घर और ऑफिस में तालमेल बैठाते बैठाते महिलाओं का हाल बेहाल हो जाता है। दिनभर भागदौड़ करने वाली सशक्त नारी अपना ख्याल रखना भूल जाती है। चाहे खान पान हो या रहन सहन, हर चीज़ को इग्नोर करती चली जाती है। दूसरों को सभी सहुलियतें देने की इच्छा के चलते वो अपने स्वास्थ्य का ख्याल नहीं रख पातीं। लंबे काम के घंटे (long working hours) अधूरी नींद और असंतुलित पोषण के कारण वे जीवनशैली जनित बीमारियों की शिकार हो जाती हैं। ये आंकड़ा शहरों में लगातार बढ़ रहा है। पर अगर आप नहीं चाहती कि आप भी मोटापा, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर जैसी लाइफस्टाइल डिजीज (lifestyle disease) का शिकार हों, तो अभी से ध्यान में रखें कुछ जरूरी बातें (How to avoid lifestyle diseases)।
एसोसिएटेड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के एक सर्वे के मुताबिक 21 से लेकर 52 वर्ष की आयु वर्ग में 68 प्रतिशत कामकाजी महिलाएं मोटापा, तनाव, क्रानिक बैक पेनए डायबिटीज़ और हाई ब्लड प्रेश की शिकार हैं। वहीं प्रिवेंटिव हेल्थकेयर और कॉर्पोरेट फीमेल वर्कफोर्स के एक स्टडी में बताया गया है कि ज्यादा घंटों तक काम करने के चलते 75 प्रतिशत कामकाजी महिलाएं तनाव और उग्ज़ाइटी का शिकार हो जाती हैं।
एनआईएच के एक रिसर्च के मुताबिक खुद का ख्याल न रख पाने के लिए महिलाओं को कई परेशानियों से गुज़रना पड़ता है। 70 फीसदी या फिर उससे ज्यादा महिलाओं को 50 की उम्र तक यूटरस या ब्रैस्ट में फाइब्रॉएड यानि रसौली होने का खतरा रहता है। इसके अलावा आधी से ज्यादा महिलाओं में इन बीमारियों के लक्षण भी पाए जाते हैं। जैसे
पीरियड्स में हैवी ब्लीडिंग
लंबे समय तक पीरियड होना
पेल्विक प्रैशर या दर्द का अनुभव
बार.बार यूरिन पास करना या कब्ज की शिकायत
पेनफुल इंटरकोर्स
इस बारे में मनिपाल हास्पिटल गाज़ियाबाद में हेड ऑफ न्यूट्रीशन और डाइटेटिक्स डॉ अदिति शर्मा का कहना है कि दिन की पहली मील को मिस करना सबसे बड़ी गलती है। आप रात में ही सुबह के नाश्ते की तैयारी कर लें। इसके अलावा खुद को हाइड्रेट न रख पाने से भी हमें कई परेशानियों से होकर गुज़रना पड़ता है। बिना कुछ खाए बार बार चाय पीने से एसिडिटी की समस्या बढ़ने लगती है। महिलाओं को अपनी डाइट में कैल्शियम इनटेक बढ़ाना चाहिए। इसके अलावा फाइबर रिच फूड्स को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। मीठे पेस पदार्थों को बार बार लेने से बचें। इससे शरीर में कैलोरी इनटेक बढ़ने लगता है। सबसे ज़रूरी है कि हमें भरपूर नींद लेनी चाहिए ताकि हमारा माइंड रिलैक्स रह सके। इसका असर हमारे स्वास्थ्य पर भी नज़र आने लगता है।
यहां हैं वे 5 जरूरी टिप्स जो आपको लाइफस्टाइल डिजीज से बचा सकते हैं
1 वर्कआउट ज़रूर करें
अगर आपको ऐसा महसूस होता है कि दिनभर की दौड़भाग आपके वर्कआउट को रिप्लेस कर सकती है, तो ये गलत है। व्यायाम का अर्थ है कि जब आपका शरीर पूरी तरह से खुद पर फोक्स करता है। चाहे योग हो, जिम हो या एरोबिक्स। दिनभर में आधा घंटा एक्सरसाइज़ के लिए ज़रूर निकालें । इससे शरीर में लचीलापन बढ़ने लगता है। सेल्फ लव के इस खास कदम से आप बहुत सी बीमारियों को दूर भगाने में कारगर साबित हो सकते हैं।
दिन की पहली मील हमें मन की ताकत और शरीर को मज़बूती प्रदान करती है। अक्सर वो महिलाएं जो बिना कुछ खाए पिए काम पर निकलती है, उन्हें अक्सर थकान और चक्कर आने की समस्या सताती है। अगर आप इसे दिनचर्या का हिस्सा बना चुकी है, तो इससे आपका इम्यून सिस्टम भी कमज़ोर होने लगता है।
इस बारे में डॉ अदिति शर्मा का कहना है कि आपके ब्रेकफास्ट में विटामिन्स और मिनरल्स से लेकर, जिंक, प्रोटीन और फाइबर का होना ज़रूरी है। इससे बार बार भूख लगने की समस्या नहीं रहती है और आप लंबे वक्त तक बिना खाए रह सकते हैं। आप चाहें, तो एक दिन पहले सुबह के नाश्ते की तैयारी करके रख सकती हैं।
बहुत से ऐसे लोग है, जो दिनभर में पानी बहुत कम पीते है। इसका प्रभाव उनकी स्किन के लेकर माइंड तक हर जगह देखने को मिलता है। दिन भर काम की व्यस्तता और एयरकंडीशन में बैठने के चलते प्यास नहीं लगती है। ऐसे में चाहे टाइमर सेट करें या अलार्म लगाएं, मगर खाना खाने से पहले कुछ वक्त पानी पीने के लिए अवश्य निकालना चाहिए।
इसके लिए अपने डेस्क पर हर वक्त पानी की बोतल रखें, जिससे आपको पानी पीना याद रहेगा। दिनभर में एक से दो लीटर पानी अवश्य पीएं। इससे आपकी बॉडी डिटॉक्स होगी और शरीर को ज़रूरी मिनरल्स भी प्राप्त होंगे।
हर काम का ध्यान रखते रखते हम अपना ख्याल रखना भूल जाते है। उम्र के साथ शरीर में विटामिन्स और कैल्शियम की कमी को समय रहते पूरा करने के लिए ब्लड टेस्ट ज़रूरी है। इसके अलावा मधुमेह से लेकर हार्ट की हेल्थ तक हर चीज़ का ख्याल रखना आपकी सर्वप्रथम जिम्मेदारी है। बहुत सी समस्याएं उम्र बढ़ने के साथ बढ़ती चली जाती है। सही समय पर लिया गया इलाज सेहत को बचाने का काम करता है। इसके अलावा हड्डियों में अगर दर्द रहता है, जो उसकी जांच भी ज़रूर कराएं।
दिन भर कामों में उलझे रहने के साथ साथ कुछ वक्त अपने लिए निकालें। दोस्तों के साथ घूमने फिरने जाएं। मन मुताबिक कुछ समय एकांत में खुद के साथ भी बिताएं। इससे शरीर में बढ़ने वाला तनाव कम होने लगेगा। इसके अलावा मांइड रिलैक्स महसूस करेगा। कई बार खाली बैठना समय की बर्बादी नहीं बल्कि हमारी बॉडी को स्वस्थ रखने में मददगार साबित होता है। काम से ब्रेक लेकर खुद को चीयरअप करने का मौका नहीं गवाना चाहिए। साथ ही साथ आठ घंटे नींद पूरी करना भी ज़रूरी है।