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कफ सिरप में मौजूद हो सकते हैं खतरनाक केमिकल्स, जानिए खांसी दूर करने वाले 5 हर्बल और हानिरहित उपाय

कफ सिरप में टॉक्सिक केमिकल को लेकर बार-बार शिकायत दर्ज करवाई जा रही है। तो क्यों न इन हार्मफुल कफ सिरप की जगह इन 5 हर्ब्स को आजमाया जाए।
बैक्टीरियल इन्फेक्शन है काली खांसी, जो रेस्पिरेटरी वे, विशेष रूप से नाक और गले को प्रभावित करता है। चित्र: शटरस्टॉक
अंजलि कुमारी Updated: 5 May 2023, 17:56 pm IST
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खांसी किसी भी मौसम में दस्तक दे सकती है। यह सिर्फ सर्दियों में ही होने वाली समस्या नहीं है। कभी-कभी प्रदूषण और ठंडा पानी पी लेने से भी आपको खांसी हो सकती है। खासतौर से बच्चे इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। पर इन दिनों कफ सिरप को लेकर अच्छी खबरें नहीं आ रहीं हैं। इसलिए जरूरी है कि आप खांसी से छुटकारा पाने के लिए इन कैमिकल वाले कफ सिरप का इस्तेमाल करने की बजाए कुछ घरेलू नुस्खे आजमाएं। यहां हम उन 5 उपायों (How to get rid of cough) के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपकाे खांसी से छुटकारा दिला सकते हैं।

बार बार आ रही हैं कफ सिरप के टॉक्सिक होने की खबरें

कफ सिरप में टॉक्सिक केमिकल को लेकर बार-बार शिकायत दर्ज करवाई जा रही है। गाम्बिया से लेकर उज्बेकिस्तान और अन्य देशों ने भी इसके प्रति संशय व्यक्ति किया है। गाम्बिया ने डीईजी से दूषित भारत में निर्मित कफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौत की रिपोर्ट जाहिर की। उसके बाद जनवरी में उज्बेकिस्तान द्वारा दर्ज की गई एक और शिकायत के बाद डब्ल्यूएचओ ने अक्टूबर 2022 में इस कफ सिरप को लेकर अलर्ट जारी किया था। उज़्बेक अधिकारियों ने भी जहरीले डीईजी से युक्त कफ सिरप के सेवन के बाद बच्चों की मौत की शिकायत दर्ज करवाई थी।

कफ सिरप में मौजूद टॉक्सिक केमिकल से होने वाली मौतों को देखते हुए हमें सचेत हो जाने की आवश्यकता है। कफ सिरप में अल्कोहल की मात्रा पाई जाती है, यह तो आप जानती होंगी, परंतु टॉक्सिक केमिकल्स की जानकारी मिलने के बाद भी यदि आप इसका इस्तेमाल करती हैं, तो इसके जिम्मेदार आप खुद होंगी।

इन कफ सिरप की जगह घर में मौजूद इन खास और प्रभावी हर्ब्स की मदद से आप सर्दी खासी से आसानी से निजात पा सकती हैं। तो चलिए जानते हैं बिना किसी साइड इफेक्ट के यह प्राकृतिक हर्ब खांसी की समस्या में कैसे कारगर होते हैं।

कफ सिरप लेने से पहले इंग्रिडीएंट चेक करें । चित्र: शटरस्टॉक

कफ सिरप में पाया गया हानिकारक केमिकल

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने पंजाब में बनने वाले कफ सिरप पर अलर्ट जारी किया था बुधवार को इसकी पुष्टि की गई इस कफ सिरप में टॉक्सिक केमिकल मौजूद हैं। 25 अप्रैल को, WHO ने मार्शल आइलैंड्स और माइक्रोनेशिया में पाए जाने वाले दूषित Guaifenesin TG सिरप के एक बैच पर मेडिकल प्रोडक्ट अलर्ट जारी किया था।

यह कफ सिरप पंजाब के क्यूपी फार्माकेम द्वारा निर्मित और हरियाणा स्थित ट्रिलियम फार्मा द्वारा वितरित की जाती है। खांसी की दवाई डायथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) और एथिलीन ग्लाइकॉल से दूषित पाई गई है।

ऑस्ट्रेलिया के थेराप्यूटिक गुड्स एडमिनिस्ट्रेशन (TGA) द्वारा नियंत्रित लैबोरेट्रीज द्वारा मार्शल आइलैंड्स से Guaifenesin TG सिरप के नमूनों की जांच की गई। उत्पाद में दूषित पदार्थों के रूप में डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल की अस्वीकार्य मात्रा पाई गई।

यहां हैं खांसी के लिए 5 प्रभावी हर्ब्स के नाम

1. लहसुन

प्राचीन काल से लहसुन का इस्तेमाल खाने के स्वाद को बढ़ाने के साथ-साथ चिकित्सीय रूप से भी होता चला आ रहा है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार लहसुन में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-वायरल और एंटी-फंगल प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं, जो इसे इम्यूनिटी बूस्टिंग हर्ब्स बनाती हैं। इसका इस्तेमाल खांसी और कफ को काटने में कारगर होता है। यहां तक कि लहसुन फ्लू के लक्षणों के रोकथाम के रूप में भी काम करता है।

यहां जानें सर्दी खांसी में किस तरह इस्तेमाल करना है लहसुन। चित्र : एडॉबीस्टॉक

2. अदरक

अदरक को औषधीय रूप से डायफोरेटिक के रूप में जाना जाता है। पब मेड सेंट्रल द्वारा अदरक को लेकर प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार इसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल प्रॉपर्टीज पाई जाती है। साथ ही यह एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है। इस प्रकार खांसी में अदरक का सेवन करने से फौरन आराम प्राप्त होता है।

उचित परिणाम के लिए अदरक से बनी चाय और इसके काढ़े का सेवन करें। यह गले में खराश के लक्षणों से राहत दिलाने में अत्यधिक प्रभावी है।

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3. तुलसी

तुलसी की हरी पत्तियां पारंपरिक रूप से जितनी खास हैं, उतनी ही खास यह हमारी सेहत के लिए भी होती हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार तुलसी में एंटीमाइक्रोबॉयल, एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीट्यूसिव और एंटी एलर्जी प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं। यह सभी सर्दी खांसी के संक्रमण में कारगर होती हैं, साथ ही इम्यूनिटी को भी बढ़ावा देती हैं।

इसे सलाद, सूप और यहां तक कि दालों पर गार्निश करने में इस्तेमाल किया जा सकता है। सर्दी खांसी के संक्रमण से बचने के लिए तुलसी की चाय और काढ़े का सेवन सबसे अधिक प्रभावी साबित होगा।

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4. रोजमेरी

रोजमेरी सदियों पुरानी जड़ी बूटी है जिसे सर्दी खासी और गले की खराश से राहत पाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। पब मेड सेंट्रल के अनुसार यह एंटी-वायरल और एंटी-माइक्रोबियल गुणों से भरपूर होती है। इसकी उबली हुई पत्तियों और तने की भाप लेने से नाक और छाती में जमे कफ आसानी से बाहर निकल आते हैं।

खांसी और गले की खराश से परेशान हैं तो रोजमेरी की चाय का सेवन करें। इसके साथ ही रोजमेरी सिर दर्द में भी काफी प्रभावी रूप से काम करती है। यह मस्तिष्क में ब्लड सरकुलेशन को बढ़ा देती है और सिरदर्द से राहत प्रदान करती है।

लेमनग्रास टी आपकी सेहत के लिए वरदान है। चित्र: शटरस्‍टॉक

5. लेमनग्रास

लेमनग्रास सर्दी, खांसी और फ्लू के लक्षणों से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। इसे रात भर के लिए पानी में भिगोकर छोड़ दें। अब सुबह इसे पानी सही उबालें और चाय के रूप में इसका सेवन करें। लेमनग्रास की चाय एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होती है, और सर्दी खांसी की समस्या में अधिक कारगर मानी जाती है। इसके साथ ही लेमनग्रास में विटामिन सी भी मौजूद होता है। जो संक्रमण से लड़ने के लिए शरीर को तैयार करता है।

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अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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