छोटे बच्चों में कब्ज एक आम समस्या है। अक्सर बच्चों में यह परेशानी देखने को मिलती है, जिसकी वजह से पेरेंट्स काफी परेशान रहते हैं। वहीं बच्चों को हर बात पर दवाई देना भी हेल्दी नहीं है (constipation in children)। हालांकि, बच्चों में दवाइयों के बिना भी कब्ज को आसानी से रोका जा सकता है। इसके लिए आप कुछ आसान और असरदार तरीके अपना सकती हैं, जो आपकी मदद करेंगे (how to treat constipation in children)।
डॉ. आर. डी. श्रीवास्तव, प्रिंसिपल कंसल्टेंट, पीडियाट्रिक्स, नियोनेटोलॉजी, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट, दिल्ली ने छोटे बच्चों में कब्ज को अवॉइड करने के कुछ खास टिप्स दिए हैं। तो चलिए जानते हैं, बच्चों में कब्ज होने से कैसे रोकना है (constipation in children)।
छोटे बच्चे पानी पीने से बचते हैं, सबसे पहले बच्चों में पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की आदत बनाएं। पानी पीने से हाइड्रेशन मेंटेन रहता है, जिससे बच्चों का मल मुलायम हो जाता है और उन्हें मल त्याग करने में आसानी होती है। बच्चों को छोटी उम्र से ही उचित मात्रा में पानी दें, साथ ही उन्हें अन्य हाइड्रेटिंग ड्रिंक्स और फूड्स भी पिलाएं।
अगर बच्चा मां का दूध पीता है, तो यह बच्चों में कब्ज होने से बचाता है। फॉर्मूला दूध पीने वाले बच्चों में कब्ज की संभावना ज्यादा होती है, तो उनकी डाइट का खास ख्याल रखें। जबतक हो सके बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग जरूर करवाएं, इससे बच्चों का पाचन क्रिया सक्रिय रहता है और उन्हें पाचन संबंधी समस्याएं परेशान नहीं करती।
अगर बच्चा ठोस खाना खाने लगा है, तो उसकी डाइट में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे पकी हुई सब्जियां, फल जैसे पपीता, सेब, नाशपाती और साबुत अनाज से बने आहार शामिल करें। फाइबर पाचन क्रिया को सक्रिय रखता है, जिससे बच्चों के लिए खाद्य पदार्थों पचाना और मल त्याग करना आसान हो जाता है। केले और चावल ज्यादा मात्रा में देने से बचें क्योंकि ये कब्ज बढ़ा सकते हैं।
बहुत से लोग छोटे बच्चों को बिस्तर पर बिताए रहते हैं, यह पूरी तरह अनहेल्दी है। इससे कब्ज की समस्या के साथ उनके ग्रोथ पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है। इसलिए बच्चे को जितना हो सके एक्टिव रखें। चलने-फिरने या खेलने से आंतों की मूवमेंट अच्छी रहती है, जो पाचन में मदद करती है। इस प्रकार कब्ज और अपच जैसी समस्याएं उन्हें परेशान नहीं करती हैं।
कभी-कभी बहुत ज्यादा दूध पीने से भी कब्ज हो सकता है। दूध के साथ अन्य लिक्विड्स या हल्का खाना देना फायदेमंद साबित होगा। इसलिए यदि बच्चे को सॉलिड देने की उम्र आ गई है, यानी कि लगभग 6 महीने के बच्चों को दूध के साथ कुछ अन्य चीजें भी दें। उन्हें केवल दूध पर निर्भर न रखें। वहीं छोटे बच्चों को मां का दूध पिलाएं, इससे उन्हें कब्ज नहीं होता।
बच्चे को चॉकलेट, बिस्किट और अन्य प्रोसेस्ड फूड कम से कम दें। ये कब्ज को बढ़ा सकते हैं। प्रोसैस्ड खाद्य पदार्थ न केवल आपके बच्चों में कब्ज की समस्या बढ़ाते हैं, बल्कि उनके ग्रोथ एवं डेवलपमेंट में भी बाधा बन सकते हैं। साथ ही समग्र सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं।
नोट: अगर इन घरेलू उपायों से कब्ज ठीक न हो, या बच्चा बहुत देर से रो रहा हो या उसके पेट में तेज दर्द हो, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
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