम और ल्यूटिन के गुण होते हैं, जो सभी धमनी की दीवारों को मोटा होने से रोकते हैं, जिससे हार्ट अटैक का खतरा कम हो जाता है।
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