तनाव में कुछ लोग ज्यादा क्यों खाने लगते हैं, डॉक्टर बता रहे हैं स्ट्रेस ईटिंग के कारण और बचने के तरीके

हमारे दफ्तरों में, हमारे घरों में अब जा कर ऐसे लोग मिलने लगे जो स्वीकार रहे हैं कि तनाव में वे ज्यादा खाते हैं। उन्हें लगता है कि इससे उन्हें तनाव से मुक्ति मिलेगी। लेकिन इसके नुकसान ज्यादा हैं और फायदे न के बराबर।
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तनाव का हॉर्मोन जंक फूड की क्रेविंग बढ़ाता है। चित्र : अडोबीस्टॉक
Published On: 16 Dec 2024, 06:00 pm IST
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कुछ बरस पहले तक हम केवल यह जानते थे और मानते थे कि तनाव में लोग ठीक से खा नहीं पाते। लेकिन पिछले एक दशक में ऐसे लोगों की संख्या बढ़ी जो इसके ठीक उलट थे। संख्या बढ़ी ऐसा भी नहीं कहा जा सकता, लेकिन ये कहा जा सकता है कि ऐसे लोगों को भी एक टर्म मिला- स्ट्रेस ईटिंग (Stress Eating)। सिंपल सा मतलब यह है कि तनाव में ज्यादा खाना।

जब टर्म मिला तो लोगों ने अपनी समस्याएं साझा करनी शुरू कीं और फिर सामने आए इसके नुकसान। हमारे दफ्तरों में, हमारे घरों में अब जा कर ऐसे लोग मिलने लगे जो स्वीकार रहे हैं कि तनाव में वे ज्यादा खाते हैं। उन्हें लगता है कि इससे उन्हें तनाव से मुक्ति मिलेगी। लेकिन इसके नुकसान ज्यादा हैं और फायदे न के बराबर। आज हम इसी पर करेंगे बात।

तनाव में लोग क्यों ज्यादा खाते हैं? (Why people eat more in stress)

हार्वर्ड ब्रेन साइंस इनिशिएटिव की एक रिपोर्ट के अनुसार तनाव की वजह से दिमाग मे डोपामिन नाम के केमिकल की कमी हो जाती है। साइंस इसे फील गुड केमिकल के नाम से भी जानता है।ऐसे लोग जो तनाव में दिमाग में डोपामिन की कमी से जूझते हैं, वे खाने में ही ‘फील गुड’ के रीजन ढूंढने लगते हैं।

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जब आप तनाव में होते हैं तो कुछ मजेदार खाने से मूड को बेहतर महसूस होता है। चित्र : अडॉबी स्टॉक

एक दूसरा कारण भी है। जब हम तनाव लेते हैं तो शरीर में कोर्टिसोल नाम के स्ट्रेस हार्मोन का लेवल बढ़ जाता है। ये हार्मोन पहले तो भूख बढ़ाता है और दूसरा इसके बढ़ते ही लोगों को चटपटा, मसालेदार खाना खाने का मन होने लगता है। यही वजहें हैं कि तनाव में कुछ लोग स्ट्रेस ईटिंग (Stress Eating) का सहारा लेते हैं।

तनाव में ज्यादा खाने के नुकसान (Harmful Effects of Stress Eating)

1. वजन बढ़ेगा (Weight Gain)

खाने की वजह हमेशा शारीरिक ज़रूरत होनी चाहिए ना कि इमोशनल। जब हम शारिरिक ज़रूरत से उठकर इमोशनल आधार पर खाना शुरू करते हैं, तब शरीर मे कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ने लगता है क्योंकि शरीर मे कैलोरीज ज्यादा मात्रा में जाने लगती हैं। जिसकी वजह से वजन बढ़ना आम है। इसकी वजह से आपको हाई बीपी,दिल की बीमारियां और डायबिटीज का भी खतरा हो सकता है।

2.पाचन सम्बंधी समस्याएं (Problems of Digestion)

तनाव के समय में स्ट्रेस हार्मोन्स जैसे कोर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है। ये सारे हार्मोन्स पाचन की प्रक्रिया को धीमा कर देते हैं। फिर ऐसे वक्त में जब हम खाना खाते हैं तो हम ये नहीं देखते कि वो हेल्दी है या नहीं। जब तला-भुना खाना पेट के अंदर जाता है तो वो पेट में एसिड का लेवल और बढ़ा देता है। इसी वजह से कब्ज जैसी समस्या हो सकती है।

अक्सर तनाव के वक्त में लोग खाने को बिना चबाए और जल्दी जल्दी खाते हैं, इस वजह से भी पाचन संबंधी दिक्कतें होती हैं। कॉफी,चाय और सॉफ्ट ड्रिंक्स भी इन समस्याओं का एक कारण हैं। हमें इनसे भी बचना चाहिए।

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3.क्रॉनिक बीमारियों का ख़तरा (Stress Eating Causes Chronic Diseases)

अगर आप लंबे समय से स्ट्रेस ईटिंग कर रहे हैं तो आपको डरने की जरूरत है क्योंकि इससे कई बीमारियों का खतरा हो सकता है। तनाव में लोग अक्सर ज्यादा मीठा, तला हुआ और कैलोरीज़ की सोचे बगैर खाना खा लेते हैं, जिससे डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए होता है कि अनहेल्दी खाने अक्सर शरीर मे इंसुलिन का लेवल बढ़ा देते हैं।

इसके अलावा बहुत ज्यादा नमक अगर शरीर मे जाए तो ये हाई ब्लडप्रेशर जैसी बीमारियों की जड़ बनता है। फिर हार्ट से सम्बंधित बीमारियां भी हो सकती हैं।

तनाव में ओवरईटिंग से बचाने में मदद करेंगे ये टिप्स (How to reduce Stress Eating)

1. तनाव कम करने के लिए मेडिटेशन, योग और व्यायाम सबसे बेहतर विकल्प हैं। इससे आप स्ट्रेस ईटिंग से बच सकते हैं। लेकिन ये आपको नियमित करना होगा।
2.ऐसा खाना खाएं जिसमें पोषण ज्यादा हो और मिनरल्स पर्याप्त मात्रा में हो। जब शरीर मे भरपूर एनर्जी होगी तो बार-बार खाने की इच्छा भी कम होगी।
3. यदि तनाव में खाना छूट नहीं पा रहा है तो खाने का टाइमटेबल बनाएं। थोड़ा थोड़ा खाएं ताकि तनाव में खाने की आदत आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल ना बढ़ा पाए। बार बार स्नैक्स लेने की आदत कम करें।

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खाने को थेरेपी बनाने से बचना चाहिए। चित्र : एडॉबीस्टॉक

4. अच्छी नींद इस समस्या का इलाज है।7-8 घंटे की अच्छी नींद से कोर्टिसोल का लेवल कंट्रोल में रहता है। इस वजह से भूख कम लगती है।
5. हेल्दी खाना भी ऐसे वक्त में ऑप्शन है। अगर आप तनाव में खाना छोड़ नहीं पा रहे हैं तो फास्ट फूड या मसालेदार खाने की बजाय हेल्दी ऑप्शन्स तैयार रखें। इससे आपके शरीर को नुकसान नहीं पहुंचेगा।
6. खुद से मैनेजमेंट करें। तनाव होने की सूरत में अगर खाने का मन करें तो कंट्रोल करने की कोशिश करें यह सोचकर कि यह महज इमोशनल नीड है,शरीर को इसकी कोई ज़रूरत नहीं। कई बार यह मुश्किल हो सकता है लेकिन बार-बार करने से आप खुद पर कंट्रोल करना सीख सकते हैं।

स्ट्रेस ईटिंग में कब मिलें डॉक्टर से (When to talk a Doctor in stress eating)

1. अगर लगातार ज्यादा खाने से वजन बढ़ रहा है और आपको मोटापे का खतरा महसूस हो रहा है तो आपको तुरन्त डॉक्टर से मिल लेना चाहिए।
2.अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज की शिकायत है,उसके बाद भी आप स्ट्रेस ईटिंग नहीं छोड़ पा रहे हैं तो आपको डॉक्टर से मिल लेना चाहिए।
3.यदि आपको बार बार स्ट्रेस महसूस होता हो और आप इसका हल बार बार खाने में ढूंढते हों। यानी आप खुद पर कंट्रोल नहीं कर पा रहे हों तो आपको डॉक्टर के परामर्श की ज़रूरत है।
4.अगर आपको यह महसूस हो रहा है कि स्ट्रेस ईटिंग की वजह से आपको बार बार पाचन सम्बंधी या कब्ज की समस्या हो रही है तो आपको अपने डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।

चलते-चलते 
आज के दौर में स्ट्रेस ईटिंग बहुत कॉमन समस्या है और इसका इलाज भी मुमकिन है। बस ज़रूरत है तो सही समय पर अपनी इस समस्या का हल ढूंढने की। अगर घर पर किये गए जतन से आपको लाभ ना हो रहा हो तो आपको तुरन्त डॉक्टर के सलाह की जरूरत है। यह छोटी लगने वाली समस्या बड़ी बीमारियों को जन्म देती है इसलिए इसके इलाज़ में देरी बिल्कुल ना करें।

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लेखक के बारे में
राेहित त्रिपाठी
राेहित त्रिपाठी

गोरखपुर यूनिवर्सिटी से स्नातक और लिखने-पढ़ने की आदत। रेख्ता, पॉकेट एफएम, राजस्थान पत्रिका और आज तक के बाद अब हेल्थ शॉट्स के लिए हेल्थ, फिटनेस, भारतीय चिकित्सा विज्ञान और मनोविज्ञान पर रिसर्च बेस्ड लेखन।

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