Maha Kumbh Mela 2025 : कुम्भ मेले में जाने की योजना बना रहे हैं, तो जानिए आपको क्या करना है और क्या नहीं

महाकुंभ मेला 2025 शुरू होने वाला है। यह जहां आध्यात्मिक लाभ का अवसर है, वहीं इससे आपकी सेहत के लिए कुछ चुनौतियां भी पैदा हो सकती हैं। अगर आप भी इस आयोजन को स्वस्थ तन और मन के साथ एन्जॉय करना चाहते हैं, तो कुछ चीजों की तैयारी कर लेनी चाहिए।
mahakumbha 2025
Updated On: 27 Dec 2024, 04:59 pm IST
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अंदर क्या है

  • क्या है कुम्भ मेला?
  • कुम्भ स्नान के वैज्ञानिक फायदे
  • कुंभ के  दौरान सेहत के लिए हो सकती हैं ये चुनौतियां
  • कुंभ मेले के दौरान सेहत संबंधी परेशानियों के लक्षण
  • किन लाेगों के लिए ज्यादा हो सकती हैं स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां
  • कुंभ मेले में जाने की तैयारी कर रहे हैं तो इन चीजों का रखें ध्यान 

प्रयागराज (इलाहाबाद) में कुम्भ मेला की तैयारियां शुरू हो गई हैं। भीड़ जुटने लगी है। 13 जनवरी 2025 (Maha Kumbh Mela 2025 Date) से यह आधिकारिक तौर पर शुरू हो जाएगा। देश के कोने–कोने से आकर लोग यहां स्नान समेत अन्य धार्मिक परम्पराएं निभाएंगे। ठंडा मौसम, लाखों–करोड़ों की भीड़ और आध्यात्मिक लाभ का उत्साह आपकी सेहत के लिए बहुत सारी चुनौतियां खड़ी कर सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप कुंभ स्नान 2025 (Maha Kumbh Snan 2025) की तैयारियां पहले से ही कर लें। यहां हम विशेषज्ञों से बात कर आपके साथ कुछ जरूरी जानकारियां साझा कर रहे हैं।

क्या है कुम्भ मेला? (What is Maha kumbh Mela)

कुम्भ मेला हिन्दू धर्म की मान्यता में शामिल वो धार्मिक मेला है जो हर 12 साल में आयोजित किया जाता है। इसके आयोजन की चार प्रमुख जगहें हैं – प्रयागराज (इलाहाबाद), हरिद्वार, उज्जैन और नासिक। इस बार यह प्रयागराज में महाकुंभ के तौर पर आयोजित हो रहा है, जिसमें लाखों लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। कुम्भ मेले का महत्व कुम्भ स्नान की वजह से और बढ़ जाता है। प्रयागराज को तीन नदियों का संगम कहा जाता है।

इसलिए यहां स्नान को लोग संगम स्नान (sangam snana) भी कहते हैं। गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम के तट पर नहा कर लोग धार्मिक रीति–रिवाजों के अनुसार पुण्य कार्य करते हैं। इसके अलावा, इस दौरान बहुत सारे धार्मिक कार्यक्रम, पूजा, ध्यान और योग करते लोग, इसी मेले का ही एक रंग हैं।

कुम्भ स्नान के वैज्ञानिक फायदे ( scientific Benefits of Maha Kumbh Mela)

बहते पानी के बारे में एक कथन है। कथन ये कि बहता पानी कभी खराब नहीं होता। नदियों के साथ भी ऐसा ही है। ज़माना बदल गया है वरना एक जमाने में नहाने के लिए नदियां लोगों की पहली पसंद थीं। हालांकि नदियां भी अब ज्यादा प्रदूषित हैं। मगर इनका मोह और महत्व अब भी बना हुआ है।

प्रयागराज के फिजीशियन डॉक्टर संतोष अग्रहरि के अनुसार, गंगा, यमुना जैसी नदियों में आज भी कुछ ऐसे मिनरल्स मिलते हैं जो बैक्टीरिया और वायरस को नष्ट करने में सक्षम हैं। ये आपके शरीर को बैक्टीरियल इन्फेक्शन से आसानी से बचा सकते हैं। फिर अगर आप ठंडे पानी से नहाते हैं, तो आपके शरीर में खून का संचार बेहतर होता है।

सिर्फ स्नान ही नहीं, ऐसे स्थानों पर होने वाला जुटान और ध्यान एवं अध्यात्म से जुड़ाव आपको मानसिक रूप से भी सुकून प्रदान करता है। कई शाेधों और अध्ययनों में यह साबित हो चुका है कि ध्यान और योग हर उम्र, हर वर्ग और हर जेंडर के व्यक्ति के लिए फायदेमंद साबित होता है।

2025 महाकुंभ मेला और स्वास्थ्य से जुड़ी चिंता (Maha kumbh Mela 2025 health concern)

जर्नल ऑफ ट्रेवल मेडिसिन की एक रिपोर्ट मई 2024 में छपी थी। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के अशोक कुमार कन्नौजिया और विनीत तिवारी ने इस रिपोर्ट को तैयार किया था। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि किस तरह 2019 कुम्भ के बाद वायरल होने वाली बीमारियां बढ़ी थीं।

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इसमें सांस से जुड़े हुए इन्फेक्शन की संख्या 35 प्रतिशत तक थी, त्वचा संबंधी संक्रमण के केस 13 प्रतिशत तक थे और हल्के बुखार के केस 29 प्रतिशत तक थे। 2025 में प्रयागराज के महाकुंभ में लगभग 25 करोड़ लोगों के आने का अनुमान है। ऐसे में इन बीमारियों का ग्राफ भी बढ़ने का अंदेशा है।

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2025 महाकुंभ में 25 करोड़ लोगों के जुटने का अनुमान है। चित्र – अडोबीस्टॉक

2013 का कुम्भ एक बार खतरनाक तौर पर डायरिया देकर जा चुका है। 2021 में हरिद्वार में आयोजित कुम्भ कोरोना वायरस के आउटब्रेक का एक बड़ा कारण सिद्ध हुआ था। ऐसे में जब 2025 दस्तक दे रहा है और महाकुंभ शुरू होने की तारीख भी नजदीक आ रही है, मैनेजमेंट करने वाले लोगों से इन सब खतरों को ध्यान में रखते हुए तैयारी करने की अपेक्षा है।

महाकुंभ मेला 2025 के दौरान हो सकती हैं ये स्वास्थ्य चुनौतियां (health risks during Maha kumbh Mela 2025)

डॉक्टर संतोष के अनुसार, कुम्भ के दौरान बहुत सारी दिक्कतें हैं जो कई बार किसी स्वस्थ आदमी के सामने भी आ सकती हैं और अगर कोई किसी बीमारी से पीड़ित है तो उनमें इन दिक्कतों का अंदेशा और बढ़ जाता है।

1. सांस सम्बंधी दिक्कतें (Breathing Problems)

भीड़- भाड़ वाली जगहों पर धूल, धुआं, पसीना सहित और भी बहुत सी चीजें हो सकती हैं, जो सांस से सम्बंधित दिक्कतों को बढ़ा सकती हैं। खासतौर से बदल रहे मौसम में ऐसे स्थानों पर धूल, पराग, धुआं, पसीना, और अन्य प्रदूषकों की अधिकता हो सकती है, जो सांस संबंधी एलर्जी को बढ़ा सकते हैं।

2. भीड़ में घबराहट या खोने का डर (Crowd Anxiety)

कुछ लोगों के अंदर भीड़ के प्रति एक अजीब किस्म का डर होता है, जिसकी वजह से उन्हें भीड़ में घबराहट होती है। कई बार ये घबराहट चिड़चिड़ेपन में बदल सकती है। कहावत है कि कुंभ के मेले में बिछड़े हुए लोग। असल में यहां भीड़ इतनी अधिक होती है कि कुछ लोगों को इसमें गुम होने का भी डर हो सकता है।

3. स्किन एलर्जी (Skin Allergy)

भीड़-भाड़ वाली जगह पर जाने से पहले अपनी एलर्जी को पॉइंट आउट करना जरूरी है। कई बार यह दूसरों से संपर्क में आने पर, उनके पसीने से, धूल से या धूप से भी हो सकती है। जबकि कुछ लोगों को ठंडे या गर्म पानी से, कुछ खास चीजों से भी एलर्जी हो सकती है।

4.  फ्लू ( Flu)

भीड़-भाड़ वाली जगहों पर फ्लू का खतरा ज्यादा होता है क्योंकि यहाँ लोग आसानी से एक दूसरे के संपर्क में आते हैं और वायरसेस को फैलने का मौका मिल जाता है। कई बार हम बार- बार अपने हाथ अपने चेहरे तक ले आते हैं, इसकी वजह से हाथ की गंदगी जिसमें वायरस या बैक्टीरिया कुछ भी हो सकता है।

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इन्फ्लूएंजा के लक्षण वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति द्वारा संक्रमित होने के लगभग 2 दिन बाद शुरू होते हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक

इससे भी फ्लू का खतरा (Maha kumbh Mela 2025) बढ़ जाता है। कुम्भ जैसी जगह पर जहां पाँव धरणे तक की जगह नहीं होती, सोशल डिस्टेंसिंग तो वैसे भी दूर की कौड़ी है। ऐसे में फ्लू बहुत आम है।

5. थकान

अगर आप कुम्भ जैसी जगह पर जा रहे हैं जहां आपको लंबा पैदल चलना पड़ सकता है,वैसी स्थिति में थकान लाज़िम है। कुछ विशेष बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों के लिए यह और मुश्किल का सबब बन सकती है। जैसे – दिल की बीमारियों से पीड़ित लोग या फिर जिन्हें सांस की बीमारी है। अस्थमा या ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) से पीड़ित लोगों के लिए ये स्थिति गंभीर भी हो सकती है।

कुंभ मेले के दौरान सेहत संबंधी परेशानियों के लक्षण (Symptoms)

1. अगर आपको लगातार छींक या खांसी आने लगे।
2.अगर आपकी सांस अचानक फूलने लगे। आपको सांस लेने में दिक्कत महसूस हो।
3.आंखों में जलन या आंखों का लाल हो जाना भी इस बात का प्रमाण है कि आप पर एलर्जी का असर हो रहा है।
4.अगर आपकी स्किन पर दाने निकल आए और खुजली होने लगे तो यह भी एलर्जी का लक्षण है।
5.अगर आपको अचानक घबराहट या बेचैनी होने लगे तो तत्काल भीड़ से बाहर निकल जाएं।

किन लाेगों के लिए ज्यादा हो सकती हैं स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियां (Serious Health Threats during Maha kumbh Mela 2025)

1. अगर फेफड़ाें की समस्या है

भीड़ की जगहों पर अक्सर हवा पास नहीं कर पाती, जिस वजह से लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती है। ख़ासकर उन्हें जो पहले ही सांस सम्बंधित बीमारियों से जूझ रहे हैं।

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भीड़, प्रदूषण और ठंड के दौरान फेफड़ों के लिए चुनौतियां बढ़ जाती हैं। चित्र : एडॉबीस्टॉक

2. अगर हृदय रोगी हैं

हार्ट पेशेंट्स के लिए ऐसी महाकुंभ जैसी भीड़ भरी (Maha kumbh Mela 2025) जगहें खतरनाक बन जाती हैं। क्योंकि उन्हें अक्सर ब्लडप्रेशर हाई होने की शिकायत होती है और भीड़भाड़ वाली जगहों पर ये अक्सर बढ़ जाता है।

3. अगर इम्युनिटी कमजोर है

महाकुंभ जैसे (Maha kumbh Mela 2025) भीड़भाड़ वाले इलाकों में वायरस और बैक्टीरिया बहुत तेज़ फैलते हैं। इसी वजह से ऐसे लोग जिनका इम्यून सिस्टम कमज़ोर है या बॉडी सेंसिटिव है, उन्हें फ्लू और अलग अलग बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।

4. अगर एंग्जाइटी से जूझ रहे हैं

अकसर महाकुंभ (Maha kumbh Mela 2025) के दौरान भीड़ बहुत होती है और इसमें जगह की कमी और शोर-शराबा बहुत कॉमन है। इस वजह से कुछ लोगों में यही मानसिक तनाव, घबराहट और पैनिक अटैक का कारण बन जाता है।

कुंभ मेले में जाने की तैयारी कर रहे हैं तो इन चीजों का रखें ध्यान (Tips to plan a healthy Maha Kumbh 2025)

डॉक्टर संतोष के अनुसार, बचाव के कुछ तरीके हैं जिन्हें आपको खुद ध्यान में रखने की जरूरत है ताकि आप बिना अपने स्वास्थ्य के जोखिम के कुम्भ मेले का आनंद उठा सकें, जैसे –

  1. महाकुंभ (Maha kumbh Mela 2025) के लिए निकलने से पहले अपना एक छोटा फर्स्ट एड बॉक्स अपने सामान में जरूर रखें। जिनमें छोटी–मोटी समस्याओं से बचने के लिए उपचार उपलब्ध हो।
  2. हाई क्वालिटी वाला N95 या KN95 मास्क पहनिए। ये आपको यह आपको धूल, धुएं से बचाएगा।
    अगर आपको अस्थमा या अन्य कोई सांस संबंधी समस्या है, तो इन्हेलर हमेशा अपने साथ रखिए।
  3. लगातार पानी पीते रहिए ताकि शरीर में नमी बरक़रार रहे। अपनी सेहत के हिसाब से हल्का और पौष्टिक खाना खाएं। अगर डायबिटिक हैं तो भूखे रहने या उपवास करने से बचें।
  4. अगर आपको स्किन एलर्जी है, तो डॉक्टर से सलाह लेकर दवा अपने साथ लेकर चलें। सिंथेटिक कपड़ों से बचिए क्योंकि वे आपके स्किन की एलर्जी को बढ़ा सकते हैं। अपने पर्सनल चीजें किसी के साथ शेयर न करें।
  5. अगर आप गम्भीर तौर पर बीमार हैं, तो डॉक्टर आपको भीड़भाड़ वाली जगहों (Maha kumbh Mela 2025) से बचने की सलाह देते हैं। अगर आप फिर भी वहां जाना चाहते हैं, तो यात्रा से पहले अपने डॉक्टर से अपनी इमरजेंसी दवाइयों की लिस्ट बनवा कर रख लें।
  6. अपने साथ (Maha kumbh Mela 2025) एक मेडिकल आईडी कार्ड रखिये जिसमें आपके बीमारियों और मेडिकल हिस्ट्री की सारी जानकारी हो ताकि स्थिति बिगड़ने पर आपको ट्रीट करने वाले डॉक्टरों को आपके मेडिकल हिस्ट्री की जानकारी हो सके।
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अपनी यात्रा के दौरान अपनी सेहत और जरूरी कागजों का ध्यान रखें। चित्र : अडोबीस्टॉक

किसी भी तरह की चुनौती से बचने के लिए याद रखें

  1. कुंभ मेला वैसे तो लंबे समय तक चलता है, लेकिन कुछ एक दिन भीड़ ज़्यादा होती है, जैसे अमावस्या हो, पूर्णिमा हो स्नान के कुछ निर्धारित दिन। अगर आपको भीड़ से एलर्जी है, तो आपको इन दिनों पर मेले में जाने से बचना चाहिए।
  2. मुख्य घाटों पर भीड़ ज़्यादा होती है। इनकी जगह आप छोटे और शांत घाटों को अपने लिए चुन सकते हैं।
  3. कोशिश करें कि जिस रास्ते से ज्यादा भीड़ जा या निकल रही हो वह अपने लिए ना चुनें। लोकल गाइड या प्रशासन से अपनी समस्या समझा मदद मांगिए।

चलते–चलते

कुम्भ मेले में स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें आम बात हो सकती है लेकिन भारत जैसे देश मे ये आपके लिए चुनौती भरा हो सकता है,जहाँ आयोजनों पर भीड़ आम बात है। लेकिन सही तैयारी और सावधानी रखते हुए आप इससे पार पा सकते हैं।
हां एक बात जरूर याद रखनी है और वो ये कि आपको अपने लिमिटेशंस का पता होना चाहिए। ऊपर जो भी लक्षण बताए गए हैं अगर आप को उनमें से कोई एक भी दिखे तो अपने शरीर के साथ जबर्दस्ती ना करें। ज़रूरत पड़ने पर बाहर निकल आएं। बात बस केवल इतनी है कि शरीर के स्वस्थ रहने पर ही आप अध्यात्म और धर्म का आनन्द ले सकेंगे इसलिये आपका स्वस्थ रहना ज़्यादा ज़रूरी है।

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लेखक के बारे में
राेहित त्रिपाठी
राेहित त्रिपाठी

गोरखपुर यूनिवर्सिटी से स्नातक और लिखने-पढ़ने की आदत। रेख्ता, पॉकेट एफएम, राजस्थान पत्रिका और आज तक के बाद अब हेल्थ शॉट्स के लिए हेल्थ, फिटनेस, भारतीय चिकित्सा विज्ञान और मनोविज्ञान पर रिसर्च बेस्ड लेखन।

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