नारात्रि (Navratri 2022) शुरू हो चुकी हैं और हर कोई आपको 9 दिनों के व्रत रखते हुये नज़र आ जाएगा। नारात्रि के 9 दिनों तक चलने वाले व्रत (Navratri vrat 2022) काफी परहेज़ और नियम धर्म के साथ रखे जाते हैं। ऐसे में हमें लगता है कि हम व्रत रख रहे हैं तो ये हेल्दी होगा, लेकिन व्रत के दौरान अगर ध्यान न दिया जाए सबसे ज़्यादा अनहेल्दी स्नैकिंग (Unhealthy Snacking) हो सकती है। इसकी वजह से उन लोगों को समस्या हो सकती है, इन्हें डायबिटीज़ या ब्लड प्रैशर की समस्या है।
जिन लोगों को ब्लड शुगर की समस्या रहती है, उन लोगों के लिए व्रत के दिन थोड़े जोखिम भरे हो सकते हैं। क्योंकि काफी बार हम जो खा रहे होते हैं उसपर ध्यान नहीं देते हैं। हमें लगता है कि व्रत का खाना है तो हेल्दी ही होगा।
मगर जैसा हम सोचते हैं ये उससे अलग होता है क्योंकि व्रत के दिनों में हमारा रूटीन हर दिन से अलग होता है। हमारा खानपान बदल जाता है। सुबह की पूजा से पहले हम अक्सर कुछ नहीं खाते हैं। इन सब की वजह से ब्लड शुगर (Blood Sugar) पर लेवल पर काफी असर पड़ सकता है।
व्रत के दौरान अक्सर हम सोच लेते हैं कि यदि दिन में कुछ नहीं खाएंगे तो भी चलेगा। मगर ये आपके ब्लड शुगर लेवल में उतार चढ़ाव का कारण बन सकता है जिसकी वजह से आपको कमजोरी या थकान महसूस हो सकती है। हम सोच लेते हैं कि व्रत है तो कम खाना चाहिए, लेकिन ऐसा सोचने के बजाय हर 2 – 3 घंटे में कुछ न कुछ हेल्दी खाते रहें, कम मात्रा में ही सही।
कभी एक मुट्ठी मखाने तो कभी एक मुट्ठी नट्स, एक फल या दही केला। ऐसा करने की वजह से भारी भी महसूस नहीं होगा और ब्लड शुगर भी नियंत्रित रहेगा।
शरीर में पानी की कमी समस्या का कारण बन सकती है, इसलिए व्रत के दौरान डिहाइड्रेशन से बचें। इससे ब्लड शुगर लेवल पर तो असर पड़ता ही है बल्कि, किडनी भी प्रभावित हो सकती हैं। ऐसे में चाय, दूध, नारियल पानी का सेवन करते रहें। चाय ज़्यादा न पिएं नहीं तो इससे भी परेशानी हो सकती है।
हरी पत्तेदार सब्जियां, सलाद, रागी, जवार जैसे फूड्स को अपने आहार में शामिल करें। इन सभी चीजों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। जिसका मतलब है कि ये फूड्स शरीर में धीरे – धीरे घुलते हैं अचानक से ब्लड शुगर स्पाइक का कारण नहीं बनते हैं। इसलिए अपने आहार में इन्हें शामिल करना एक सही उपाय है।
हां, कुछ मामलों में, मगर, यह आपके संपूर्ण स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। अंत में, उपवास रखना या न करना एक व्यक्तिगत निर्णय है। यदि आप व्रत रखने का निर्णय लेती हैं, तो आपको अपने डॉक्टर के पास जाना चाहिए और सही सलाह लेनी चाहिए।
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