वैसलीन,भैसलीन या बैसलीन। चीज़ एक ही है लेकिन हमने कई अलग अलग तरह से सुनी है। एक बात लेकिन कॉमन है कि ठंड के मौसम में ही इस चीज़ की ज़रूरत पड़ती है। क्यों? क्योंकि स्किन इतनी ड्राई (skin dryness in winter) हो जाती है कि इसके बिना काम नहीं चलता। वैसलीन एक तरह का मॉइस्चराइजर है जिस तरह का कोई और मॉइस्चराइजर भी हो सकता है। लेकिन सवाल ये है कि सर्दियों में ही मॉइस्चराइजर की ज़रूरत क्यों पड़ती है। तो चलिए बताते हैं आपको इसका कारण और सर्दियों के मौसम में स्किन ड्राईनेस से बचाव (How to deal with skin dryness in winter) के उपाय।
वायुमंडल की एक ख़ास बात यह है कि ये गिव एंड टेक के फार्मूले पर चलता है. सर्दियों में हवा की ठंडक वजह है कि उसमें नमी टिक नहीं पाती। हवा ड्राई है तो स्किन की नमी को सोख कर हवा अपना काम चलाने लगती है। इसीलिए स्किन ड्राई हो जाती है।
फोर्टिस हॉस्पिटल मुंबई में बतौर स्किन स्पेशलिस्ट काम करने वाली डॉ. स्मृति नासवा सिंह बताती हैं- “इसका कारण ये है कि जो हमारा स्किन है वो सुरक्षा कवच की तरह है जो डायरेक्ट वातावरण से कॉन्टेक्ट में रहता है। अगर मैं इसको इस प्रॉसेस से समझाऊं जो हमारा ऑस्मोसिस होता है, जैसे अगर एक किशमिश को पानी मे डालें तो वो फूल जाती है और पानी से निकाल दिया तो सिकुड़ जाती है। तो चमड़ी के जो शीट्स हैं वो कोई प्लास्टिक शीट की तरह नहीं है, वो सेल्स पोरस होते हैं और उसमें लगातार डायलॉग होता है वातावरण के साथ।”
जब भी वातावरण गीला है या ह्यूमिडिटी है जैसे बारिश का मौसम है या गर्मी है तो ऑस्मोसिस के प्रोसेस से हमारी स्किन में नमी बनी रहती है लेकिन सर्दी के मौसम में जब ह्यूमिडिटी लेवल कम हो जाता है तब रिवर्स ऑस्मोसिस के प्रॉसेस से हमारे स्किन के अंदर की नमी एनवायरमेंट खींच लेता है।”
यह तो मौसम की बात हुई लेकिन इसके अलावा और भी बहुत से कारण है जो इसके लिए ज़िम्मेदार हो सकते हैं।
जैसे ठंड के मौसम में अमूमन लोग पानी कम पीते हैं। इसकी वजह से शरीर अक्सर डीहाइड्रेशन के ख़तरे का शिकार हो जाता है। सर्दी है तो धूप की अपेक्षा भी मौसम से कम से कम ही की जा सकती है। इसकी वजह से भी समस्याएं शुरू होती हैं और लोगों में सूरज के धूप की कमी की वजह से विटामिन D की कमी हो जाती है।
अपने स्किन के लिए कभी भी रैंडम प्रोडक्ट चुनने से बचें। मॉइस्चराइजर के नाम पर हम अक्सर कुछ भी चुन लेते हैं। लेकिन हमें इससे बचने की ज़रूरत है। सस्ते प्रोडक्ट के लालच में आ कर, स्किन टाइप की जानकारी लिए बिना कोई भी प्रोडक्ट चुनना स्किन हेल्थ के लिए नुकसानदायक हो सकता है। एक्सपायरी डेट वगैरह को चेक करना ज़रूरी ही है।
सर्दी है तो पसीना आने का सवाल ही नहीं है। प्यास भी गर्मियों की तरह नहीं लगती। इस वजह से लोग पानी पीते नहीं हैं। इसका असर बाकी शरीर के साथ त्वचा पर भी पड़ता है। इसलिए रूखी स्किन से अगर बचना है तो खूब पानी पीना ज़रूरी आदतों में शामिल होना चाहिए। इसके अलावा सर्दियों में लोग ज़्यादा चाय या कॉफी पीने को भी बेहतर विकल्प मानते हैं जबकि ये है नहीं। स्वस्थ त्वचा के लिए ज़्यादा चाय या कॉफी हानिकारक है।
यह सच है कि गर्म पानी से नहाना कई मायने में फायदेमंद है लेकिन जब ये एक हद से बढ़कर हुआ तो यह स्किन का दुश्मन बन जाता है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि स्किन की सेहत और रूखापन से बचने के लिए अत्यधिक गरमपानी से नहाने से बचिए क्योंकि इससे शरीर का नेचुरल ऑयल जो शरीर मे नमी बनाए रखता है उसके सूखने के चांसेस हैं।
सही खाएंगे नहीं तो दवा क्या कुछ भी असर नहीं करेगा। यह वाक्य मेरे एक बुजुर्ग अक्सर कहते थे। सर्दियों में स्किन के हेल्थ को दुरुस्त लगने के लिए यह बहुत ज़रूरी है। विटामिन E, C और एंटी ऑक्सीडेंट चीजें खाना ही सर्दियों में लाभकर है। अब इसमें हरी सब्जियां, ड्राइफ्रूट्स या फिर जो भी सीजनल फल हों, उन्हें शामिल करें।
यह भी पढ़ें- सेब ला सकता है त्वचा में गुलाबी निखार, यहां हैं इसे खाने और चेहरे पर लगाने के फायदे