पोषक तत्वों से भरपूर दही शरीर को न्यूट्रीशन प्रदान करता है। रोज़ाना इसका सेवन करने से न केवल शरीर में गुड बैक्टीरिया का प्रभाव बढ़ने लगता है बल्कि हृदय रोगों (heart problems) को भी दूर करने में मदद मिलती है। दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स मेटबॉलिज्म को बूस्ट (tips to boost metabolism) करके वेटलॉस में मदद करते है। दही में मौजूद कैल्शियम की उच्च मात्रा हड्डियों को भी मज़बूती प्रदान करता है। मगर साथ ही शरीर में बढ़ने वाले वसा के स्तर को भी नियंत्रित रखता है। जानते हैं कि कैसे दही को आहार में शामिल करके कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मिलती है मदद (curd for healthy heart)।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजे़शन के अनुसार कार्डियोवसकुलर डिज़ीज़ (cardiovascular disease) यानि सीवीडी से विश्व स्तर पर मौत का प्रमुख कारण है। इससे हर साल सबसे ज्यादा लोगों की मौत होती है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार दही को आहार में शामिल (Curd benefits for heart) करने से हृदय रोगों से बचा जा सकता है। दरअसल, कोरोनरी हार्ट डिज़ीज़ (coronary heart disease) के चलते ब्लड वेसल्स नैरो और सख्त होने लगती है। वेसल्स में बढ़ने वाली प्लाक की मात्रा हृदय रोगों, मोटापा और एथेरोस्क्लेरोसिस का जोखिम बढ़ जाता है।
इस बारे में बातचीत करते हुए डायटीशियन मनीषा गोयल बताती हैं कि दही में कैल्शियम की उच्च मात्रा के अलावा बी कॉम्प्लेक्स प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसमें मौजूद विटामिन बी12 और राइबोफलेविन की मदद से न्यूरल ट्यूब बर्थ डिफेक्ट के अलावा हृदय रोगों से राहत मिल जाती है। दही के सेवन से शरीर को सेचुरेटिड फैट्स और कुछ मात्रा में मोनो सैचुरेटिड फैट्स पाए जाते हैं। इसके सेवन से शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल का स्तर (Good cholesterol level) बढ़ने लगता है।
यूएसडीए के अनुसार 1 कप दही का सेवन करने से शरीर को 28 फीसदी फासफोरस, 10 फीसदी मैग्नीशियम और 12 फीसदी पोटेशियम की प्राप्ति होती है। इसके अलावा दही में सिलेनियम और जिंक की मात्रा भी पाई जाती है। इससे इम्यून सिटम को बूस्ट करने में मदद मिलती है।
ब्रिटिश जर्नल ऑफ न्यूट्रीशन की रिपोर्ट के अनुसार दही में मौजूद सेचुरेटिड फैटस (saturated fats) की मात्रा शरीर में वसा के स्तर को नियंत्रित करके गुड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने में मदद करती है। जर्नल ऑफ हेयरी साइंस की साल 2017 की रिपोर्ट के अनुसार घर पर तैयार किए गए दही को सेवन करने वाले लोगों में अन्य लोगों की तुलना में गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक पाई जाती है। इसके अलावा ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर नियंत्रित रहता है।
दही में विटामिन ए, बी6ए बी12 और राइबोफलेविन समेत कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार दही का नियमित सेवन करने से हाई ब्लड प्रेशर का खतरा कम होने लगता है। इसमें मौजूद कैल्शियम और पोटेशियम की मात्रा ब्लड प्रेशर को रेगुलेट करने में मदद करती है। एक अन्य स्टडी के अनुसार रोज़ाना दिन में तीन बार दही खाने से हाई ब्लड प्रेशर का खतरा 13 फीसदी तक कम होने लगता है।
हार्ट फाउंडेशन की रिसर्च के अनुसार अनफलेवर्ड दही का सेवन करने से रक्त वाहिकाओं में बढ़ने वाली स्टिफनेस को कम किया जा सकता है। दही को आहार में शामिल करने से धमनियों यानि आर्टरीज़ में आने वाली रुकावट को दूर करके हृदय में रक्त प्रवाह को बनाए रखने में मदद मिलती है। इसके सेवन से शरीर को मैग्नीशियम और पोटेशियम की प्राप्ति होती है। इससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को रेगुलेट करने में मदद लिती है।
हृदय स्वास्थ्य को उचित बनाए रखने के लिए गट माइक्रोबायोम मुख्य भूमिका अदा करता है। दही खाने से गट में गुड बैक्टीरिया का विकास बढ़ जाता है। हेल्दी गट माइक्रोबायोटा से एथेरोस्क्लेरोसिस, हाई ब्लड प्रेशर और सूजन को कम किया जा सकता हैं। गट माइक्रोबायोटा के संतुलित रहने से ट्राइमेथिलैमाइन एन ऑक्साइड यानि टीएमएओ का रिलीज़ बढ़ने लगता है, जिससे हृदय रोगों से बचा जा सकता है।
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