लगातार बुरे सपने, जिन्हें अक्सर दुःस्वप्न के रूप में संदर्भित किया जाता है, जिसे हम नाईटमेयर कहते हैं। ऐसे तो सपनों को लेकर लोगों के मन में अलग-अलग तरह की अवधारणाएं बानी हुई हैं, पर असल में ऐसा क्यों होता है इसका पता लगाना बहुत जरुरी है। कभी कभार सपने आना सामान्य है, पर यदि रोजाना आपको बुरे सपने (bad dreams) आते हैं तो इसे नज़रअंदाज नहीं करना चाहिए। बैड ड्रीम के कई साइकोलॉजिकल कारण हैं, जिसे समझना जरुरी है। इस तरह से सपनो का आपकी नींद पर नकारात्मक असर पड़ता है, यही नहीं यह आपके मानसिक तनाव को भी बढ़ा सकता है।
लगातार बुरे सपने आने के कारण (causes of continuous bad dream) और इन्हे अवॉयड करने के उपाय समझने के लिए हमने डॉ. गौरव गुप्ता, (सी ई ओ ) और सीनियर मनोचिकित्सक, तुलसी हेल्थकेयर, नई दिल्ली से सलाह ली। डॉ ने इस विषय से जुडी कई जरुरी बातें बताई है, तो चलिए जानते हैं बैड ड्रीम के क्या कारण हैं, और इनसे बचाव का तरीका (how to control bad dreams)।
डॉ. गौरव गुप्ता के अनुसार “आमतौर पर बैड ड्रीम मनोवैज्ञानिक कारक जैसे तनाव, चिंता, आघात, जीवन में बड़े बदलाव, अवसाद और अनसुलझे भावनात्मक मुद्दों से प्रेरित होते हैं। ये सपनों में परेशान करने वाली छवियों के रूप में प्रकट हो सकते हैं, जो आपके जीवन के अंतर्निहित चिंताओं को दर्शाते हैं, और विशेष रूप से PTSD जैसी स्थितियों वाले लोगों में प्रचलित हो सकते हैं।”
रिलैक्सेशन तकनीक: एक्सपर्ट के अनुसार बिस्तर पर जाने से पहले तनाव के स्तर को प्रबंधित करने के लिए मेडिटेशन, डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज, मसल्स रिलैक्सेशन का अभ्यास करें। इस प्रकार आपका दिमाग रिलैक्स रहता है और आपको बुरे सपने नहीं आते।
कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (CBT): एक्सपर्ट के अनुसार “चिंता में योगदान देने वाले नकारात्मक विचार पैटर्न (negative thought pattern) की पहचान करने और उन्हें संबोधित करने के लिए कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी लेने की सलाह दी जाती है।”
जीवनशैली में बदलाव: नियमित व्यायाम, स्वस्थ आहार और हेल्दी स्लीप हाइजीन को प्राथमिकता दें। इस प्रकार आपका तनाव कम होता है, साथ ही चिंता और अवसाद की भावना नियंत्रित रहती है। बुरे सपनों से बचने के लिए हेल्दी स्लीप बहुत जरुरी है।
स्लीप शेड्यूल बनाएं: हर दिन एक ही समय पर बिस्तर पर जाएं और सुबह एक ही समय पर जागें, वीकेंड पर भी ऐसा ही करें। इस प्रकार आपको अच्छी और गहरी नींद प्राप्त करने में मदद मिलती है और आपको बुरे सपने नहीं आते।
रिलैक्सिंग बेडटाइम रूटीन बनाएं: सोने से तुरंत पहले स्क्रीन, कैफीन जैसे उत्तेजक पदार्थों के साथ ही भारी भोजन करने से बचें। अधिक भोजन करने या उत्तेजन पदार्थों के सेवन से नींद की गुणवत्ता प्रभावित हो जाती है, जिसकी वजह से आपको बुरे सपने आ सकते हैं।
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हेल्दी स्लीप एनवायरनमेंट क्रिएट करें: अपने कमरे में अंधेरा, शांत और ठंडा या गर्म (मौसम के अनुकूल) वतावरण बनाएं, इससे एक बेहतर गुणवत्ता वाली नींद प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
सपनों की एक जर्नल रखें: बार-बार आने वाले विषयों और ट्रिगर्स की पहचान करने के लिए जागने के तुरंत बाद अपने सपनों को लिखें।
सपनों को एक्सप्लेन करें: उन अंतर्निहित भावनाओं और स्थितियों को समझने के लिए अपने सपनों का विश्लेषण करें जो उन्हें पैदा कर सकती हैं।
एक्सपोज़र थेरेपी: यदि बुरे सपने किसी दर्दनाक अनुभव से उत्पन्न होते हैं, तो ट्रिगर करने वाली यादों के प्रति धीरे-धीरे खुद को असंवेदनशील बनाने के लिए एक्सपोज़र थेरेपी लेने की सलाह दी जाती है।
आई मूवमेंट डिसेन्सिटाइजेशन एंड रीप्रोसेसिंग (EMDR): यह एक ऐसी थेरेपी है, जो दर्दनाक अनुभवों को संसाधित करने में आपकी मदद कर सकती है।
प्रोफ़ेशनल से बात करें: यदि बुरे सपने आपके जीवन की गुणवत्ता को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर रहे हैं, तो स्लीप डिसऑर्डर पर काम करने वाले प्रोफ़ेशनल एक्सपर्ट से सलाह लेने में कोई बुराई नहीं। वे आपकी स्थिति को बेहतर तरीके से समझकर इसमें सुधार करने में आपकी मदद करेंगे।
मेडिकेशन पर ध्यान दें: कुछ मामलों में, आपका डॉक्टर अंतर्निहित मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों को प्रबंधित करने के लिए दवा लिख सकता है, जो बुरे सपनों में योगदान करती हैं।
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