इन दिनों व्यस्तता सफलता का दूसरा पैमाना बन गई है। इसी चक्कर में देर रात तक जाग कर भी काम करने को लोग तैयार हैं और इसे सफलता का प्रतीक मानने लगे हैं। रात में देर तक जागने की आदत दिखने में आम सी लग सकती है, लेकिन शरीर के लिए ये बिल्कुल कूल नहीं है। ये आदत आपकी सेहत पर गहरा असर (der rat tak jagne ke nuksan) डालती है। नींद आपकी शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए उतनी ही जरूरी है, जितना खाना और पानी ज़रूरी है।
फिजिशियन डॉक्टर ओपी राय के अनुसार रात में देर तक जागने के कई कारण हैं।
एक स्टडी में पाया गया है कि किशोरों (औसत उम्र 17.5 साल) में देर रात तक जागने और कम सोने की आदत आम होती है, जो लाइफ़ स्टाइल और दिमागी बदलाव के कारण होती है। रिसर्च में यह भी पाया गया कि कम नींद का वजन बढ़ने से भी संबंध है। इस स्टडी में 142 किशोर (104 लड़के और 38 लड़कियां) शामिल थे। छात्रों से उनकी नींद की आदतों पर सवाल पूछे गए थे। उनका कद और वजन मापा गया और उनका हेल्थ चेकअप किया गया था।
इससे साफ हुआ कि जो लोग रात में देर से सोते हैं, वे कम नींद ले पाते हैं। जिसका असर उनके वजन और बॉडी मास इंडेक्स पर पड़ता है। भविष्य में यह कई मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का भी कारण बन सकता है।
फिजिशियन डॉक्टर ओपी राय के अनुसार रात में वक्त पर सो जाने के अपने फायदे हैं। अगर इसे पूरा करने में आप चुक गए, तो शरीर बीमारियों का घर बनता जाएगा।
अगर आप देर तक जागते हैं और आपकी नींद पूरी नहीं हो पाती तो शरीर को पूरा आराम कैसे मिलेगा? इसी वजह से दिन भर लोग थका-थका महसूस करते हैं। यह आपकी सोचने और काम करने की क्षमता पर भी असर डालता है।
रात में जागने का मतलब है डिनर के बाद भी भूख लगना। वाले लोग अक्सर भूख लगने पर जंक फूड या स्नैक्स खा लेते हैं। यही आपके वजन बढ़ने का कारण बन जाता है। नींद की कमी से शरीर की पाचन क्षमता पर भी असर पड़ता है। ये भी वजन बढ़ने का कारण बनता है।
देर रात तक जागने से शरीर में तनाव बढ़ता है और शरीर के हार्मोन्स का बैलेंस भी बिगड़ता है। यह दिल की बीमारियों (जैसे हाई बीपी) को खुला आमंत्रण है।
नींद की कमी का सीधा असर आपके मूड और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। फिर एंजाइटी और कभी कभी तो डिप्रेशन तक बात जा सकती है।
अच्छी नींद हमारे शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता (इम्यूनिटी) को बढ़ाती है। अगर आप रोजाना ही कम सोते हैं, तो आपका इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। इसका मतलब है कि आप बार-बार सर्दी, खांसी, या दूसरी बीमारियों की चपेट में आने लगेंगे।
दिमाग ठीक तऱीके से काम करे इसके लिए भी नींद ज़रूरी शय है। जब हम सोते हैं, तो दिमाग हमारी यादों और सीखी हुई चीजों को व्यवस्थित करने में जुट जाता है। तो ध्यान रखिये, अगर आप कम सोएंगे तो आपकी याददाश्त कमजोर हो सकती है ।
डॉक्टर्स हमेशा से कहते रहें हैं कि एक तय वक्त पर सोना और तय वक्त पर ही उठ जाना चाहिए। इसलिए रोजाना एक ही समय पर सोने और उठने की आदत डालें। ये आपकी बॉडी क्लॉक को संतुलित रखेगा और शरीर उसी शेड्यूल को अपना लेगा।
मोबाइल, टीवी और लैपटॉप से निकलने वाली लाइट्स नींद के हार्मोन को कमज़ोर करती है। इसलिए सोने से कम से कम 1 घंटे पहले इनका इस्तेमाल बंद कर दें। सोते वक्त मोबाइल की जगह किताब पढ़ना ज़्यादा बेहतर विकल्प है।
हल्का खाना भी अच्छी नींद का राज़ है। डिनर प्रोटीन-विटामिन्स से युक्त हो लेकिन हल्का हो।इससे सोते वक्त शरीर को भी आराम मिल जाएगा और आपको अच्छी नींद मिल जाएगी।
चाय, कॉफी या एनर्जी ड्रिंक्स में कैफीन होता है, जो आपको जगाए रखता है। सोने से 4-5 घंटे पहले चाय कॉफी पीने से बचना चाहिए।
दिनभर एक्टिव रहना और नियमित व्यायाम करना नींद को बेहतर बनाता है। लेकिन सोने से ठीक पहले व्यायाम न करें। ये सेहत के लिए नुकसानदेह है।
कमरे का माहौल भी आपको नींद आने में मदद करता है। इसलिए सोने का कमरा शांत, अंधेरा और ठंडा रखें। इंश्योर करिए कि जो गद्दा और तकिया आप इस्तेमाल कर रहे हैं,वो साफ और आरामदायक हो।
अगर आप देर तक जागने की आदत छोड़कर अच्छी नींद लेंगे, तो आप न केवल ज्यादा एनर्जेटिक महसूस करेंगे बल्कि बीमारियों से भी बच पाएंगे। इसलिए दिनचर्या में बदलाव करें और अच्छी नींद को प्राथमिकता पर रखें।
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