धूल, गंदगी, सूरज की हानिकारक किरणें और वातावरण में हो रहे बदलाव के कारण एक्ने और ब्रेकआउट की समस्या होना आम होती जा रही है। ऐसे में अपनी त्वचा को एक सही देखभाल देना बहुत जरूरी है। अन्यथा आपकी छोटी सी लापरवाही त्वचा के लिए बड़ी मुसीबत का कारण बन सकती है। इसी के साथ इस बदलते मौसम में स्किन काफी ज्यादा ड्राई हो जाती है और ड्राई स्किन पोर्स को ब्लॉक कर देती हैं। तो इस वजह से भी त्वचा पर एक्ने होने की संभावना बढ़ जाती है। तो आज हम लेकर आये हैं, ऐसे 5 तरीके जो आपको एक्ने की समस्या से निजात पाने में मदद करेंगे। चलिए जानते हैं इनके बारे में थोड़ा और विस्तार से।
डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर सुयोमी शाह ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए एक्ने के कुछ प्रकारों के बारे में विस्तार से बताया है। तो चलिए जानते हैं आखिर एक्ने कितने प्रकार के होते हैं।
व्हाइटहेड्स छोटे बम्प्स और सीबम से भरे हुए पोर्स को कहते हैं। व्हाइटहेड्स हमेसा छोटे समूह में होते हैं और काफी समय तक त्वचा पर बने रहते हैं।
त्वचा के पोर्स में धूल गंदगी भर जाने पर छोटे-छोटे बम्प्स निकलने लगते हैं। जिसे हम ब्लैकहेड्स के नाम से जानते हैं। इसके साथ ही यह त्वचा की बाहरी स्किन को ऑक्सिडाइज कर देता है और काले धब्बे छोड़ जाता है।
पिंपल छोटे-छोटे बम्प्स को कहते हैं। इनमें पस और अन्य प्रकार की फ्लूइड भरी होती है। वहीं पिंपल्स में आमतौर पर वाइट रंग के बम्पस और उसके आसपास लाल रंग की त्वचा नजर आती है।
त्वचा के अंदर होने वाले इस टेस्ट को एक्ने सिस्ट भी कहा जाता है। कई बार त्वचा के स्किन के अंदर पिंपल की तरह पस से भरा सिस्ट निकल आता है। जो काफी ज्यादा दर्दनाक होता है। इसके होने पर त्वचा का वह एरिया सख्त और लाल हो जाता है।
त्वचा के अंदर गांठ पड़ना भी एक्ने का एक प्रकार है। कभी कबार त्वचा की सतह पर सख्त दाने महसूस होते हैं, जो बाहर से नजर नहीं आते। शुरुआत में यह त्वचा के अंदर ही रहते हैं परंतु धीरे-धीरे लाल होने लगते हैं और बम्स के रूप में त्वचा की सतह पर भी नजर आने लगते हैं।
यदि आपकी बॉडी डीहाइड्रेटेड है तो ऐसे में ग्लांड्स ज्यादा से ज्यादा ऑयल प्रोड्यूसर करते हैं। इसके साथ ही शरीर के डिहाइड्रेटेड होने पर त्वचा बेजान और मुरझाई हुई नजर आती है। वहीं इन्फ्लेमेशन और पिगमेंटेशन होने की भी संभावना बनी रहती है। इसलिए जब प्यास लगे तो कभी भी इसे नजरअंदाज न करें और शरीर को पर्याप्त पानी दें।
अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एसोसिएशन के अनुसार दिन में कम से कम 2 बार अच्छी तरह फेस वॉश करना जरूरी है। क्योंकि त्वचा पर जमे धूल, गंदगी और ऑयल स्किन पोर्स को बंद कर देते हैं जिस वजह से एक्ने होने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है।
अक्सर हम अपनी त्वचा पर हुए एक्ने को खुद से ठीक करने में लग जाते हैं। इसके लिए हम तरह-तरह की दवाइयों का प्रयोग करते हैं साथ ही इसके पस को हाथों से दबाकर निकालने की कोशिश करते हैं। ऐसे में अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एसोसिएशन के अनुसार ऐसा कुछ भी करना आपकी इन समस्यायों को और ज्यादा बढ़ा सकता है। इसलिए इन्हें प्राकृतिक रूप से ठीक होने दें, अन्यथा एक्ने के साथ छेड़छाड़ करना त्वचा पर कभी न मिटने वाला निशान छोड़ सकता है।
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कस्टमाइज़ करेंअमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एसोसिएशन के अनुसार त्वचा को बार बार हाथों से छूना एक्ने और पिंपल की समस्या का कारण हो सकता है। क्योंकि हाथों से हम हर तरह का काम करते हैं, जिस वजह से इनमें बैक्टीरिया और वायरस का बसेरा होता है। ऐसे में त्वचा को बार-बार हाथों से छूने से बैक्टीरिया चेहरे पर ट्रांसफर हो जाता हैं और यह आपके पोर्स में जमी गंदगी से अट्रैक्ट हो सकता है। जिस वजह से एक्ने की समस्या और ज्यादा बढ़ती है, साथ ही इसे नियंत्रित रख पाना मुश्किल हो जाता है। इसलिए इसे जितना हो सके उतना नजरअंदाज करने की कोशिश करें।
जरूरत से ज्यादा मेकअप प्रोडक्ट का इस्तेमाल त्वचा के पोर्स में बैठ जाता है ऐसे में पोर्स बंद हो जाते हैं। जिस वजह से एक्ने की समस्या होने की संभावना बनी रहती है। साथ ही इनमें मौजूद केमिकल स्किन इन्फेक्शन और एलर्जी का कारण बन सकते हैं।
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